इस अध्याय के माध्यम से हम जानेंगे जनरल एस. एच. एफ. जे. मानेकशॉ (Sam Manekshaw) से जुड़े महत्वपूर्ण एवं रोचक तथ्य जैसे उनकी व्यक्तिगत जानकारी, शिक्षा तथा करियर, उपलब्धि तथा सम्मानित पुरस्कार और भी अन्य जानकारियाँ। इस विषय में दिए गए जनरल एस. एच. एफ. जे. मानेकशॉ से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों को एकत्रित किया गया है जिसे पढ़कर आपको प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में मदद मिलेगी। Sam Manekshaw Biography and Interesting Facts in Hindi.

जनरल एस. एच. एफ. जे. मानेकशॉ का संक्षिप्त सामान्य ज्ञान

नामजनरल एस. एच. एफ. जे. मानेकशॉ (Sam Manekshaw)
वास्तविक नामसैम होर्मूसजी फ्रेमजी जमशेदजी मानेकशॉ
जन्म की तारीख03 अप्रैल
जन्म स्थानअमृतसर, पंजाब, ब्रिटिश भारत
निधन तिथि27 जून
उपलब्धि1973 - भारत के प्रथम फील्ड मार्शल
पेशा / देशपुरुष / सैन्य अफसर / भारत

जनरल एस. एच. एफ. जे. मानेकशॉ - भारत के प्रथम फील्ड मार्शल (1973)

एस.एच.एफ.जे. मानेकशॉ का जन्म 03 अप्रैल 1914 को अमृतसर, पंजाब (ब्रिटिश भारत) में एक पारसी परिवार में हुआ था। जनरल एस.एच.एफ.जे. मानेकशॉ देश के पहले फील्ड मार्शल थे। उनके नेतृत्व में भारत ने सन् 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में विजय प्राप्त की थी, जिसके परिणामस्वरूप बंगलादेश का जन्म हुआ था। उनका पूरा नाम सैम होर्मूसजी फ्रेमजी जमशेदजी मानेकशॉ था।

एस.एच.एफ.जे. मानेकशॉ का जन्म 03 अप्रैल 1914 को अमृतसर, पंजाब (ब्रिटिश भारत) में एक पारसी परिवार में हुआ था। इनके माता पिता का नाम होर्मुस्जी मानेकशॉ और माता का नाम हीराबाई मानेकशॉ था। इनके पिता एक चिकित्सक थे इनके माता पिता के छह बच्चे थे। ये अपने माता पिता के पांचवां संतान और तीसरा बीटा था। इनके भाई बहनों का नाम (फली, सिल्ला, जान, शेरू, सैम और जैमी) था।इनके बड़े भाई का नाम फली और जान था जो इंजीनियर थे इनका छोटा भाई और बहन शिक्षक थे।
जनरल एस. एच. एफ. जे. मानेकशॉ की मृत्यु 27 जून 2008 (उम्र 94) को वेलिंगटन, तमिलनाडु, भारत में निमोनिया बीमारी होने के कारण हुई थी।
मानेकशा ने शुरुआती शिक्षा अमृतसर (पंजाब) में प्राप्त की, बाद में उन्होंने नैनीताल के शेरवुड कॉलेज में दाखिला ले लिया। वे देहरादून के इंडियन मिलिट्री एकेडमी के पहले बैच के लिए चुने गए 40 छात्रों में से एक थे।
भारत की आजादी के बाद गोरखों की कमान संभालने वाले वे पहले भारतीय अधिकारी थे। गोरखों ने ही उन्हें सैम बहादुर के नाम से सबसे पहले पुकारना शुरू किया था। वर्ष 1937 में लाहौर में एक सार्वजनिक समारोह के दौरान उनकी मुलाकात सिल्लो बोडे से हुई तथा दो साल के बाद 22 अप्रैल 1939 को उन्होंने सिल्लो बोडे से शादी कर ली। वर्ष 1946 में वे फर्स्ट ग्रेड स्टॉफ ऑफिसर बनकर मिलिट्री आपरेशंस डायरेक्ट्रेट में सेवारत रहे, विभाजन के बाद 1947-48 की कश्मीर की लड़ाई में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 07 जून वर्ष 1969 में सैम मानेकशॉ को जनरल कुमारमंगलम के बाद भारत के 8वें सेनाध्यक्ष के रूप में चुना गया। 1973 में सेना प्रमुख के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद वे वेलिंगटन में बस गए थे।
सैम मानेकशॉ को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में सन 1968 में भारत सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया था। नागालैंड समस्या को सुलझाने के अविस्मरणीय योगदान के लिए 1968 में पद्मभूषण से नवाजा गया। जनरल एस.एच.एफ.जे. मानेकशॉ को 01 जनवरी 1973 को फील्ड मार्शल के मानद पद से अलंकृत किया गया।

जनरल एस. एच. एफ. जे. मानेकशॉ प्रश्नोत्तर (FAQs):

जनरल एस. एच. एफ. जे. मानेकशॉ का जन्म 03 अप्रैल 1914 को अमृतसर, पंजाब, ब्रिटिश भारत में हुआ था।

जनरल एस. एच. एफ. जे. मानेकशॉ को 1973 में भारत के प्रथम फील्ड मार्शल के रूप में जाना जाता है।

जनरल एस. एच. एफ. जे. मानेकशॉ का पूरा नाम सैम होर्मूसजी फ्रेमजी जमशेदजी मानेकशॉ था।

जनरल एस. एच. एफ. जे. मानेकशॉ की मृत्यु 27 जून 2008 को हुई थी।

  Last update :  Tue 28 Jun 2022
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