गणेश वासुदेव मावलंकर का जीवन परिचय (Biography of Ganesh Vasudev Mavalankar in Hindi)
गणेश वासुदेव मावलंकर एक प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और भारत की लोकसभा के प्रथम अध्यक्ष थे। उन्होंने खेड़ा सत्याग्रह में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया था। मावलंकर ने साइमन कमीशन के बहिष्कार के लिए अहमदाबाद में आगे बढ़कर भाग लिया था। इनका कई भाषाओं पर एकाधिकार था। उन्होंने मराठी, गुजराती और अंग्रेज़ी भाषा में अनेक ग्रन्थ भी लिखे हैं।
संक्षिप्त विवरण (Quick Info):
नाम | गणेश वासुदेव मावलंकर |
जन्म तिथि | 27 नवम्बर 1888 |
जन्म स्थान | वडोदरा, गुजरात (भारत) |
निधन तिथि | 27 फरवरी 1956 |
उपलब्धि | स्वतंत्र भारत के प्रथम लोकसभा अध्यक्ष |
उपलब्धि वर्ष | 1947 |
गणेश वासुदेव मावलंकर से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य: (Important Facts Related to Ganesh Vasudev Mavalankar)
- गणेश वासुदेव मावलंकर का जन्म 27 नवम्बर, 1888 ई. को वडोदरा, गुजरात में हुआ था।
- इन्हें ‘दादा साहेब’ के नाम से भी जाना जाता है।
- मावलंकर अपनी उच्च शिक्षा के लिए 1902 ई. में अहमदाबाद आ गये थे। उन्होंने अपनी बी.ए. की परीक्षा ‘गुजरात कॉलेज’ से उत्तीर्ण की थी और क़ानून की डिग्री ‘मुंबई यूनिवर्सिटी’ से प्राप्त की।
- वे 1913 में गुजरात शिक्षा सोसाइटी के मानद सचिव रहे और 1916 में गुजरात सभा के भी सचिव रहे।
- गणेश वासुदेव मावलंकर ने महात्मा गाँधी जी के असहयोग आंदोलन के समय 1922 ई. में वकालत छोड़ दी थी।
- वासुदेव मावलंकर वर्ष 1937 में मुंबई विधान सभा के सदस्य और उसके अध्यक्ष चुने गए।
- साल 1946 में उन्हें सेंट्रल लेजिस्लेटिव असेंबली का अध्यक्ष चुना गया था।
- आजादी के बाद 1947 ई. में उन्हें सर्वसम्मति से लोकसभा का पहला अध्यक्ष (स्पीकर) चुना गया। 1952 ई. में पहले सार्वजनिक चुनाव के बाद उन्हें पुनः अध्यक्ष का आसन मिला।
- गणेश वासुदेव मावलंकर संविधान सभा के प्रमुख सदस्यों में से एक थे।
- आजाद भारत के पहले लोकसभा अध्यक्ष गणेश वासुदेव मावलंकर का निधन 27 फरवरी 1956 को हुआ था।
जांचें कि आपने ऊपर क्या पढ़ा? प्रश्नोत्तरी:
साल 1946 में सेंट्रल लेजिस्लेटिव असेंबली का अध्यक्ष किसे चुना गया था?
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गणेश वासुदेव मावलंकर ने वकालत कब छोड़ी थी?
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