इस अध्याय के माध्यम से हम जानेंगे सागरमल गोपा (Sagarmal Gopa) से जुड़े महत्वपूर्ण एवं रोचक तथ्य जैसे उनकी व्यक्तिगत जानकारी, शिक्षा तथा करियर, उपलब्धि तथा सम्मानित पुरस्कार और भी अन्य जानकारियाँ। इस विषय में दिए गए सागरमल गोपा से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों को एकत्रित किया गया है जिसे पढ़कर आपको प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में मदद मिलेगी। Sagarmal Gopa Biography and Interesting Facts in Hindi.

सागरमल गोपा का संक्षिप्त सामान्य ज्ञान

नामसागरमल गोपा (Sagarmal Gopa)
जन्म की तारीख03 नवम्बर
जन्म स्थानजैसलमेर, राजस्थान (भारत)
निधन तिथि04 अप्रैल
उपलब्धि - प्रसिद्ध पुस्तक 'जैसलमेर में गुण्डाराज' के लेखक
पेशा / देशपुरुष / स्वतंत्रता सेनानी / भारत

सागरमल गोपा - प्रसिद्ध पुस्तक 'जैसलमेर में गुण्डाराज' के लेखक

सागरमल गोपा भारत के स्वतन्त्रता सेनानी एवं देशभक्त थे। वे जैसलमेर, राजस्थान के निवासी थे। सागरमल गोपा प्रतिबन्धित प्रजामण्डल के नेता थे। राजस्थान के सपूत गोपा के बलिदान से जैसलमेर तथा निकटवर्ती क्षेत्र की जनता को स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के लिए प्रेरणा मिली थी।

सागरमल गोपा का जन्म 03 नवम्बर 1900 को जैसलमेर, राजस्थान (भारत) में एक समृद्ध ब्राह्मण परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री आख्या राज था। इनके पिता जैसलमेर के राज्य में सेवारत थे।
सागरमल गोपा के पिता की मृत्यु के बाद, जैसलमेर लौटने पर उन्हें 25 मई 1941 को गिरफ्तार किया गया। और ऐसा माना जाता है कि उन्हें जेल में जिन्दा जला दिया गया था। 4 अप्रैल 1946 को इनकी मृत्यु हो गयी। उनकी मृत्यु की जांच के लिए गोपालस्वरूप पाठक नामक कमेटी का गठन किया गया था।
जैसलमेर के तत्कालीन महाराजा महारावल जवाहर सिंह ने रियासत में पत्र-पत्रिकाओं के छपने और पढ़ने पर रोक लगा रखी थी, वहां पर सागरमल ने सौ साल पहले ही एक लाइब्रेरी की स्थापना की थी। सागरमल सन 1921 में गांधीजी के असहयोग आंदोलन का हिस्सा भी बने थे और जैसलमेर से उन्होंने इस आंदोलन का हिस्सा बनने का आह्वान किया था। जैसलमेर व हैदराबाद ने इनकी क्रांतिकारी गतिविधियों को देखकर राज्य में इनके प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया था। सागरमल गोपा ने जैल में दो पुस्तके भी लिखी थी ‘जैसलमेर में गुण्डाराज" एवं ‘आजादी के दीवाने" जैसे प्रसिद्ध पुस्तके इन्ही की रचना है। उन्होंने जैसलमेर के तत्कालीन महाराजा महारावल जवाहर सिंह के अत्याचारों का विरोध किया था इसलिए महारावल सागरमल की इन हरकतों से क्रोधित हो गए। सागरमल को तंग किया जाने लगा। इससे परेशान होकर वो नागपुर चले गए। साल 1941 में उनके पिताजी अखेराज गोपा का देहांत हो गया, जब सागर मल गोपा अपने पिता का पिण्ड दान करने के लिए वापस जैसलमेर आये तो उन्हें 25 मई 1941 को राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया तथा 6 वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई।
साल 1986 में भारत सरकार ने सागरमल गोपा के सम्मान में एक डाक टिकट भी जारी किया था। इंदिरा गांधी नहर की एक शाखा भी उसके नाम पर है, जोकि राजस्थान में स्थित है। पहले इस नहर को ‘राजस्थान नहर" के नाम से जाना जाता था।

सागरमल गोपा प्रश्नोत्तर (FAQs):

सागरमल गोपा का जन्म 03 नवम्बर 1900 को जैसलमेर, राजस्थान (भारत) में हुआ था।

सागरमल गोपा को में प्रसिद्ध पुस्तक 'जैसलमेर में गुण्डाराज' के लेखक के रूप में जाना जाता है।

सागरमल गोपा की मृत्यु 04 अप्रैल 1946 को हुई थी।

  Last update :  Tue 28 Jun 2022
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