भारत के प्रमुख राष्ट्रीय प्रतीक व चिन्ह: भारत का राष्ट्रीय प्रतीक अर्थात् भारत के राष्ट्रीय पहचान का आधार। इसके विशिष्ठ पहचान और विरासत का कारण राष्ट्रीय पहचान है जो भारतीय नागरिकों के दिलों में देशभक्ति और गर्व की भावना को महसूस कराता है। ये राष्ट्रीय प्रतीक दुनिया से भारत की अलग छवि बनाने में मदद करता है। यहाँ बहुत सारे राष्ट्रीय प्रतीक है जिनके अपने अलग अर्थ है जैसे राष्ट्रीय पशु (बाघ) जो मजबूती को दिखाता है, राष्ट्रीय फूल (कमल) जो शुद्धता का प्रतीक है, राष्टीय पेड़ (बनयान) जो अमरत्व को प्रदर्शित करता है, राष्ट्रीय पक्षी (मोर) जो सुन्दरता को दिखाता है, राष्ट्रीय फल (आम) जो देश की उष्णकटिबंधीय जलवायु को बताता है, राष्ट्रीय गीत और राष्ट्रीय गान प्ररणा का कार्य करता है, राष्ट्रीय चिन्ह् (चार शेर) शक्ति, हिम्मत, गर्व और विश्वास आदि को दिखाता है।

आइये जाने भारत के प्रमुख राष्ट्रीय चिन्ह एवं प्रतीक के बारे में

चिन्ह प्रतीक
लाल त्रिकोण परिवार कल्याण का प्रतीक
लाल रेड क्रॉस अस्पताल और डॉक्टरी सहायता
झुका झंडा राष्ट्रीय शोक का प्रतीक
कला झंडा विरोध का प्रतीक
उल्टा झंडा संकट का प्रतीक
कबूतर पक्षी शांति का प्रतीक
बाँह पर कालीपटटी शोक, दुःख और विरोध का प्रतीक
लाल झंडा क्रांति या खतरे का सूचक
पीला झंडा संक्रामक रोग - ग्रस्त लोगों को ले जाने वाले वाहन
लाल प्रकाश खतरे या यातायात रोकने के चिन्ह्
कमल का फूल संस्कृति और सभ्यता का प्रतीक
चक्र प्रगति का प्रतीक
सफेद झंडा संधि या समर्पण का चिन्ह्
ओलिव ( जैतून ) की शाखा शांति का प्रतीक
हरा प्रकाश यातायात सवारी के जाने का संकेत
आँख पर पटटी और हाथ में तराजू लिए स्त्री न्याय का प्रतीक

अब संबंधित प्रश्नों का अभ्यास करें और देखें कि आपने क्या सीखा?

राष्ट्रीय चिन्ह व प्रतीक से संबंधित प्रश्न उत्तर 🔗

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राष्ट्रीय चिन्ह व प्रतीक प्रश्नोत्तर (FAQs):

देश के बैंकों का बैंक कहे जाने वाले RBI का आधिकारिक प्रतीक चिन्ह - ताड़ का पेड़ और चीता है। यह चिन्ह औपनिवेशिक अतीत की निशानी है, जिसे ईस्ट इंडिया कंपनी के प्रतीक चिन्ह से लिया गया है।

इकोमार्क दर्शाता है कि उत्पादित और उपभोग किए गए वाहन पर्यावरण के लिए सम्मानजनक हैं। इसका मतलब है कि उत्पाद उद्योग, कपड़ा और रासायनिक उत्पादों में प्राकृतिक चयन, स्वस्थ और पारिस्थितिक उत्पादों के लिए उपयुक्त हैं।

गांधी जी खादी को आर्थिक स्वतंत्रता का प्रतीक मानते थे। उनका कहना था, की सभी भारतीय अंग्रेजों द्वारा बनाए वस्त्रों की अपेक्षा हमारे अपने लोगों द्वारा हाथ से बनाई गई खादी पहने।

गरुड़ गुप्त साम्राज्य का प्रतीक था। गुप्त साम्राज्य के समय, गरुड़ को स्वर्ग के राजा विष्णु का वाहन माना जाता था, और इस प्रकार यह गुप्त साम्राज्य का प्रतीक बन गया। गुप्त साम्राज्य के शासकों ने अपने सिक्कों और कला कृतियों में गरुड़ को प्रमुखता से चित्रित किया।

सफेद झंडा शांति, पवित्रता और सद्भाव का प्रतीक रहा है, युद्ध के मैदान में एक पक्ष के समर्पण के लिए सफेद झंडे का इस्तेमाल करने का इतिहास है।

  Last update :  Thu 27 Oct 2022
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