जम्मू-कश्मीर के लिए तीन अहम बिल राज्यसभा में पास हुए
राज्यसभा ने जम्मू-कश्मीर से संबंधित तीन विधेयक पारित किए, जो स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण और केंद्र में अनुसूचित जाति और जनजाति की सूची को संशोधित करने का प्रावधान करते हैं।
तीनों संशोधन पारित:-
- जम्मू और कश्मीर स्थानीय निकाय कानून (संशोधन) विधेयक, 2024
- संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जाति आदेश (संशोधन) विधेयक, 2024
- संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जनजाति आदेश (संशोधन) विधेयक, 2024
जम्मू और कश्मीर स्थानीय निकाय कानून (संशोधन) विधेयक, 2024
'केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने जम्मू और कश्मीर स्थानीय निकाय कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया। यह विधेयक जम्मू और कश्मीर पंचायती राज अधिनियम, 1989 (1989 का IX), जम्मू और कश्मीर नगरपालिका अधिनियम, 2000 में संशोधन करता है। इस कानून का उद्देश्य जम्मू और कश्मीर में पंचायतों और नगर पालिकाओं में अन्य पिछड़ा वर्गों को आरक्षण प्रदान करना और केंद्र शासित प्रदेश के स्थानीय निकाय कानूनों में प्रावधानों के साथ स्थिरता लाना है।
संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जाति आदेश (संशोधन)
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने सदन में संविधान (जम्मू-कश्मीर) अनुसूचित जाति आदेश (संशोधन) विधेयक पेश किया। जो वाल्मिकी समुदाय को अनुसूचित जाति की सूची में जोड़ता है। विधेयक संविधान के अनुसूचित जाति आदेश (जम्मू और कश्मीर) 1956 में संशोधन करता है, जो जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में अनुसूचित जाति मानी जाने वाली जातियों को सूचीबद्ध करता है।
संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जनजाति आदेश (संशोधन) विधेयक
केंद्रीय जनजातीय मामलों और कृषि और किसान कल्याण मंत्री ने संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जनजाति आदेश (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया, जो अनुसूचित के लिए एक अलग सूची बनाने के लिए संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जनजाति आदेश 1989 में संशोधन करना चाहता है।