गोहद किला संक्षिप्त जानकारी

स्थानभिण्ड, मध्य प्रदेश (भारत)
निर्माण1505 ई.
निर्माताजाट शासक “सिंघांदेव II”
प्रकारकिला

गोहद किला का संक्षिप्त विवरण

भारत अपनी भौगोलिक विशेषताओ के लिए पूरे विश्व में विख्यात है। भारतीय राज्य मध्य प्रदेश पर्यटन की दृष्टि से भारत का सबसे प्रमुख राज्य है। मध्य प्रदेश में स्थित गोहद का किला भारतीय संस्कृति, वास्तुकला और नक्काशियों का अनूठा मिश्रण है। यह किला भारत के सबसे ऐतिहासिक किलो में से एक है।

गोहद किला का इतिहास

प्रसिद्ध ब्रिटिश अधिकारी अलेक्जेंडर कनिंघम और विलियम कुक के अनुसार वर्ष 1505 ई. में आगरा की जाट जाति के लोगो ने मध्य प्रदेश में गोहद शहर की स्थापना की थी। गोहद के जाट शासकों को राणा का खिताब दिया गया था। राणा जाट शासक सिंघांदेव द्वितीय ने वर्ष 1505 ई. में गोहद किला और गोहद राज्य की स्थापना की।

गोहद किला के रोचक तथ्य

  1. इस ऐतिहासिक किले का निर्माण वर्ष 1505 ई. में जाटो के सबसे प्रसिद्ध शासक राजा सिंघांदेव II द्वारा करवाया गया था।
  2. जाटो के सबसे प्रसिद्ध शासक राजा सिंघांदेव II अपनी प्रजा और अपनी सुरक्षा को लेकर काफी सजग थे इसलिए उन्होंने गोहद राज्य में अपने लोगों की सुरक्षा के लिए लगभग 360 से अधिक किलो का निर्माण करवाया था।
  3. यह किला गोलाकार है क्यूंकि इस किले को बनाने के लिए जिस स्थान को चुना गया था वहाँ से वैसीली नदी गुजरती थी जो एक गोलाकार मोड़ लेती थी जिस कारण इस किले का भी निर्माण ऐसे किया गया की यह नदी उसकी रक्षा कर सके।
  4. यह किला सुरक्षा की दृष्टी से काफी सुरक्षित था क्यूंकि इस किले को चारो तरफ से 5 कि.मी. लंबी सुरक्षा दीवार से घेरा गया था।
  5. यह किला इतना विस्तृत है की इसमें प्रवेश करने के लिए लगभग 11 से अधिक प्रवेश द्वारो का निर्माण किया गया था, जिनका नाम यहाँ के स्थानीय गाँवो के नाम पर रखा गया था।
  6. इस किले में कई प्रवेश द्वारा है परंतु इसके सबसे प्रमुख प्रवेश द्वारो की संख्या 7 है जिनके नाम है, इटाली, बर्थारा, गोहदी, बिरखारी, कथवान, खारौआ और सरस्वती।
  7. इस किले की रक्षा करने के लिए 4 पंक्तियों का निर्माण किया गया था जिनमे 1 नदी, और 3 विशालकाय दीवार सम्मिलित है।
  8. इस किले की सबसे बाहरी सुरक्षा दीवार का निर्माण चट्टानी पत्थरों से किया गया है जो लगभग 10 मीटर से अधिक ऊँची है।
  9. इस किले की दूसरी दीवार का निर्माण मिट्टी से किया गया है जो देखने में काफी आकर्षक लगती है।
  10. इस किले की सबसे आंतरिक दीवार का निर्माण किले को घेर रही खाई के किनारे किया गया था, यह दीवार लगभग 1 कि.मी. तक लंबी है, इस दीवार में 2 द्वार है जिन्हें “हाथी पौर” और “संकल गेट” के नाम से जाना जाता है।
  11. इस किले को इतना मजबूत बनाया गया था की प्राय यहाँ पर शासन करने वाले राजाओ के दुश्मन उन सामग्रीयों को जानना चाहते थे जिससे इसका निर्माण किया गया था, परंतु यह किला स्थानीय रूप से उपलब्ध सामग्रियों पत्थर, चूने का गारा और ईंटें से ही मिलकर बना हुआ था।
  12. वर्ष 2017 में आयोजित यूनेस्को एशिया- सांस्कृतिक विरासत संरक्षण सम्मेलन में प्रशांत पुरस्कार के लिए भारत के मध्य प्रदेश में स्थित गोहद किला को चुना गया था।

  Last update :  Wed 3 Aug 2022
  Post Views :  12354
हैदराबाद तेलंगाना के गोलकुंडा किला का इतिहास तथा महत्वपूर्ण जानकारी
ग्वालियर मध्य प्रदेश के ग्वालियर किला का इतिहास तथा महत्वपूर्ण जानकारी
जोधपुर राजस्थान के मेहरानगढ़ किला का इतिहास तथा महत्वपूर्ण जानकारी
जैसलमेर राजस्थान के जैसलमेर किला का इतिहास तथा महत्वपूर्ण जानकारी
जयपुर राजस्थान के आमेर किला आंबेर का किला का इतिहास तथा महत्वपूर्ण जानकारी
आगरा उत्तर प्रदेश के आगरा का किला का इतिहास तथा महत्वपूर्ण जानकारी
विल्लुपुरम तमिलनाडु के जिंजी किला का इतिहास तथा महत्वपूर्ण जानकारी
राजसमंद राजस्थान के कुम्भलगढ़ किला का इतिहास तथा महत्वपूर्ण जानकारी
चित्तौड़गढ़ राजस्थान के चित्तौड़गढ़ किला का इतिहास तथा महत्वपूर्ण जानकारी
कांगड़ा हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा किला का इतिहास तथा महत्वपूर्ण जानकारी
मंड्या जिला कर्नाटक के श्रीरंगपटना किला का इतिहास तथा महत्वपूर्ण जानकारी