व्यास सम्मान किसे कहते है?

व्यास सम्मान भारतीय साहित्य में किये गये योगदान के लिए दिया जाने वाला ज्ञानपीठ पुरस्कार के बाद दूसरा सबसे बड़ा साहित्य सम्मान है। इस पुरस्कार को 1991 में के. के. बिड़ला फाउंडेशन ने प्रारंभ किया था। पहला व्यास सम्मान वर्ष 1991 में रामविलास शर्मा की कृति 'भारत के प्राचीन भाषा परिवार और हिन्दी' के लिए दिया गया था।

व्यास सम्मान का संक्षिप्त विवरण

पुरस्कार का वर्ग साहित्य
स्थापना वर्ष 1991
पुरस्कार राशि 3.50 लाख रुपये नकद, एक प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह
प्रथम विजेता रामविलास शर्मा (1991)
आखिरी विजेता ज्ञान चतुर्वेदी (2022)
विवरण ज्ञानपीठ पुरस्कार के बाद भारत में दिया जाने वाला दूसरा सबसे बड़ा साहित्य सम्मान

व्यास सम्मान 2022

प्रसिद्ध हिंदी लेखक डॉ ज्ञान चतुर्वेदी के 2018 के व्यंग्य उपन्यास 'पागलखाना' को 32वें व्यास सम्मान 2022 के लिए चुना गया है। वार्षिक व्यास सम्मान पिछले 10 वर्षों के दौरान प्रकाशित एक भारतीय नागरिक द्वारा एक उत्कृष्ट हिंदी साहित्यिक कृति को दिया जाता है। इसमें 4 लाख रुपये की पुरस्कार राशि है।

व्यास सम्मान 2021

जाने-माने हिंदी लेखक, असगर वजाहत को प्रतिष्ठित व्यास सम्मान - 2021 से सम्मानित किया गया था। ​उन्हें उनके नाटक "महाबली" के लिए 31 वें व्यास सम्मान से सम्मानित किया गया। 1991 में शुरू किया गया व्यास सम्मान, केके बिड़ला फाउंडेशन द्वारा पिछले 10 वर्षों के दौरान प्रकाशित किसी भारतीय नागरिक द्वारा लिखित हिंदी में उत्कृष्ट साहित्यिक कार्य के लिए दिया जाता है। इसमें पुरस्कार स्वरूप चार लाख रुपये, उद्धरण व फलक प्रदान किया जाता है।

व्यास सम्मान की विशेषताएं और महत्वपूर्ण तथ्य:

  • यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष पिछले 10 वर्षों के भीतर प्रकाशित हिन्दी की कोई भी साहित्यिक कृति को दिया जाता है।
  • समिति की राय में यदि किसी वर्ष कोई भी कृति व्यास सम्मान के लिए अपेक्षित स्तर की न हो तो उस वर्ष पुरस्कार न देने का भी प्रावधान है।
  • व्यास सम्मान के नियमों के अनुसार कृति साहित्य की किसी विधा में हो सकती है। सृजनात्मक साहित्य के अतिरिक्त अन्य विधाओं जैसे- आत्मकथा, ललित निबंध, समीक्षा व आलोचना, साहित्य और भाषा का इतिहास आदि पुस्तकों पर भी विचार किया जाता है।
  • व्यास सम्मान की विशिष्टता यह है कि इसे साहित्यकार को केंद्र में न रखकर साहित्यिक कृति को दिया जाता है।
  • सम्मान मरणोपरांत नहीं दिया जाता, लेकिन चयन समिति में विचार-विमर्श आरम्भ हो जाने के बाद यदि प्रस्तावित कृति के लेखक की मृत्यु होने पर कृति पर विचार किया जा सकता है।
  • भविष्य में सम्मानित लेखक की किसी अन्य कृति पर विचार नहीं किया जाता है।

वर्ष 1991 से अब तक व्यास सम्मान विजेताओं की सूची:

वर्ष साहित्यकार का नाम कृति/उपन्यास/काव्य
2022 डॉ. ज्ञान चतुर्वेदी व्यंग्य उपन्यास"पागलखाना" के लिए
2021 असगर वजाहत (2021) नाटक "महाबली" के लिए
2020 प्रो. शरद पगारे उपन्यास "पाटलिपुत्र की सम्राज्ञी" के लिए
2019 नासिरा शर्मा उपन्यास कागज़ की नाव (पेपर बोट) के लिए
2018 लीलाधर जगूड़ी जितने लोग उतने प्रेम (काव्य संग्रह)
2017 ममता कालिया 'दुक्खम - सुक्खम (उपन्यास)
2016 सुरेंद्र वर्मा काटना शमी का वृक्ष: पद्मपखुरी की धार से (उपन्यास)
2015 डॉ. सुनीता जैन क्षमा (काव्य संग्रह)
2014 कमल किशोर गोयनका प्रेमचंद की कहानियों का काल-क्रमानुसार अध्ययन
2013 विश्वनाथ त्रिपाठी व्योमकेश दरवेश (संस्मरण)
2012 नरेन्द्र कोहली न भूतो न भविष्यति (उपन्यास)
2011 रामदरश मिश्र आम के पत्ते (काव्य संग्रह)
2010 विश्वनाथ प्रसाद तिवारी फिर भी कुछ रह जायेंगे
2009 अमरकांत इन्हीं हथियारों से
2008 मन्नू भंडारी एक कहानी यह भी (आत्मकथा)
2007 - -
2006 परमानंद श्रीवास्तव कविता का अर्थात
2005 चंद्रकांता कथा सतिसार (उपन्यास)
2004 मृदुला गर्ग कठगुलाब (उपन्यास)
2003 चित्रा मुद्गल आवां (उपन्यास)
2002 कैलाश वाजपेयी पृथ्वी का कृष्णपक्ष (प्रबंध काव्य)
2001 रमेश चंद्र शाह आलोचना का पक्ष
2000 गिरिराज किशोर पहला गिरमिटिया (उपन्यास)
1999 श्रीलाल शुक्ल बिसरामपुर का संत (उपन्यास)
1998 गोविन्द मिश्र पाँच आँगनों वाला घर (उपन्यास)
1997 केदारनाथ सिंह उत्तर कबीर तथा अन्य कविताएँ
1996 प्रो. राम स्वरूप चतुर्वेदी हिन्दी साहित्य और संवेदना का विकास
1995 कुँवर नारायण कोई दूसरा नहीं (काव्य संग्रह)
1994 धर्मवीर भारती सपना अभी भी (काव्य संग्रह)
1993 गिरिजाकुमार माथुर मैं वक़्त के हूँ सामने (काव्य संग्रह)
1992 डॉ. शिव प्रसाद सिंह नीला चाँद (उपन्यास)
1991 रामविलास शर्मा भारत के प्राचीन भाषा परिवार और हिन्दी

नोट: वर्ष 2007 में किसी कृति को व्यास सम्मान से सम्मानित नहीं किया गया।

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प्रश्नोत्तर (FAQs):

डॉ. कमल किशोर गोयनका को वर्ष 2014 के व्यास सम्मान के लिए चुना गया है। उन्हें यह पुरस्कार 2012 में प्रकाशित उनकी शोध पुस्तक 'प्रेमचंद की कहानियों का कालानुक्रमिक अध्ययन' के लिए दिया गया था।

वरिष्ठ हिंदी विद्वान और उपन्यासकार सुरेंद्र वर्मा को 2016 का व्यास सम्मान मिलेगा। प्रख्यात हिंदी साहित्यकार और नाटककार सुरेंद्र वर्मा को उनके उपन्यास 'काटना शाम का वृक्ष: पद्म पंखुड़ी की धार से' के लिए 2016 के व्यास सम्मान के लिए चुना गया है। यह उपन्यास वर्ष 2010 में प्रकाशित हुआ था।

ममता कालिया एक भारतीय लेखिका, शिक्षिका और कवयित्री हैं, जो मुख्यतः हिंदी भाषा में लिखती हैं। उन्होंने अपने उपन्यास दुक्खम सुक्खम (दुख और खुशी) के लिए 2017 में भारत के सबसे अमीर साहित्यिक पुरस्कारों में से एक व्यास सम्मान जीता।

नरेंद्र कोहली को वर्ष 2012 के व्यास सम्मान पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। नरेंद्र कोहली एक भारतीय लेखक थे। हिंदी भाषा में लिखते हुए, उन्हें आधुनिक गद्य में महाकाव्य लेखन के प्राचीन स्वरूप को फिर से प्रस्तुत करने का श्रेय दिया जाता है।

व्यास सम्मान भारत में एक साहित्यिक पुरस्कार है, जिसे पहली बार 1991 में प्रस्तुत किया गया था। यह केके बिड़ला फाउंडेशन द्वारा प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है और इसमें 4,00,000 रुपये (2019 तक) का नकद भुगतान शामिल है।

  Last update :  Thu 23 Mar 2023
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