इस अध्याय के माध्यम से हम जानेंगे वीरेन्द्र सहवाग (Virender Sehwag) से जुड़े महत्वपूर्ण एवं रोचक तथ्य जैसे उनकी व्यक्तिगत जानकारी, शिक्षा तथा करियर, उपलब्धि तथा सम्मानित पुरस्कार और भी अन्य जानकारियाँ। इस विषय में दिए गए वीरेन्द्र सहवाग से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों को एकत्रित किया गया है जिसे पढ़कर आपको प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में मदद मिलेगी। Virender Sehwag Biography and Interesting Facts in Hindi.

वीरेन्द्र सहवाग का संक्षिप्त सामान्य ज्ञान

नामवीरेन्द्र सहवाग (Virender Sehwag)
उपनामवीरू, नजफगढ़ के नवाब और मुल्तान के सुल्तान
जन्म की तारीख20 अक्टूबर
जन्म स्थानहरियाणा (भारत)
माता व पिता का नामकृष्णा सहवाग / किशन सहवाग
उपलब्धि2001 - टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक मारने वाले प्रथम भारतीय खिलाडी
पेशा / देशपुरुष / खिलाड़ी / भारत

वीरेन्द्र सहवाग - टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक मारने वाले प्रथम भारतीय खिलाडी (2001)

वीरेन्द्र सहवाग भारत के पूर्व अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाडी हैं। वे दायें हाथ के आक्रामक सलामी बल्लेबाज थे, किन्तु आवश्यकता के समय दायें हाथ से ऑफ स्पिन गेंदबाज़ी भी कर लेते थे। सहवाग ने भारत की तरफ से कुल 104 टेस्ट, 251 वनडे और 19 टी20 अन्तरराष्ट्रीय मैच खेले हैं। वीरू के खाते में 17,000 से भी अधिक अंतरराष्ट्रीय रन हैं। वीरेन्द्र सहवाग ने अक्टूबर 2015 को क्रिकेट और आईपीएल के सभी प्रारूपों से सन्यास ले लिया था। वर्तमान (अप्रैल 2018) समय में वह आईपीएल टीम किंग्स इलेवन पंजाब टीम के मेंटर और क्रिकेट कमेंटेटर के रूप में कार्यरत थे।

वीरेन्द्र सहवाग का जन्म 20 अक्टूबर 1978 को हरियाणा के एक जाट परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम किशन सहवाग जो अनाज का व्यापार करते हैं तथा उनकी माता का नाम कृष्णा सहवाग है। सहवाग अपने माता-पिता के चार बच्चों में तीसरे संतान हैं। सहवाग से बड़ी दो बहनें मंजू और अंजू हैं जबकि उनसे छोटा एक भाई विनोद है। वीरेन्द्र सहवाग को प्यार से “वीरू” ही कहते हैं। वैसे उन्हें “नज़फ़गढ़ के नवाब” व “आधुनिक क्रिकेट के ज़ेन मास्टर” के रूप में भी जाना जाता है।
विजेंद्र ने अपनी प्राथमिक स्कूली शिक्षा कालूवास, भिवानी में माध्यमिक स्कूली शिक्षा प्राप्त की, अंत में वैश्य कॉलेज, भिवानी से स्नातक की डिग्री प्राप्त की।

""नज़फगढ़ के नवाब"", ""मुल्तान के सुल्तान"" और ""जेन मास्टर ऑफ़ माडर्न क्रिकेट"" जैसे अनेक उपनामों से नवाज़े जाने जाने वाले वीरेंद्र सहवाग ने सबसे पहले 1997-1998 मे दिल्ली क्रिकेट टिम में शामिल होकर अपने करियर की शुरुआत की थी। जिसके बाद वर्ष 1998 में इनका सिलेक्शन डुलेप ट्राफी के लिये नॉर्थ जोन क्रिकेट टीम से हुआ, लेकिन तब इनका नाम टोटल रनिंग लिस्ट बतौर 5वें नंबर पर था, इसके बाद इनका चयन अंडर-19 टीम में किया गया, जोकि साऊथ अफ़्रीका के खिलाफ खेला गया। वन डे इंटरनेशनल (ओडीआई) वर्ष 1999 यह इनके के लिए पहला सबसे बड़ा मैच था, जो पाकिस्तान के खिलाफ खेला था। लेकिन इसमे यह एक रन बना कर आउट हो गये थे जिसमे शोएब अख्तर ने इन्हें एलबीडब्ल्यू मे रन आउट किया था और इस मैच में बॉलिंग प्रदर्शन खराब होने के कारण लगभग बीस महीने तक इन्हें राष्ट्रीय टीम मे खेलने का मौका नही मिला। वर्ष 2001 मे बेंगलौर मे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच खेल कर जब 54 गेंद मे 58 रन बनाये तब पहला मेन ऑफ दी मैच का पुरुस्कार हासिल किया। इसी के साथ ही वीरेंद्र को राष्ट्रीय टीम के सदस्य के रूप शामिल किया गया था।

अगस्त 2001 में श्रीलंका और न्यूजीलैंड के खिलाफ ट्राई सीरीज में सहवाग ने पारी की शुरुआत करते हुए कैरियर का पहला अर्धशतक जमाया। 2002 में इंग्लैंड और जिम्बाब्वे के खिलाफ होम सीरीज़ खेली जिसमे 84 रन बनाये, और दूसरे टेस्ट मैच मे शतक बनाया। 2003 में फर्स्ट होम सीरीज खेली जो कि वेस्टइंडीज के खिलाफ थी, जिसमे इन्होंने 145 रन बना कर एक शतक भी बनया जिसके लिये इनको टॉप स्कोर बनाने का ख़िताब मिला, इसी के साथ 2003 में मोहाली में न्यूजीलैंड के खिलाफ 147 रन बनाये। वर्ष 2004 के शुरुआत में मुल्तान मे पाकिस्तान के खिलाफ 309 रन बनाकर पिछले सारे रिकार्ड को तोड़ दिये (इसमे वीवीएस लक्ष्मण का आस्ट्रेलिया के खिलाफ दो सौ इक्क्यासी रन का रिकॉर्ड था)। तथा यह इक्कीसवा टेस्ट मैच था, जिसमे इनकी छटवी शतक थी. इसके बाद लाहौर में अलगे टेस्ट मैच में नब्बे रन बना कर मेन ऑफ दी मैच का खिताब जीता।

2005 में इनका चयन ICC वर्ल्ड XI के लिए हुआ, इस सुपर सीरीज में ऑस्ट्रेलिया की भूमिका निभाई, जहां उन्होंने 76 के साथ पहली पारी में शीर्ष स्कोर किया। 2006 में लाहौर पहला टेस्ट मैच पाकिस्तान के खिलाफ खेला गया, जिसमें राहुल द्रविड़ के साथ साझेदारी कर पाकिस्तान के खिलाफ चार सौ दस बना कर टेस्ट मैचों के अब तक के सारे रिकार्ड तोड़ दिये। 2007 में खराब पेरफ़ोर्मेंस की वजह से कुछ समय इनको कुछ खेलो से बहार रखा गया जिसके बाद यह लगातार मेहनत करते रहे। 2008 में फिर से होम सीरीज मे दौबारा वापसी कर साउथ अफ्रीका के खिलाफ अच्छा मैच खेला। चिदंबरम स्टेडियम में इन्होंने पहले टेस्ट मे 319 रन बनाये जिसमे 278 बाल्स मे 300 रन बनाकर टेस्ट मैच मे सबसे तेज ट्रिपल शतक बनाने वाले दुनिया के पहले खिलाड़ी बने, इसी मैच के तीसरे दिन उन्होंने 257 रन बनाये जिसमे कई सालो का रिकार्ड तोडा गया। सहवाग ने आठ दिसंबर 2011 को इंदौर के होल्कर स्टेडियम में वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे क्रिकेट में भी दोहरा शतक जड़ डाला, वह तेंदुलकर के बाद इस उपलब्धि को हासिल करने वाले दूसरे बल्लेबाज रहे। उस समय 149 गेंदों में उनके द्वारा बनाया गया 219 रनों का स्कोर वनडे इंटरनेशनल का सबसे बड़ा स्कोर था। हालांकि बाद में भारत के ही रोहित शर्मा ने 13 नवंबर 2014 को 173 गेंदों में 264 रनों की पारी खेलकर इस रिकॉर्ड को तोड़ा। 20 अक्टूबर 2015 को सहवाग ने क्रिकेट और आईपीएल के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा की।


वीरेन्द्र सहवाग जब अपने क्रिकेट दौर के शुरुआती दिनों में दिल्ली के कोटिला मैदान में खेलना प्रारम्भ किया था, तब वह अपने चेतक नाम के स्कुटर से जाया करते थे। यह शुरू से सचिन के बहुत बड़े फेन थे और उनको ही फॉलो किया करते थे, वीरेन्द्र से जब एक इंटरव्यू में पूछा की आप सचिन से किस मामले में अलग है, तब मुस्कुराते हुए जवाब में कहा बैंक बेलेंस में। सहवाग का एक अपना इंटरनेशनल स्कूल भी है जिसका नाम सहवाग इंटरनेशनल स्कूल है, यह मेन रोड गुडगाँव, झज्जार (हरियाणा) में स्थित है। 2006 में इन्होंने एक वेजिटेरियन रेस्टोरेंट खोला था जिसका नाम Sehwag""s Favorites रखा गया।
2001 मे जब बेंगलौर मे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच खेल कर 54 गेंद मे 58 रन बनाये तब वीरेन्द्र सहवाग को पहला मेन ऑफ दी मैच का पुरुस्कार हासिल किया था। 2008 में अपने शानदार प्रदर्शन के लिये “विजडन लीडिंग क्रिकेटर इन द वर्ल्ड” के सम्मान से नवाजा गया। सहवाग ने इस पुरस्कार को 2009 में दुबारा अपने नाम किया। अप्रैल 2009 में वीरेन्द्र सहवाग को “विजडन लीडिंग क्रिकेटर ऑफ द ईयर” के खिताब से नवाज़ा गया था। वे एकमात्र ऐसे भारतीय जिन्हें इस पुरस्कार से नवाजा गया है। उन्होंने अगले वर्ष भी इस ख़िताब को जीता था। वर्ष 2002 में भारत सरकार द्वारा वीरेन्द्र सहवाग को ‘अर्जुन पुरस्कार"" से सम्मानित किया गया था। सन्‌ 2011 में सहवाग को सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर के नाते “ईएसपीएन क्रिकीन्फो अवार्ड” से नवाजा गया था।

वीरेन्द्र सहवाग प्रश्नोत्तर (FAQs):

वीरेन्द्र सहवाग का जन्म 20 अक्टूबर 1978 को हरियाणा (भारत) में हुआ था।

वीरेन्द्र सहवाग को 2001 में टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक मारने वाले प्रथम भारतीय खिलाडी के रूप में जाना जाता है।

वीरेन्द्र सहवाग के पिता का नाम किशन सहवाग था।

वीरेन्द्र सहवाग की माता का नाम कृष्णा सहवाग था।

वीरेन्द्र सहवाग को वीरू, नजफगढ़ के नवाब और मुल्तान के सुल्तान के उपनाम से जाना जाता है।

  Last update :  Tue 28 Jun 2022
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