अशोक चक्र (पदक):

अशोक चक्र (पदक) भारत का शांति के समय का सबसे ऊँचा वीरता सम्मान है। यह सम्मान सैनिकों और असैनिकों को असाधारण वीरता, शूरता या बलिदान के लिए दिया जाता है। यह मरणोपरान्त भी दिया जा सकता है। अशोक चक्र गैर युद्ध प्रसंग में वीरता के लिए सैनिकों और आम नागरिकों, सबके लिए है। इस पुरस्कार को श्रेष्ठता के तीन स्तरों पर दिया जाता है। वर्ष 1960 से, सेना पदक देने का क्रम शुरू किया गया। यह पदक थलसेना, वायुसेना, नौसेना तीनों के लिए अलग-अलग देना सुनिश्चित किया गया।

Quick Info About Ashok Chakra Award in Hindi

पुरस्कार का वर्ग वीरता
स्थापना वर्ष 1952
पुरस्कार राशि 1400 रुपए का मासिक भत्‍ता
प्रथम विजेता सुहास बिस्वास, बचित्तर सिंह, नरबहादुर थापा (1952)
वर्ष 2022 के विजेता एएसआई बाबू राम
विवरण अशोक चक्र भारत का शांति के समय का सबसे ऊँचा वीरता का पदक है।

अशोक चक्र (पदक) 2022:

भारत के राष्ट्रपति ने मरणोपरांत जम्मू-कश्मीर पुलिस के एएसआई बाबू राम को उनकी उत्कृष्टता, बहादुरी, कर्तव्य के प्रति समर्पण और समर्पण के लिए अशोक चक्र से सम्मानित किया। एएसआई बाबूराम की पत्नी रीना रानी और बेटे माणिक को गणतंत्र दिवस 2022 पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कार प्रदान किया गया।

अशोक चक्र (पदक) का इतिहास:

अशोक चक्र (पदक) सम्मान सेना के जवान, आम नागरिक को जीवित या मरणोपरांत दिया जाता है। स्वतंत्रता के बाद से अब तक 67 लोगों को अशोक चक्र सम्‍मान दिए गए हैं। इस सम्मान की स्‍थापना 04 जनवरी 1952 को हुई। तब इसका नाम ‘अशोक चक्र, वर्ग-1’ था। सन् 1967 में इस सम्मान से वर्ग की शर्त का हटा दिया गया और इसके तीन सम्मान घोषित किए गए। इनका नामकरण ‘अशोक चक्र’, ‘कीर्ति चक्र’ और ‘शौर्य चक्र’ किया गया। 01 फरवरी 1999 से केंद्र सरकार ने अशोक चक्र के लिए 1400 रुपए का मासिक भत्‍ता निर्धारित किया।

वर्ष 1952 से अब तक अशोक चक्र से सम्मानित व्यक्तियों की सूची:

वर्ष सम्मानित व्यक्ति का नाम
2022 एएसआई बाबू राम
2019 लांस नायक नजीर अहमद वानी
2017 ज्योति प्रकाश निराला
2016 हवलदार हंगपन दादा
2015 मोहन गोस्वामी
2014 मुकुंद वरदराजन
2014 नीरज कुमार सिंह
2013 लालकृष्ण प्रसाद बाबू
2012 नवदीप सिंह
2011 लैशराम ज्योतिन सिंह
2010 राजेश कुमार
2010 डी. श्रीराम कुमार
2009 मोहित शर्मा
2009 बहादुर सिंह बोहरा
2009 हेमंत करकरे
2009 विजय सालस्कर
2009 अशोक कामटे
2009 तुकाराम ओम्बले
2009 गजेंद्र सिंह बिष्ट
2009 संदीप उन्नीकृष्णन
2009 मोहन चंद शर्मा
2009 जोजन थॉमस
2009 आर. पी. डिएन्ग्दोह
2009 प्रमोद कुमार सतपथी
2008 दिनेश रघु रमन
2007 राधाकृष्णन ने नायर हर्षन
2007 चुन्नी लाल
2007 वसंत वेणुगोपाल
2004 त्रिवेणी सिंह
2004 संजोग छेत्री
2002 सुरिंदर सिंह
2002 रामबीर सिंह तोमर
2001 कमलेश कुमारी
2000 सुधीर कुमार वालिया
1997 पुनीत नाथ दत्त
1997 शांति स्वरूप राणा
1996 अर्जुन सिंह जसरोतिया
1995 राजीव कुमार जून
1995 सुज्जन सिंह
1995 हर्ष उदय सिंह गौड़
1994 नीलकंतन जयचंद्रन नायर
1993 राकेश सिंह
1992 संदीप संखला
1991 रणधीर प्रसाद वर्मा
1987 नीरजा भनोट
1985 छेरिंग मोतुप
1985 निर्भय सिंह
1985 भवानी दत्त जोशी
1985 राम प्रकाश रोपेरिया
1985 जसबीर सिंह रैना
1985 भूकांत मिश्रा
1985 राकेश शर्मा
1984 गेन्नादी स्त्रेकलोव
1984 यूरी मल्यशेव
1981 साइरस अद्दी पीठावाला
1974 गुरुनाम सिंह
1972 उम्मेद सिंह मेहरा
1969 जस राम सिंह
1965 जिया लाल गुप्ता
1962 खरका बहादुर लिनिबु
1962 मैन बहादुर राय
1958 एरिक जेम्स टकर
1958 जैश बाजीराव सकपाल
1957 जे आर चिटनीस
1957 पी एम रमन
1957 जोगिंदर सिंह
1956 सुंदर सिंह
1952 सुहास बिस्वास
1952 बचित्तर सिंह
1952 नरबहादुर थापा

अब संबंधित प्रश्नों का अभ्यास करें और देखें कि आपने क्या सीखा?

अशोक चक्र पुरस्कार से संबंधित प्रश्न उत्तर 🔗

यह भी पढ़ें:

अशोक चक्र प्रश्नोत्तर (FAQs):

अशोक चक्र (पदक) भारत का सर्वोच्च शांतिकालीन वीरता पुरस्कार है। यह सम्मान सैनिकों और नागरिकों को असाधारण वीरता, बहादुरी या बलिदान के लिए दिया जाता है। पहले अशोक चक्र विजेता सुहास विश्वास, बचित्तर सिंह, नरबहादुर थापा थे।

ज्योति प्रकाश निराला को वर्ष 2017 में के अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था। वह भारतीय वायु सेना के गरुड़ कमांडो फोर्स के सदस्य थे। सुहास बिस्वास और राकेश शर्मा के बाद यह सम्मान पाने वाले वह भारतीय वायु सेना के तीसरे व्यक्ति थे।

अशोक चक्र (पदक) सैन्य कर्मियों, नागरिकों को प्रदान किया जाता है, चाहे जीवित हों या मरणोपरांत। आजादी के बाद से 67 लोगों को अशोक चक्र से सम्मानित किया गया है। इस सम्मान की स्थापना 04 जनवरी 1952 को हुई थी.

राकेश शर्मा को 1885 में अशोक चक्र से सम्मानित किया गया। विंग कमांडर के पद से सेवानिवृत्त होने पर, राकेश शर्मा ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में एक परीक्षण पायलट के रूप में काम किया।

अशोक चक्र से सम्मानित होने वाली पहली भारतीय महिला नीरजा भनोट थीं। इस अद्भुत वीरता और साहस के लिए भारत सरकार द्वारा नीरजा को मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च शांतिकालीन वीरता पुरस्कार अशोक चक्र से सम्मानित किया गया।

  Last update :  Thu 16 Mar 2023
  Download :  PDF
  Post Views :  28174