भारत में यूनेस्को द्वारा संरक्षित 39 विश्व धरोहर स्थल और उनके स्थान

यूनेस्को विश्व विरासत स्थल किसे कहते है?

यूनेस्को विश्व विरासत स्थल ऐसे खास स्थानों (जैसे वन क्षेत्र, पर्वत, झील, मरुस्थल, स्मारक, भवन, या शहर इत्यादि) को कहा जाता है, जो विश्व विरासत स्थल समिति द्वारा चयनित होते हैं; और यही समिति इन स्थलों की देखरेख युनेस्को के तत्वाधान में करती है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विश्व के ऐसे स्थलों को चयनित एवं संरक्षित करना होता है जो विश्व संस्कृति की दृष्टि से मानवता के लिए महत्वपूर्ण हैं। कुछ खास परिस्थितियों में ऐसे स्थलों को इस समिति द्वारा आर्थिक सहायता भी दी जाती है।

विश्व धरोहर या विश्व विरासत स्‍थलों से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्‍य:

  • विश्व धरोहर स्‍थल या विश्व विरासत स्‍थल दुनिया में मौजूद कुछ विशेष स्थान होते है जो अंतरराष्ट्रीय संस्था यूनेस्को  द्वारा संरक्षित होते है।
  • विश्व में मौजूद ये स्थान बहुमूल्य, प्राचीन एवं दुर्लभ होते है जो विश्व संस्कृति के लिए महत्त्वपुर्ण होते है। ये स्थान वन क्षेत्र, पर्वत, झील, मरुस्थल, स्मारक, भवन या शहर हो सकते है।
  • इन स्थानों का चयन यूनेस्को के तत्वाधान में विश्व विरासत समिति द्वारा किया जाता है।
  • यूनेस्को द्वारा इन स्थानों के प्रति लोगो में जागरूकता के लिये प्रतिवर्ष 18 अप्रैल को विश्व विरासत दिवस मनाया जाता है।
  • विश्व में जुलाई 2019 तक दुनिया के 167 देशों से 1,121 स्थानों को विश्व विरासत स्थलो की सूची में शामिल किया गया हैं, जिसमे  869 सांस्कृतिक, 213 प्राकृतिक और 39 मिश्रित इमारते शामिल है। चीन में सबसे ज्यादा 55 साइटों को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल की तालिका सूचीबद्ध किया है, इसके बाद इटली में भी (55), स्पेन (48), फ्रांस (44), जर्मनी (46), भारत (38), मेक्सिको (35), यूनाइटेड किंगडम (32) और ब्रिटिश ओवरसीज टेरिटोरीज़ से 31 स्थान इस सूची में सम्मिलित है।
  • केंद्रीय सांस्कृतिक मंत्रालय के अनुसार भारत में यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों की कुल संख्या 39 है, जिनमें 31 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक और 1 मिश्रित स्थल शामिल हैं।
  • यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति के 44 वें सत्र के दौरान तेलंगाना में वारंगल के पास, मुलुगु जिले (Mulugu district) के पालमपेट (Palampet) में काकतीय रुद्रेश्वर मंदिर (Kakatiya Rudreswara Temple), (जिसे रामप्पा मंदि भी कहा जाता है) यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में अंकित किया गया है।
  • यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति के साल 2019 में आयोजित 43वें सत्र में भारत के राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर सबसे बड़ा शहर है। जिसे गुलाबी शहर के नाम से भी जाना जाता है। इसे विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया है।
  • वर्ष 2018 में शामिल किये जाने वाले स्थल है- मुंबई की 'विक्टोरियन गोथिक’ और ‘आर्ट डेको’ इमारतों को विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया था।
  • वर्ष 2016 में शामिल किये जाने वाले स्थल है- चंडीगढ़ के केपिटल काम्प्लेक्स , कंचनजंघा पार्क एवं नालंदा विश्व विद्यालय का पुरातात्विक स्थल।
  • यूनेस्को द्वारा भारत की ओर से सर्वप्रथम साल 1983 में अजंता और एलोरा की गुफाये एवं आगरा के किले को विश्व विरासत की सूची में शामिल किया गया था।

यूनेस्को द्वारा घोषित भारत के विश्व धरोहर स्‍थलों की सूची:

स्‍थलों के नाम राज्यो के नाम साल
ताजमहल उत्तर प्रदेश 1983
आगरा का किला उत्तर प्रदेश 1983
अजंता की गुफाएं महाराष्ट्र 1983
एलोरा की गुफाएं महाराष्ट्र 1983
कोणार्क का सूर्य मंदिर ओडिशा 1984
महाबलिपुरम् का स्मारक समूह तमिलनाडु 1984
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान असम 1985
मानस वन्य जीव अभयारण्य असम 1985
केवला देव राष्ट्रीय उद्यान राजस्थान 1985
पुराने गोवा के चर्च व मठ गोवा 1986
फतेहपुर सीकरी उत्तर प्रदेश 1986
हम्पी स्मारक समूह कर्नाटक 1986
खजुराहो मंदिर मध्य प्रदेश 1986
एलीफेंटा की गुफाएं महाराष्ट्र 1987
पट्टदकल स्मारक समूह कर्नाटक 1987
सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान पश्चिम बंगाल 1987
बृहदेश्वर मन्दिर तमिलनाडु 1987
नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड 1988
सांची का बौद्ध स्मारक मध्य प्रदेश 1989
हुमायूँ का मकबरा दिल्ली 1993
दार्जिलिंग हिमालयन रेल पश्चिम बंगाल 1999
महाबोधी मंदिर बिहार 2002
भीमबेटका की गुफाएँ मध्य प्रदेश 2003
गंगई कोड़ा चोलपुरम् मन्दिर तमिलनाडु 2004
एरावतेश्वर मन्दिर तमिलनाडु 2004
छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस महाराष्ट्र 2004
नीलगिरि माउंटेन रेलवे तमिलनाडु 2005
फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड 2005
लाल किला दिल्ली 2007
कालका शिमला रेलवे हिमाचल प्रदेश 2008
सिमलीपाल अभ्यारण्य ओडिशा 2009
नोकरेक अभ्यारण्य मेघालय 2009
भितरकनिका उद्यान ओडिशा 2010
जयपुर का जंतर-मन्तर राजस्थान 2010
पश्चिम घाट कर्नाटककेरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु 2012
आमेर का किला राजस्थान 2013
रणथंभोर किला राजस्थान 2013
कुम्भलगढ़ किला राजस्थान 2013
सोनार किला राजस्थान 2013
चित्तौड़गढ़ किला राजस्थान 2013
गागरोन किला राजस्थान 2013
रानी का वाव गुजरात 2014
ग्रेट हिमालय राष्ट्रीय उद्यान हिमाचल प्रदेश 2014
चंडीगढ़ के केपिटल काम्प्लेक्स चंडीगढ़, पंजाब 2016
कंचनजंघा पार्क सिक्किम 2016
नालंदा विश्व विद्यालय का पुरातात्विक स्थल बिहार 2016
विक्टोरियन गोथिक मुंबई, महाराष्ट्र 2018
आर्ट डेको मुंबई, महाराष्ट्र 2018
जयपुर जयपुर, राजस्थान 2019
काकतीय रुद्रेश्वर मंदिर  मुलुगु, वारंगल, तेलंगाना 2020
रामप्पा मंदिर तेलंगाना 2021
धोलावीरा गुजरात 2021

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विश्व धरोहर स्थल प्रश्नोत्तर (FAQs):

यूनेस्को द्वारा वर्ष 1983 को अजंता को विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया। अजन्ता गुफाएँ महाराष्ट्र, भारत में स्थित तकरीबन 29 चट्टानों को काटकर बना बौद्ध स्मारक गुफाएँ जो द्वितीय शताब्दी ई॰पू॰ के हैं। यहाँ बौद्ध धर्म से सम्बन्धित चित्रण एवम् शिल्पकारी के उत्कृष्ट नमूने मिलते हैं।

वर्ष 2003 में यूनेस्को ने भीमबेटका चट्टानों आश्रय गुफाएं को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था। भीमबेटका (भीमबैठका) भारत के मध्य प्रदेश प्रान्त के रायसेन जिले में स्थित एक पुरापाषाणिक आवासीय पुरास्थल है। यह आदि-मानव द्वारा बनाये गए शैलचित्रों और शैलाश्रयों के लिए प्रसिद्ध है।

1 जुलाई, 2012 को यूनेस्को द्वारा भारत के पश्चिमी घाट को विश्व धरोहर में शामिल किया गया था। भारत के पश्चिमी तट पर स्थित पर्वत श्रृंखला को पश्चिमी घाट या सह्याद्रि कहते हैं। दक्‍कनी पठार के पश्चिमी किनारे के साथ-साथ यह पर्वतीय श्रृंखला उत्‍तर से दक्षिण की तरफ 1600 किलोमीटर लम्‍बी है।

रामप्पा मंदिर, तेलंगाना है। भारत के इन 39 यूनेस्को धरोहर स्थलों में से इस सूची में 31 सांस्कृतिक स्थल, 7 प्राकृतिक स्थल और 1 मिश्रित स्थल शामिल हैं।2

दक्षिणी अमरीका में ‘विश्व विरासत स्थल’ के रूप में यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त कोई अभिज्ञात संस्कृति-स्थान नहीं है।

  Last update :  Tue 18 Apr 2023
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