इस अध्याय के माध्यम से हम जानेंगे मेघनाद साहा (Meghnad Saha) से जुड़े महत्वपूर्ण एवं रोचक तथ्य जैसे उनकी व्यक्तिगत जानकारी, शिक्षा तथा करियर, उपलब्धि तथा सम्मानित पुरस्कार और भी अन्य जानकारियाँ। इस विषय में दिए गए मेघनाद साहा से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों को एकत्रित किया गया है जिसे पढ़कर आपको प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में मदद मिलेगी। Meghnad Saha Biography and Interesting Facts in Hindi.

मेघनाद साहा का संक्षिप्त सामान्य ज्ञान

नाममेघनाद साहा (Meghnad Saha)
जन्म की तारीख06 अक्टूबर
जन्म स्थानशोरतोली, ढाका, बंगाल
निधन तिथि16 फ़रवरी
माता व पिता का नामभुवनेश्वरी देवी / जगन्नाथ साहा
उपलब्धि1952 - लोकसभा हेतु निर्वाचित प्रथम भारतीय वैज्ञानिक
पेशा / देशपुरुष / राजनीतिज्ञ / भारत

मेघनाद साहा - लोकसभा हेतु निर्वाचित प्रथम भारतीय वैज्ञानिक (1952)

मेघनाद साहा भारत के एक महान खगोल वैज्ञानिक थे। डॉ. मेघनाद साहा ने तारों के ताप और वर्णक्रम के निकट संबंध के भौतकीय कारणों को खोज निकाला था। भारतीय कैलेंडर के क्षेत्र में भी उनका महत्त्वपूर्ण योगदान था। वह साल 1952 में हुए संसदीय चुनावों में एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में खड़े हुए और उनकी बड़े अंतर से चुनाव में जीत हुई, इसके साथ ही वे लोकसभा हेतु निर्वाचित होने वाले देश के प्रथम भारतीय वैज्ञानिक बन गए।

मेघनाद साहा का जन्म 06 अक्टूबर 1893 को ढाका (वर्तमान बांग्लादेश) से लगभग 45 किलोमीटर दूर शाओराटोली गाँव में एक गरीब परिवार में हुआ था।इनके पिता का नाम जगन्नाथ साहा तथा माता का नाम भुवनेश्वरी देवी था।
मेघनाद साहा की मृत्यु 16 फरवरी 1956 (आयु 62 वर्ष) को नई दिल्ली भारत में कार्डियक अरेस्ट से साहा की मौत हुई। वह अपनी मृत्यु से पहले दस महीने से उच्च रक्तचाप से पीड़ित थे। जब वह राष्ट्रपति भवन में योजना आयोग के कार्यालय के लिए जा रहे थे ,तभी वह कुछ गज की दूरी पर गिर गए। अस्पताल ले जाते समय सुबह 10:15 बजे ( IST ) उनकी मौत हो गई।
गरीबी के कारण साहा को आगे बढ़ने के लिये बहुत संघर्ष करना पड़ा। उनकी आरम्भिक शिक्षा ढाका कॉलेजिएट स्कूल में हुई। इण्ट्रेंस में पूर्वी बंगाल मे प्रथम रहे। इसके बाद वे ढाका कालेज में पढ़े। वहीं पर विएना से़ डाक्टरेट करके आए प्रो नगेन्द्र नाथ सेन से उन्होंने जर्मन भाषा सीखी। कोलकाता के प्रेसिडेन्सी कॉलेज से भी शिक्षा ग्रहण की।
वर्ष 1917 में साहा कोलकाता के यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ साइंस में प्राध्यापक के तौर पर नियुक्त हो गए। वहां वो क्वांटम फिजिक्स पढ़ाते थे। वर्ष 1934 में उन्होंने ‘भारतीय विज्ञान कांग्रेस" की अध्यक्षता की। भारत सरकार ने कलैण्डर सुधार के लिए जो समिति गठित की थी, उसके अध्यक्ष भी मेघनाद साहा ही थे। इन्होंने साहा नाभिकीय भौतिकी संस्थान तथा इण्डियन एसोसियेशन फॉर द कल्टिवेशन ऑफ साईन्स नामक दो महत्त्वपूर्ण संस्थाओं की स्थापना की। उन्होंने वर्ष 1947 में इंस्टिट्यूट ऑफ़ नुक्लेअर फिजिक्स की स्थापना की थी, जो बाद में उनके नाम पर ‘साहा इंस्टिट्यूट ऑफ़ नुक्लेअर फिजिक्स" हो गया। साहा ने सौर किरणों के वजन और दबाव को मापने के लिए एक उपकरण का भी आविष्कार किया और कई वैज्ञानिक संस्थानों, जैसे कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय में भौतिकी विभाग और कलकत्ता में परमाणु भौतिकी संस्थान का निर्माण करने में मदद की। उन्होंने विज्ञान और संस्कृति पत्रिका की स्थापना की और अपनी मृत्यु तक संपादक रहे। वह कई वैज्ञानिक समाजों, जैसे कि राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (1930), इंडियन फिजिकल सोसाइटी (1934), भारतीय विज्ञान संस्थान (1935) के आयोजन में अग्रणी भावना थी। वह 1953-1956 के दौरान इंडियन एसोसिएशन ऑफ द कल्टिवेशन ऑफ साइंस के निदेशक थे। उन्होंने देश की आजादी में भी योगदान दिया था। अंग्रेज सरकार ने वर्ष 1905 में बंगाल के आंदोलन को तोड़ने के लिए जब इस राज्य का विभाजन कर दिया तो समूचे मेघनाद भी इससे अछूते नहीं रहे। उस समय पूर्वी बंगाल के गर्वनर सर बामफिल्डे फुल्लर थे। अशांति के इस दौर में जब फुल्लर मेघनाद के ढाका कालिजियट स्कूल में मुआयने के लिए आए तो मेघनाद ने अपने साथियों के साथ फुल्लर का बहिष्कार किया। नतीजतन मेघनाद को स्कूल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। प्रेसीडेंसी कालेज में पढ़ते हुए ही मेघनाद क्रांतिकारियों के संपर्क में आए। उस समय आजादी के दीवाने नौजवानों के लिए अनुशीलन समिति से जुड़ना देश सेवा का पहला पाठ माना जाता था। मेघनाद भी इस समिति से जुड़ गए।
सन् 1918 में उनकी ‘थीसिस ऑफ रेडियेशन, प्रेशर एंड इलेक्ट्रोमैगनेटिक थ्योरी" के लिए साहा को कलकत्ता विश्वविद्यालय ने डी.एससी. की उपाधि दी। वर्ष 1927 में उन्हें लंदन की ‘रॉयल एशियाटिक सोसायटी" का फ़ैलो चुना गया। कोलकाता में 1943 में स्थापित साहा इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर फिजिक्स का नाम उनके नाम पर रखा गया है।

मेघनाद साहा प्रश्नोत्तर (FAQs):

मेघनाद साहा का जन्म 06 अक्टूबर 1893 को शोरतोली, ढाका, बंगाल में हुआ था।

मेघनाद साहा को 1952 में लोकसभा हेतु निर्वाचित प्रथम भारतीय वैज्ञानिक के रूप में जाना जाता है।

मेघनाद साहा की मृत्यु 16 फ़रवरी 1956 को हुई थी।

मेघनाद साहा के पिता का नाम जगन्नाथ साहा था।

मेघनाद साहा की माता का नाम भुवनेश्वरी देवी था।

  Last update :  Tue 28 Jun 2022
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