वित्त मंत्री कौन होता है?
भारत सरकार के वित्त मंत्रालय का प्रमुख वित्त मंत्री होता है। सरकार के राजकोषीय नीति की जिम्मेदारी वित्त मंत्री पर होती है। वित्त मंत्री संसद में वार्षिक केंद्रीय बजट (अनुच्छेद 112) प्रस्तुत करता है तथा वह देश की अर्थव्यवस्था का मुख्य संचालक होता है। भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति (15 अगस्त 1947) के बाद से अब तक देश में 26 मंत्रियों ने वित्त मंत्री का पद ग्रहण किया है।
सबसे ज्यादा बजट पेश करने का रिकॉर्ड मोरारजी देसाई के नाम है, उन्होंने 10 बार संसद में वार्षिक केंद्रीय बजट पेश किए हैं। इनमे 8 पूरे और 2 अंतरिम बजट है। उनके बाद पी. चिदंबरम का नाम आता है, जो 09 बार संसद बजट पेश कर चुके है।
भारत के वर्तमान वित्त मंत्री 2024:
भारत के वर्तमान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण हैं। उन्होंने 30 मई 2019 को वित्तमंत्री के रूप में पद ग्रहण किया है, वह 2014 से भारतीय संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा की सदस्य हैं। सीतारमण ने पूर्व में भारत के रक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया, जिससे वह भारत की दूसरी महिला रक्षा मंत्री बनीं और इंदिरा गांधी के बाद दूसरी महिला वित्त मंत्री और पहली पूर्ण- समय महिला वित्त मंत्री हैं निर्मला सीतारमण से पहले अरूण जेटली 26 मई 2014 से 30 मई 2019 तक इस पद पर कार्यरत थे। स्वतंत्र भारत के पहले वित्त मंत्री आर. के. शंमुखम चेट्टी थे, जिन्होंने देश का पहला बजट पेश किया था। वह 15 अगस्त 1947 से 1949 तक अपने पद पर कार्यरत रहे।
भारत के वित्त मंत्रियों की सूची: (1947-2024)
वित्त मंत्री का नाम | कार्यकाल | राजनीतिक दल (गठबंधन) |
लियाकत अली खान | 29 अक्टूबर 1946 से 14 अगस्त 1947 तक | ऑल इंडिया मुस्लिम लीग |
आर. के. शंमुखम चेट्टी | 15 अगस्त 1947 से 1949 तक | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
जॉन मथाई | 1949 से 1950 तक | |
सी. डी. देशमुख | 29 मई 1950 से 1957 तक | |
टी. टी. कृष्णामचारी | 1957 से 13 फरवरी 1958 तक | |
जवाहर लाल नेहरु | 13 फरवरी 1958 से 13 मार्च 1958 तक | |
मोरारजी देसाई | 13 मार्च 1958 से 29 अगस्त 1963 तक | |
टी. टी. कृष्णामचारी | 29 अगस्त 1963 से 1965 तक | |
सचिन्द्र चौधरी | 1965 से 13 मार्च 1967 तक | |
मोरारजी देसाई | 13 मार्च 1967 से 16 जुलाई 1969 तक | |
इंदिरा गाँधी | 1970 से 1971 तक | |
यशवंतराव चौहान | 1971 से 1975 तक | |
चिदम्बरम सुब्रमनियम | 1975 से 1977 तक | |
हरिभाई एम. पटेल | 24 मार्च 1977 से 24 जनवरी 1979 तक | जनता पार्टी |
चौधरी चरण सिंह | 24 जनवरी 1979 से 28 जुलाई 1979 तक | |
हेमवती नंदन बहुगुणा | 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक | जनता पार्टी (सेक्युलर) |
आर. वेंकटरमण | 14 जनवरी 1980 से 15 जनवरी 1982 तक | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
प्रणब मुखर्जी | 15 जनवरी 1982 से 31 दिसम्बर 1984 तक | |
वी. पी. सिंह | 31 दिसम्बर 1984 से 24 जनवरी 1987 तक | |
राजीव गाँधी | 24 जनवरी 1987 से 25 जुलाई 1987 तक | |
एन. डी. तिवारी | 25 जुलाई 1987 से 25 जून 1988 तक | |
शंकर राव चौहान | 25 जून 1988 से 02 दिसम्बर 1989 तक | |
मधु दंडवते | 02 दिसम्बर 1989 से 10 नवम्बर 1990 तक | जनता दल (राष्ट्रीय मोर्चा) |
यशवंत सिन्हा | 10 नवम्बर 1990 से 21 जून 1991 तक | समाजवादी जनता पार्टी (राष्ट्रीय मोर्चा) |
मनमोहन सिंह | 21 जून 1991 से 16 मई 1996 तक | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
जसवंत सिंह | 16 मई 1996 से 01 जून 1996 तक | भारतीय जनता पार्टी |
पी. चिदम्बरम | 01 जून 1996 से 21 अप्रैल 1997 तक | तमिल मनिला कांग्रेस (संयुक्त मोर्चा) |
आई. के. गुजराल | 21 अप्रैल 1997 से 01 मई 1997 तक | जनता दल (संयुक्त मोर्चा) |
पी. चिदम्बरम | 01 मई 1997 से 19 मार्च 1998 तक | तमिल मनिला कांग्रेस (संयुक्त मोर्चा) |
यशवंत सिन्हा | 19 मार्च 1998 से 01 जुलाई 2002 तक | भारतीय जनता पार्टी (एनडीए) |
जसवंत सिंह | 01 जुलाई 2002 से 22 मई 2004 तक | |
पी. चिदम्बरम | 22 मई 2004 से 30 नवम्बर 2008 तक | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (यूपीए) |
मनमोहन सिंह | 30 नवम्बर 2008 से 24 जनवरी 2009 तक | |
प्रणब मुखर्जी | 24 जनवरी 2009 से 26 जून 2012 तक | |
मनमोहन सिंह | 26 जून 2012 से 31 जुलाई 2012 तक | |
पी. चिदम्बरम | 31 जुलाई 2012 से 26 मई 2014 तक | |
अरुण जेटली | 26 मई 2014 से 30 मई 2019 | भारतीय जनता पार्टी (एनडीए) |
निर्मला सितारमण | 30 मई 2019 से अब तक | भारतीय जनता पार्टी (एनडीए) |
वित्त मंत्रालय (भारत):
वित्त मंत्रालय भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण मंत्रालय है। सम्पूर्ण देश की अर्थव्यवस्था का संचालन वित्त मंत्रालय द्वारा ही किया जाता है। भारत का वित्त मंत्रालय विभिन्न विभागों से मिलकर बना है जिनमें: आर्थिक कार्य विभाग, व्यय विभाग, राजस्व विभाग, वित्तीय सेवाएं विभाग एवं विनिवेश विभाग इत्यादि शामिल है।
वित्तीय प्रणाली किसे कहते है?
वित्तीय प्रणाली से तात्पर्य उस प्रणाली से है जो निवेशकों (Investors) और उधारकर्ताओं (Borrowers) के बीच धन के लेन-देन को सक्षम बनाती है। "वित्तीय प्रणाली" में "प्रणाली" शब्द एक जटिल समूह को संदर्भित करता है और अर्थव्यवस्था के अंदर संस्थानों, एजेंटों, प्रक्रियाओं, बाजारों, लेनदेन, दावों से नजदीकी रूप से जुडा होता है। वित्तीय प्रणाली के मुख्य घटक निम्नलिखित है:
भारतीय वित्तीय प्रणाली के घटक:
- वित्तीय संस्थान
- वित्तीय बाजार
- मुद्रा बाज़ार
- पूंजी बाजार
- विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार
- ऋण बाजार (क्रेडिट मार्केट)
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