दिल्ली मेट्रो रेल निगम (DMRC) ने अपने सभी मार्गों पर यात्रा के लिए क्यूआर कोड आधारित पेपर टिकट की शुरुआत की है। इस सुविधा के शुरू होने से यात्री अब टोकन के अलावा क्यूआर कोड आधारित पेपर टिकट का उपयोग कर सकेंगे। इस सुविधा के लिए DMRC ने अपने ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन (AFC) गेट्स और कस्टमर केयर काउंटरों को क्यूआर आधारित पेपर टिकटों के लिए अपग्रेड किया है। प्रारंभ में, क्यूआर आधारित पेपर टिकटों द्वारा यात्रा के लिए सभी स्टेशनों पर प्रवेश और निकास के लिए दो एएफसी गेटों को अपग्रेड किया गया है।
डीएमआरसी ने कहा कि इस महीने के अंत तक, मोबाइल आधारित क्यूआर टिकट को भी शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है जिससे यात्रियों का सफर और अधिक निर्बाध और आसान हो जायेगा, क्योंकि इससे यात्रियों के लिए काउंटर से भौतिक रूप से टिकट खरीदने की ज़रूरत समाप्त हो जाएगी।
पेपर टिकट का इस्तेमाल कैसे करेंगे
इस सुविधा का लाभ यात्री अपने फोन की मदद से उठा सकते है. इसके लिए यात्रियों को केवल मेट्रो स्टेशन पर लगे QR कोड को स्कैन करना होगा और ट्रेवल चार्ज को पे करना होगा, जिसके बाद आपको पेपर टोकन मिल जायेगा. इसके बाद यात्री इस पेपर टोकन के माध्यम से अपनी यात्रा को पूरी कर सकेंगे. इस सुविधा की शुरुआत दिल्ली मेट्रो की सभी मेट्रो लाइनों पर कर दी गयी है.
टिकट मशीन में किये गए बदलाव
दिल्ली मेट्रो प्रशासन की ओर से स्टेशनों पर लगे ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन गेट्स सिस्टम और टिकट वेंडिंग मशीनों में भी बदलाव किया गया है. साथ ही दिल्ली मेट्रो रेल निगम (DMRC) ने यह भी बताया कि जल्द ही मोबाइल बेस्ड क्यूआर टिकट सुविधा की भी शुरुआत की जाएगी.
पेपर टोकन का मुख्य उपयोग
पेपर टोकन की मदद से यात्री आसानी से अपने गंतव्य तक पहुंच सकते हैं। क्यूआर कोड आधारित यह पेपर टोकन 60 मिनट तक वैध रहेगा। इसलिए यात्रियों को इतने समय में अपनी यात्रा पूरी करनी होगी, नहीं तो इसके लिए स्टेशन पर अलग से चार्ज देना होगा। क्यूआर कोड आधारित पेपर टिकट की मदद से यात्री अपने गंतव्य स्टेशन से पहले किसी भी मध्यवर्ती स्टेशन पर नहीं उतर सकेंगे. बीच वाले स्टेशन पर यह पेपर टोकन काम नहीं करेगा और एएफसी गेट भी नहीं खुलेंगे।