लोक नृत्य किसे कहते हैं?
वह नृत्य जो आम लोगों द्वारा विकसित किया जाता है, जो एक निश्चित देश या क्षेत्र के लोगों के जीवन और संस्कृति को दर्शाता है, उसे लोक नृत्य कहा जाता है। ये बिना किसी पेशेवर प्रशिक्षण के बहुत सरल नृत्य होते हैं, और पारंपरिक संगीत के साथ किए जाते हैं।
लोक नृत्य की विशेषताएं
- लोकनृत्य उन्नीसवीं शताब्दी या उसके पहले के हैं जिन्हे पेटेन्ट नहीं कराया गया है।
- इन नृत्यों का ढ़ंग पारम्परिक होता है न कि किसी एक व्यक्ति द्वारा नवाचार द्वारा सृजित।
- इसके नृत्यकार आम आदमी होते हैं, न कि समाज के कुलीन वर्ग।
- इसको नियन्त्रित करने वाली कोई एक संस्था नहीं होती।
भारत में लोक नृत्य का वर्गीकरण
वैसे तो भारत के विभिन्न राज्य और उनके लोक नृत्यों में वर्गीकरण करना सरल नहीं हैं लेकिन सामान्य तौर पर इन्हें निम्नलिखित चार वर्गों में रखा जा सकता है:
- विशेष क्षेत्र पर आधारित लोक नृत्य: यह किसी विशेष क्षेत्र से संबंधित नृत्य होते हैं मतलब कुछ ऐसे नृत्य, जो कुछ ही क्षेत्रों में पाए जाते हैं; जैसे – गुजरात का गरबा, असम का बिहू आदि।
- धर्म एवं पर्व से संबंधित नृत्य: जिस लोकनृत्य का प्रदर्शन पर्व या धार्मिक अवसरों पर किया जाता है , उसे पर्व या धार्मिक नृत्य कहा जाता है; जैसे – झारखण्ड का करमा नृत्य।
- व्यावसायिक लोक नृत्य: जिस लोकनृत्य का प्रदर्शन जीविकोपार्जन का साधन बन गया , वे नृत्य व्यावसायिक नृत्य कहलाते हैं; जैसे – राजस्थान का भवाई नृत्य , तेरहताली नृत्य।
- जाति पर आधारित लोक नृत्य: लोकनृत्यों में जाति विशेष के लोगों द्वारा किए जाने वाले नृत्य जाति आधारित लोकनृत्य कहलाते हैं; जैसे – आन्ध्र प्रदेश में लंबाडी नृत्य।
भारत के सभी राज्यों के प्रमुख लोक नृत्य की सूची (List of All Indian States and their Folk Dances in Hindi):
राज्य | लोकनृत्य |
अरुणाचल प्रदेश | छम, मुखौटा नृत्य, युद्ध नृत्य, बुइया, चलो, वांचो, पासी कोंगकी, पोनुंग, पोपिर, बारडो। |
असम | कली गोपाल, खेल गोपाल, बिहू, राखल, बिहुआ, नटपूजा, चोंगली, चौंगवी, नागानृत्य, अंकियानाट |
आन्ध्र प्रदेश | मरदाला, कुम्भी, घंटामर्दाला छड़ी नृत्य, बात कम्भा, वीधी, मधुरी, ओट्टन तुल्लू, कालीयट्टम, कुडीयट्टम, भद्रकालि |
उड़ीसा | छऊ, पैका, सवारी, पुगनाट, धूमरा, जदूर, मुदारी, गरूड़ वाहन, ओडिसी, चड्या दंडनाता |
उत्तर प्रदेश | रास लीला, नौंटंकी, थाली, जैता, जांगर, चप्पेली, करन, कजरी, चारकूला |
उत्तराखंड | चैपली, गढ़वाली, कुमायूनी, कजरी, झोरा, रासलीला |
कर्नाटक | यक्षगान, कुनीता, वीरगास्से, भूतकोला, कर्गा, सुग्गी, कुनिथा, लंबी |
गुजरात | गणपतिभजन, डांडिया रास, गरबा, पणिहारी नृत्य, लास्य, टिप्पानी, अकोलिया, भवई |
गोवा | फुगड़ी, ढालो, कुनबी, धनगर, मंडी, झगोर, खोल, डाकनी, तरंगमेल, शिगमो, घोडे, मोदनी, समयी नृत्य, जागर, रणमाले, अमयी नृत्य, तोन्या मेल |
झारखंड | करमा, सरहुल, छऊ, फिरकल, जट जाटिन, पाइका।। |
तमिलनाडु | कुम्भी, कावड़ी, कडागम, कोलाट्टम, पित्रल, कोआट्टम, भारतनाट्यम |
नागालैंड | रेगमा, चोंग नोगकेम, चिंता, कजरम, युद्धनृत्य, खैवालिंम, नूरालिप, कुर्सी नागा, चुमिके, दोहाई |
पंजाब | भंगड़ा, गिद्ध, डफ्फ, धमन, भांड, नकल |
पश्चिम बंगाल | राम भेसे, गम्भीरा, बाउल, जात्रा, कीर्तन, काठी, महाल, गम्भीरा, रायवेश, मरसिया |
बिहार | वैगा, जदूर, जाया, जट-जाटिन, माधी, मूका, लुझरी, विदायत, कीर्तनिया, पंवरिया, जातरा, सोहराई |
मणिपुर | चोंग, महारास, नटराज, लाई हरोबा, संखाल, वसंत रास, थाग्टा, पुगवालोग, कीतत्वम् |
मध्य प्रदेश | रीना, चौत, दिवारी, नवरानी, गोन्यो, सुआ, भगोरिया, करमों, पाली, डागला छेरिया, हूल्को मंदिरी, सैला, बिल्धा, टपाडी, गोडा |
महाराष्ट्र | मोनी, बोहदा, लेजम, लावनी, दहिकला, तमाशा, गणेश चतुर्थी, कौली, गफा, ललिता, मौरीधा |
मिजोरम | चेराव नृत्य, खुल्लम, चैलम, सावलकिन, चावंगलाइजॉन, जंगतलम, पार लाम, सरलामकाई/सोलाकिया, तलंगलम, खानतम, पाखुपिला, चेरोकन |
मेघालय | लाहो, बाला, का शाद सुक माइन्सीम, नोंगक्रेम, |
राजस्थान | कठपुतली, धापाल, जिंदाद, पूगर, सुइसिनी, बगरिया, ख्याल, शकरिया, गोयिका, लीला, झूलनलीला, कामड़, चरी, चंग, फुदी, गीदड़, गैर पणिहारी, गणगौर |
हरियाणा | झूमर, फाग नृत्य, डैफ, धमाल, लूर, गुग्गा, खोर, गागोर |
हिमाचल प्रदेश | सांगला, चम्बा, डांगी, डंडा, नाव, डफ, धमान, थाली, जद्धा, छरवा, महाथू, छपेली |
छत्तीसगढ | गौर मारिया, पंथी, राउत नाचा, पंडवानी, वेदमती, कापालिक, चंदैनी, भरथरी चरित, गौड़ी, कर्मा, झूमर, दगला, पाली, तपाली, नवरानी, दिवारी, मुंडारी, झूमर। |
केरल | ओट्टामथुलाल, कैकोट्टिकली, टप्पटिकली, काली अट्टम |
सिक्किम | चू फाट, याक चाम सिकमारी, सिंघी चाम या स्नो लायन, याक चाम, डेन्जोंग गनेन्हा, ताशी यांगकू, खुकुरी नाच, चटनी नाच, मारुनी नृत्य। |
तेलंगाना | पेरिनी शिवतांडवम, कीसाबादी |
त्रिपुरा | होजागिरी, बूमनी, बिझू, चेराव, है-हक, वांगला, संगराई |
भारत के केंद्रशासित प्रदेशों के लोक नृत्य की सूची
राज्य | लोकनृत्य |
जम्मू कश्मीर | कुद नृत्य, राउफ नृत्य, दुमल नृत्य, हाफिजा नृत्य, भांड पाथेर, बचा नगमा, भदजास नृत्य, हिकात नृत्य |
लक्षद्वीप | परिचाकाली |
अंडमान व नोकोबार द्वीप समूह | निकोबारी ग्रेट अंडमानी नृत्य |
चंडीगढ़ | गिद्दा नृत्य |
दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव | तारपा नृत्य, भवाड़ा नृत्य, ढोल नृत्य और तूर और थाली नृत्य |
दिल्ली | कथक |
लद्दाख | स्पावो नृत्य, शोन नृत्य, द्रुग्पा-रचेस, जबरो नृत्य, बैगस्टनरचेस, लामास नृत्य, कोषन नृत्य, याक नृत्य, तुखस्तानमो |
अब संबंधित प्रश्नों का अभ्यास करें और देखें कि आपने क्या सीखा?
☞ भारत के लोक नृत्य से संबंधित प्रश्न उत्तर 🔗
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भारतीय लोक नृत्य प्रश्नोत्तर (FAQs):
गरबा नृत्य का एक रूप है जो भारत में गुजरात राज्य से उत्पन्न होता है। यह नाम संस्कृत शब्द गर्भ और दीप से लिया गया है। कई पारंपरिक गरबा केंद्रीय रूप से जलाए गए दीपक या देवी शक्ति की तस्वीर या मूर्ति के आसपास किए जाते हैं।
तप्पातीकली लोक नृत्य केरल राज्य से संबंधित है।
करगम लोक नृत्य तमिलनाडु राज्य से संबंधित है।
कुचिपुड़ी आठ प्रमुख भारतीय शास्त्रीय नृत्यों में से एक है। इसकी उत्पत्ति भारत के आंध्र प्रदेश राज्य के कुचिपुड़ी नामक गाँव में हुई थी। कुचिपुड़ी एक नृत्य-नाटक प्रदर्शन है, जिसकी जड़ें नाट्य शास्त्र के प्राचीन हिंदू संस्कृत पाठ में हैं।
रास या डांडिया रास भारतीय राज्य गुजरात से उत्पन्न होने वाला सामाजिक-धार्मिक लोक नृत्य है और इसे नवरात्रि के त्योहार में लोकप्रिय रूप से प्रदर्शित किया जाता है। नृत्य राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र में भी किया जाता है। डांडिया-रास की व्युत्पत्ति संस्कृत में है