चौमहल्ला पैलेस संक्षिप्त जानकारी

स्थानहैदराबाद, तेलंगाना (भारत)
निर्माणकाल1750 ई.-1869 ई.
निर्मातासलाबत जंग, अफज़ल अद-दव्लाह और आसफ जाह
वर्तमान स्वामीमुकरम जहां
प्रकारमहल

चौमहल्ला पैलेस का संक्षिप्त विवरण

भारत का सबसे नवीनतम राज्य तेलंगाना अपनी भौगोलिक स्थित, सांस्कृतिक वातावरण और अद्भुत ऐतिहासिक स्थलों के लिए पूरे विश्वभर में प्रसिद्ध है। इसकी राजधानी हैदराबाद भारत के सबसे सुंदर शहरों में से एक है। हैदराबाद में स्थित चौमहल्ला पैलेस भारत के सबसे प्राचीनतम महलो में से एक है। इस महल का निर्माण लगभग 2 शताब्दियों तक चलता रहा था।

चौमहल्ला पैलेस का इतिहास

इस लोकप्रिय महल का निर्माण वर्ष 1750 ई. सलाबत जंग द्वारा शुरू किया गया जिसे वर्ष 1857 से वर्ष 1869 के बीच अफजल विज्ञापन-दावला और असफ जहां V ने पूरा कराया था। यह महल अपनी शैली और रम्यता के लिए अद्वितीय है। 18वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में महल का निर्माण शुरू हुआ था जिसे कई दशकों तक कई वास्तुशिल्प शैलियों में बनाया गया था। इस महल में दो आंगनों के साथ-साथ एक भव्य खिलवत (दरबार हॉल), फव्वारे और बगीचे भी शामिल हैं।

चौमहल्ला पैलेस के रोचक तथ्य

  1. इस अद्भुत महल का निर्माण कार्य वर्ष 1750 ई. में सलाबत जंग द्वारा किया गया था, जिसे लगभग 1 शताब्दी बाद वर्ष 1857 से वर्ष 1869 के बीच पूर्णरूप से बनाकर तैयार कर दिया गया था।
  2. इस महल के पुन: निर्माण का कार्य वर्ष 2005-2010 ई. के मध्य राजकुमारी एइसरा द्वारा किया गया था।
  3. यह महल भारत के सबसे विशालकाय महलो में से एक था, जोकि लगभग 45 एकड़ के क्षेत्रफल को घेरता था, परंतु वर्तमान में यह केवल 12 एकड़ के क्षेत्रफल में ही फैला हुआ है।
  4. दक्षिणी आंगन महल का सबसे पुराना हिस्सा है, जिसमें 4 महलो का समूह मौजूद है जिसमे अफजल महल, महाताब महल, तहनीत महल और अफताब महल प्रमुख हैं। यह नव-शास्त्रीय शैली में बनाये गये है।
  5. इस महल के उत्तरी आंगन में 1 बारा इमाम स्थित है, जिसके पूर्वी तरफ के कमरों का एक लंबा गलियार व केंद्र में एक केंद्रीय फव्वारा और पूल बनाए गये है।
  6. इस महल का हृदय खिलवत मुबारक को कहा जाता है, यह हैदराबाद के लोगों द्वारा उच्च सम्मान में आयोजित किया जाता है, जैसे यह असफ़ जाही राजवंश की सीट थी।
  7. चौमाहल्ला पैलेस के मुख्य द्वार के ऊपर स्थित घड़ी को प्यार से “खिलवत घड़ी” कहा जाता है। यह लगभग 251 वर्षों से लगातार चलती आ रही है।
  8. इस महल में स्थित परिषद् सभा-भवन में एक दुर्लभ संग्रह मौजूद जिसमे पांडुलिपियों और अनमोल किताबों को काफी संजोकर रखा गया है।
  9. इस महल की सबसे सुंदर संरचना इसके भीतर स्थित रोशन बंगला है, ऐसा माना जाता है कि छठे निजाम यहां रहते थे और उन्होंने ही इस इमारत का नाम अपनी मां रोशन बेगम के नाम पर रखा गया था। इस महल का भी पुन:निर्माण वर्ष 2005 में शुरू करवाया गया जिसमे 5 वर्ष का समय लगा था।
  10. 15 मार्च 2010 में “यूनेस्को एशिया पेसिफिक मेरिट” द्वारा आयोजित सांस्कृतिक विरासत संरक्षण पुरस्कार के लिए चौमहल्ला पैलेस को प्रस्तुत किया गया था।

  Last update :  Wed 3 Aug 2022
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  Post Category :  प्रसिद्ध महल
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