संयुक्त राष्ट्र महासचिव के निमंत्रण पर भारत ग्लोबल क्राइसिस रिस्पांस ग्रुप (जीसीआरजी) के चैंपियंस ग्रुप में शामिल हुआ। जीसीआरजी को खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा और वित्त में तत्काल वैश्विक मुद्दों के समाधान और वैश्विक प्रतिक्रिया के समन्वय के लिए लॉन्च किया गया था।
समूह में शामिल होने का निर्णय भारत के बढ़ते वैश्विक नेतृत्व और समकालीन वैश्विक चुनौतियों से निपटने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। भारत की भागीदारी से दुनिया, विशेषकर विकासशील देशों को प्रभावित करने वाले विकास के मुद्दों के परिणामोन्मुख समाधान खोजने में संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों को और बढ़ावा मिलेगा।

ग्लोबल क्राइसिस रिस्पांस ग्रुप (जीसीआरजी) कब शुरू किया गया था?

ग्लोबल क्राइसिस रिस्पांस ग्रुप (जीसीआरजी) की स्थापना मार्च 2022 में यूएनएसजी द्वारा की गई थी। जीसीआरजी को खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा और वित्त में परस्पर जुड़े संकटों से संबंधित तत्काल और महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों को संबोधित करने और वैश्विक प्रतिक्रिया के समन्वय के लिए बनाया गया था।

चैंपियंस समूह की संरचना:

विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा को जीसीआरजी प्रक्रिया के लिए शेरपा के रूप में नामित किया गया है। जीसीआरजी की देखरेख चैंपियंस ग्रुप द्वारा की जाती है और इसमें बांग्लादेश, बारबाडोस, डेनमार्क, जर्मनी, इंडोनेशिया और सेनेगल के राष्ट्राध्यक्ष और सरकार शामिल हैं। भारत के समूह में शामिल होने से विशेष रूप से विकासशील देशों के लिए परिणाम-उन्मुख समाधान खोजने में संयुक्त राष्ट्र के सामूहिक प्रयास मजबूत होंगे।

जीसीआरजी के लक्ष्य:

जीसीआरजी की स्थापना खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा और वित्त में परस्पर जुड़े संकटों के समाधान के लिए की गई थी। इसका प्राथमिक उद्देश्य वैश्विक प्रतिक्रिया का समन्वय करना और देशों को इन संकटों से प्रभावी ढंग से निपटने में मदद करने के लिए रणनीति विकसित करना है।
जीसीआरजी का उद्देश्य दुनिया के सामने आने वाली परस्पर जुड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए समाधान जुटाना और निर्णय निर्माताओं की सहायता करना है।

  News Date :  8 जुलाई 2023
  News Category :  India
  Post Category :  July 2023