अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष किसे कहते है?

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) एक अंतरसरकारी संगठन है, जिसकी स्थापना अंतरराष्ट्रीय व्यापार में विनिमय दर को स्थिर करने के लिए की गई थी। यह अपने सदस्य देशों को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करती है। यह संगठन अन्तर्राष्ट्रीय विनिमय दरों को स्थिर रखने के साथ-साथ विकास को सुगम करने में सहायता करता है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का मुख्यालय वॉशिंगटन डी॰ सी॰, संयुक्त राज्य अमेरिका में है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की स्थापना 27 दिसम्बर 1945 को हुई थी।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का उद्देश्य:

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के मुख्य उद्देश्य आर्थिक स्थिरता सुरक्षित करना, आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देना, गरीबी कम करना, रोजगार को बढ़ावा देना और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सुविधाजनक बनाना है। इंटरनेशनल मुद्रा कोष के कुल 186 सदस्य देश हैं। 29 जून 2009 को कोसोवो गणराज्य (Kosovo) 186वें देश के रूप में शामिल हुआ था।

Quick Info about International Monetary Fund (IMF)

मुख्यालय वॉशिंगटन डी॰ सी॰, संयुक्त राज्य अमेरिका
स्थापना 27 दिसम्बर 1945
कुल सदस्य देश 186 (2009 के अनुसार)
वर्तमान प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा (यूरोपीय संघ)
प्रथम प्रबंध निदेशक कैमिल गट (बेल्जियम)

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रबंध निदेशक के कर्तव्य:

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) का नेतृत्व प्रबंध निदेशक द्वारा किया जाता है जिसे कर्मचारियों का सबसे प्रमुख अधिकारी माना जाता है और कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में कार्य करता है। उसके पास IMF के कर्मचारियों की नियुक्ति और बर्खास्तगी के अधिकार होंगे। इसके साथ-साथ प्रबंध निदेशक को IMF के कार्यकारी बोर्ड की देख रेख में काम करना होगा। 24 सदस्यीय कार्यकारी बोर्ड द्वारा इंटरनेशनल मुद्रा कोष के प्रबंध निदेशक का चयन किया जाता है। IMF के प्रबंध निदेशक की सहायता के लिए प्रथम उप प्रबंध निदेशक और 3 उप प्रबंध निदेशक भी नियुक्त होंगे।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के वर्तमान प्रबंध निदेशक:

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के वर्तमान अध्यक्ष (प्रबंध निदेशक) क्रिस्टालिना जॉर्जीवा (Kristalina Georgieva) है। उन्होंने अक्टूबर 2019 को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के 12वें प्रबंध निदेशक के रूप में पद संभाला था अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पहले प्रबंध निदेशक श्री कैमिल गट थे।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रबंध निदेशकों की सूची:

नाम कार्यकाल
केमिल गट (बेल्जियम) 06 मई 1946 से 05 मई 1951 तक
आइवर रूथ (स्वीडन) 03 अगस्त 1951 से 03 अक्टूबर 1956 तक
पेर जैकबसन (स्वीडन) 21 नवंबर 1956 से 05 मई 1963 तक
पियरे-पॉल श्वित्ज़र (फ्रांस) 01 सितंबर 1963 से 31 अगस्त 1973 तक
जोहान विट्टवेन (नीदरलैंड) 01 सितंबर 1973 से 18 जून 1978 तक
जैक्स डे लारोसीएर (फ्रांस) 18 जून 1978 से 15 जनवरी 1987 तक
मिशेल कैमडेसस (फ्रांस) 16 जनवरी 1987 से 14 फरवरी 2000 तक
हॉर्स्ट कोहलर (जर्मनी) 01 मई 2000 से 04 मार्च 2004 तक
रॉड्रिगो राटो (स्पेन) 07 जून 2004 से 31 अक्टूबर 2007 तक
डोमिनिक स्ट्रॉस-कान (फ्रांस) 01 नवम्बर 2007 से 18 मई 2011 तक
क्रिस्टीन लेगार्ड (फ्रांस) 05 जुलाई 2011 से 12 सितंबर 2019
क्रिस्टालिना जॉर्जीवा (यूरोपीय संघ) 1 अक्टूबर 2019 से वर्तमान

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की कार्य प्राणली:

IMF एवं विश्व बैंक का एक संगठनात्मक ढांचा (organizational structure) एक समान है। आईएमएफ एक बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स (board of governors), बोर्ड ऑफ एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (board of executive directors), अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक प्रणाली (international monetary system) पर एक अंतरिम समिति तथा एक प्रबंध निदेशक व कर्मचारी वर्ग के द्वारा अपना कार्य करता है। कोष की सभी शक्तियां बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में निहित होती हैं। इस बोर्ड में प्रत्येक सदस्य देश का एक गवर्नर एवं एक वैकल्पिक प्रतिनिधि शामिल रहता है। इसकी बैठक वर्ष में एक बार होती है। बोर्ड ऑफ गवर्नर्स द्वारा अपनी अधिकांश शक्तियां 24 सदस्यीय कार्यकारी निदेशक बोर्ड को हस्तांतरित कर दी गयी हैं। इस कार्यकारी निदेशक बोर्ड की नियुक्तियां निर्वाचन सदस्य (election member) देशों या देशों के समूहों द्वारा किया जाता है। प्रत्येक नियुक्त निदेशक को अपनी सरकार के निर्धारित कोटे के अनुपात में मत शक्ति प्राप्त होती है। जबकि प्रत्येक निर्वाचित निदेशक अपने देश समूह से सम्बद्ध सभी वोट डाल सकता है। कार्यकारी निदेशकों (IMF executive directors) द्वारा अपने प्रबंध निदेशक का चयन किया जाता है, जो कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में कार्य करता है। प्रबंध निदेशक आईएमएफ (Managing Director IMF) के दिन-प्रतिदिन के कार्यों को सम्पन्न करता है। एक संधि समझौते के अनुसार आईएमएफ का प्रबंध निदेशक यूरोपीय होता है जबकि विश्व बैंक का अध्यक्ष अमेरिकी नागरिक होता है।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य:

  • जनवरी 2008 में 13वीं सामान्य समीक्षा के बाद IMF की कुल कोटा राशि 2,17,300 मिलियन एसडीआर (Special Drawing Rights) थी।
  • वैश्विक मंदी (global recession) से निपटने के लिए IMF ने सदस्य राष्ट्रों को उनके अभ्यंशों के आधार पर 250 अरब एसडीआर
  • (Special Drawing Rights) की राशि का आवंटन करने का निर्णय लिया था।
  • अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के अभ्यंशों को स्वर्ण (Gold) तथा स्थानीय करेंसी (local currency) के रूप में जमा कराया जाता है।
  • प्रत्येक सदस्य देश की प्रवेश के समय कोटे की 25 प्रतिशत राशि स्वर्ण या डॉलर के रूप में जमा करनी होती है तथा कोटे का शेष भाग वह अपनी करेन्सी के रूप में जमा करा सकता है।
  • फरवरी 2003 में की गई अभ्यंशों की 12वीं समीक्षा के बाद IMF की कुल अभ्यंश राशि 213 अरब एसडीआर थी।
  • 13वीं समीक्षा के अंतर्गत सदस्य राष्ट्रों के कोटों में परिवर्तन उनकी अर्थव्यवस्था की स्थिति के अनुरूप ही किया गया था।
  • सितंबर 2006 में सिंगापुर में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की सालाना बैठक में चीन सहित चार उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मतशक्ति में वृद्धि (increase in voting power) का फैसला किया गया था।
  • मई व जून 2003 में दो अलग-अलग किश्तों में कुल मिलाकर 205 मिलियन एसडीआर (291.70 मिलियन डॉलर) की राशि भारत ने मुद्रा कोष को (Financial Transaction Plan-FTP) के अंतर्गत उपलब्ध कराई।
  • वैश्विक मंदी (global recession) से निपटने के लिए 14वीं समीक्षा (वर्ष 2010 में) के तहत् सदस्य राष्ट्रों की मदद के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने लगभग 250 अरब एसडीआर का आवंटन सदस्य देशों में किया गया।
  • अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के 14वें कोटा पुनरीक्षण के अंतर्गत भारत के कोटा में होने वाली वृद्धि 5821.5 मिलियन एसडीआर से बढ़कर 13114 मिलियन एसडीआर हो गई तथा वह इस संस्था का आठवां बड़ा कोटाधारी हो गया।
  • अब भारत का कोटा 2.44 प्रतिशत से बढ़कर 2.75 प्रतिशत हो गया है।
  • 18 अप्रैल, 2012 को दक्षिणी सूडान को भी IMF का सदस्य बना लिए जाने पर IMFकी सदस्य संख्या दिसंबर 2013 की स्थिति के अनुसार 188 हो गई है।

यह भी पढ़ें:

  Last update :  Fri 12 Aug 2022
  Download :  PDF
  Post Views :  10252