विश्व आत्मकेंद्रित जागरूकता दिवस संक्षिप्त तथ्य
कार्यक्रम नाम | विश्व आत्मकेंद्रित जागरूकता दिवस (World Autism Awareness Day) |
कार्यक्रम दिनांक | 02 / अप्रैल |
कार्यक्रम की शुरुआत | 18 दिसंबर 2007 |
कार्यक्रम का स्तर | अंतरराष्ट्रीय दिवस |
कार्यक्रम आयोजक | संयुक्त राष्ट्र महासभा |
विश्व आत्मकेंद्रित जागरूकता दिवस का संक्षिप्त विवरण
प्रत्येक वर्ष पूरे विश्व में 02 अप्रैल को आत्मकेंद्रित जागरूकता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए “विश्व आत्मकेंद्रित जागरूकता दिवस” मनाया जाता है।
विश्व आत्मकेंद्रित जागरूकता दिवस का इतिहास
18 दिसंबर, 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा प्रतिवर्ष 02 अप्रैल को विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी।
विश्व आत्मकेंद्रित जागरूकता दिवस का उद्देश्य
विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस का उद्देश्य स्वलीनता से ग्रस्त बच्चों तथा बड़ों के जीवन में सुधार हेतु कदम उठाना और उन्हें सार्थक जीवन व्यतीत करने में मदद करना है। भारत के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अनुसार प्रति 110 में से एक बच्चा ऑटिज्म ग्रस्त होता है और हर 70 बालकों में से एक बालक इस बीमारी से प्रभावित होता है।
विश्व आत्मकेंद्रित जागरूकता दिवस के बारे में अन्य विवरण
स्वलीनता (ऑटिज़्म) रोग किसे कहते है?
स्वलीनता (ऑटिज़्म) मस्तिष्क के विकास के दौरान होने वाला रोग है, जो व्यक्ति के सामाजिक व्यवहार और संपर्क को प्रभावित करता है। हिन्दी में इसे "आत्मविमोह" और "स्वपरायणता" भी कहते हैं। इससे प्रभावित व्यक्ति, सीमित और दोहराव युक्त व्यवहार करता है जैसे एक ही काम को बार-बार दोहराना। यह तंत्रिका तंत्र पर प्रभाव डालता है और व्यक्ति के समग्र संज्ञानात्मक, भावनात्मक, समाजिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
ऑटिज़्म के लक्षण:
- ऑटिज़्म के दौरान व्यक्ति को कई समस्याएं हो सकती हैं, यहां तक कि व्यक्ति मानसिक रूप से विकलांग हो सकता है।
- ऑटिज़्म के रोगी को मिर्गी के दौरे भी पड़ सकते हैं।
- कई बार ऑटिज़्म से ग्रसित व्यक्ति को बोलने और सुनने में समस्याएं आती हैं।
- ऑटिज़्म जब गंभीर रूप से होता है तो इसे ऑटिस्टिक डिस्ऑर्डर के नाम से जाना जाता है लेकिन जब ऑटिज़्म के लक्षण कम प्रभावी होते हैं तो इसे ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम डिस्ऑर्डर (ASD) के नाम से जाना जाता है। एएसडी के भीतर एस्पर्जर सिंड्रोम शामिल है।
ऑटिज़्म का प्रभाव:
- ऑटिज़्म पूरी दुनिया में फैला हुआ है। एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2010 तक विश्व में तकरीबन 7 करोड़ लोग ऑटिज्म से प्रभावित थे।
- इतना ही नहीं दुनियाभर में ऑटिज़्म प्रभावित रोगियों की संख्या मधुमेह, कैंसर और एड्स के रोगियों की संख्या मिलाकर भी इससे अधिक है।
- ऑटिज़्म प्रभावित रोगियों में डाउन सिंड्रोम की संख्या अपेक्षा से भी अधिक है।
- ऑटिज़्म पीडि़तों की संख्या का इस बात से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि दुनियाभर में प्रति दस हज़ार में से 20 व्यक्ति इस रोग से प्रभावित होते हैं।
- कई शोधों में यह भी बात सामने आई है कि ऑटिज़्म महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में अधिक देखने को मिला है। यानी 100 में से 80 फीसदी पुरुष इस बीमारी से प्रभावित हैं।
अप्रैल माह के महत्वपूर्ण दिवस की सूची - (राष्ट्रीय दिवस एवं अंतराष्ट्रीय दिवस):
तिथि | दिवस का नाम - उत्सव का स्तर |
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01 अप्रैल | अप्रैल मूर्ख दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
02 अप्रैल | विश्व आत्मकेंद्रित जागरूकता दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
05 अप्रैल | राष्ट्रीय समुद्री दिवस - राष्ट्रीय दिवस |
06 अप्रैल | विकास और शांति हेतु अंतरराष्ट्रीय खेल दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
07 अप्रैल | विश्व स्वास्थ्य दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
10 अप्रैल | विश्व होम्योपैथी दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
17 अप्रैल | विश्व हीमोफीलिया दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
18 अप्रैल | विश्व धरोहर दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
21 अप्रैल | लोक सेवा दिवस - राष्ट्रीय दिवस |
22 अप्रैल | विश्व पृथ्वी दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
23 अप्रैल | विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
24 अप्रैल | राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस - राष्ट्रीय दिवस |
25 अप्रैल | विश्व मलेरिया दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
29 अप्रैल | अंतर्राष्ट्रीय नृत्य दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
विश्व आत्मकेंद्रित जागरूकता दिवस प्रश्नोत्तर (FAQs):
विश्व आत्मकेंद्रित जागरूकता दिवस प्रत्येक वर्ष 02 अप्रैल को मनाया जाता है।
हाँ, विश्व आत्मकेंद्रित जागरूकता दिवस एक अंतरराष्ट्रीय दिवस है, जिसे पूरे विश्व हम प्रत्येक वर्ष 02 अप्रैल को मानते हैं।
विश्व आत्मकेंद्रित जागरूकता दिवस की शुरुआत 18 दिसंबर 2007 को की गई थी।
विश्व आत्मकेंद्रित जागरूकता दिवस प्रत्येक वर्ष संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा मनाया जाता है।