लाल किला संक्षिप्त जानकारी
स्थान | चांदनी चौक, दिल्ली (भारत) |
निर्माणकाल | 1639 से 1648 |
निर्माता (किसने बनवाया) शाहजहाँ | शाहजहाँ |
वास्तुकार | उस्ताद अहमद लाहौरी |
वास्तुकला | इस्लामिक, भारतीय, तैमूरियाई और फारसी शैली का मिश्रित रूप |
प्रकार | किला |
स्थिति | यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल |
कुल क्षेत्रफल | 255 एकड़ |
संलग्नक दीवारों की लंबाई | 2.5 किमी |
उपयोग की गई सामाग्री | लाल बलुआ पत्थर |
घूमने का समय | सुबह 9:30 से शाम 4:30 और सोमवार को बंद हुआ |
प्रवेश शुल्क | भारतीयों के लिए 35 रु तथा विदेशियों के लिए 500 रु |
वीडियो कैमरे का शुल्क | ₹ 25 |
नजदीकी मेट्रो स्टेशन | लाल किला मेट्रो स्टेशन |
लाल किला का संक्षिप्त विवरण
भारत में कई ऐतिहासिक किले है मगर भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित लाल किले जैसा किला शायद ही कंही और होगा। दिल्ली का लाल किला इसके सबसे पुराने ऐतिहासिक स्थलों में से एक है यह दिल्ली में यमुना नदी के किनारे स्थित है। इसे मुगल साम्राज्य के 5वें सम्राट शाहजहाँ ने बनवाया था। इसे वर्ष 2007 में युनेस्को द्वारा एक विश्व धरोहर स्थल के रूप चयनित किया गया था।
लाल किला का इतिहास
लाल किले का निर्माण मुगल सम्राट शाहजहां ने 12 मई 1639 को शुरू करवाया जब उन्होंने अपनी राजधानी आगरा से दिल्ली मे स्थानांतरित करने का निर्णय लिया। शाहजहां ने प्रसिद्ध वास्तुकार उस्ताद अहमद लाहौरी को इसके निर्माण का कार्यभार सौंपा और वास्तुकार को सम्राट के पसंद अनुसार ही कार्य करने को कहा वास्तुकार उस्ताद अहमद लाहौरी ने भी सम्राट की पसंद को ध्यान में रखते हुये मूल रूप से लाल और सफेद रंग के पत्थरो से लाल किले का निर्माण करवाया जोकि 1648 में पूर्णरूप से बनकर तैयार हो गया।
प्रारंभ में लाल किला पुरने किले से नही जुड़ा हुआ था परंतु औरंगजे़ब के शासन काल में लाल किला को पुराने किले से जोड़ने का काम किया गया। लाल किले पर कईशासक ने कब्जा किया क्यूंकि यह उस समय शाहजहाँनाबाद की मध्यकालीन नगरी का महत्वपूर्ण केन्द्र-बिन्दु था, शासको ने लाल किले में समय के साथ इसमें परिवर्तन कीये थे जैसे की 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के बाद इसे ब्रिटिश छावनी रूप में प्रयोग किया गया था।
लाल किले की स्थापत्य शैली:
लाल किले की स्थापत्य शैली भी मुगल स्थापत्य शैली का सर्वोतम उदाहरण है जिसमे भारतीय, यूरोपीय अथवा फारसी स्थापत्य शैलियाँ भी स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है जो इसे एक शाहजहनी शैली रूप में प्रस्तुत करती है। लाल किले की स्थापत्य शैली में उच्च स्तरीय कला और उच्च स्तर के अलंकरण दिखाई देती है जो इसकी सुन्दरता को और भी ज्यादा बढ़ा देती है। किले की इमारतों में संगमरमर, पुष्प सजावट और डबल गुंबद में मुगल स्थापत्य शैली का उदाहरण देते हैं।
लाल किले की प्रमुख संरचनाएं:
लाल किले प्रमुख संरचनाओ में से एक उसका लाहौरी गेट लाल किले का मुख्य द्वार है जिसका नाम लाहौर शहर के नाम पर रखा गया था और दूसरा महत्वपूर्ण द्वार दिल्ली गेट है जिसे औरंगजेब द्वारा नष्ट करने के बाद 1903 में लॉर्ड कर्जन द्वारा पुनःनिर्मित किया गया था अथवा अन्य महत्वपूर्ण संरचनाओ में छत्ता चौक, नौबत खाना, दीवान-ए-आम, नाह्र-ए-बिहिस्त, दीवान-ए-खास, मुमताज महल, हरम आदि संरचना सम्मिलित है। लाल किले में प्रत्येक इमारत का अपना एक विशेष महत्व है जैसे छत्ता चौक बाजार के लिए, दीवान-ए-आम सभा के लिए उपयोग कीये जाते थे।
लाल किला के रोचक तथ्य
- लाल किले का वर्तमान में रंग लाल है परंतु मूल रूप से पहले वह लाल नही बल्कि सफेद था जिसे बाद में ब्रिटिश साम्राज्य के अधिकारियों ने लाल किले की मरम्मत के दौरान लालरंग वाले पत्थरों व रंगो से रंगवा दिया था।
- लाल किले को लाल किला इसलिए कहा जाता है क्यूंकि उसकी उच्च सीमा दीवारे जिनका कार्य शाही लोगो को अधिकतम सुरक्षा प्रदान करना था लाल रंग की थी।
- लाल किला अपने रंग के कारण लाल किले के नाम इ जाना जाता है परंतु वास्तव में उसका नाम किला-ए-मुबारक या मुबारक किला है।
- विश्व प्रसिद्ध कोहिनूर हीरा वास्तव में शाहजहां के सिंहासन का में लगा हुआ था जो ठोस सोने से बने सिंहासन और बहुमूल्य पत्थरों से घिरा हुआ था उसे अंग्रेजो द्वारा लूट लिया गया।
- लाल किले में पहले स्वतंत्रता दिवस के बाद से ही प्रत्येक स्वतंत्रता दिवस पर प्रधान मंत्री द्वारा लाल किले से भाषण दिया जाता हैं।
- लाल किला को भी ताजमहल की भांति यमुना नदी के किनारे पर बनाया गया था। सुरक्षा की दृष्टि से बनाई गई खाई को भी यमुना के जल से ही भरा जाता था।
- 1739 में नादरशाह ने दिल्ली पर हमला कर लाल किले के बगीचे और दीवारों को काफी नुकसान भी पहुँचाया था।
- 1857 की क्रांति के समय क्रांतिकारियों ने लाल किले को अपने अधीन कर लिया था परन्तु अंग्रेजों ने इन सभी क्रांतिकारियों को हरा कर लाल किले क अपने अधीन कर उसे ब्रिटिश सेना का मुख्यालय बना दिया।
- अंतिम मुगल सम्राट बहादुरशाह जफर पर इसी किले में केस चलाया गया और उसके दो बेटों को मौत की सजा देकर को सम्राट बहादुरशाह जफर रंगून जेल में भेज दिया गया।
- रंग महल जिसका शाब्दिक अर्थ है "रंगों का महल" रानियों और शाही महिलाओ के लिए बनाया गया था जिसके अंदर जाने की अनुमति केवल सम्राट और राजकुमारों को ही थी।