शिक्षा मंत्री कौन होता है?
कुछ देशों में शैक्षिक मामलों से निपटने के लिए सरकार द्वारा नियुक्त किये गए जिम्मेदार व्यक्ति को शिक्षा मंत्री कहा जाता है। पोलिश-लिथुआनियाई राष्ट्रमंडल में 1773 में स्थापित इस तरह के पहले मंत्रालय को राष्ट्रीय शिक्षा आयोग माना जाता है।
भारत का शिक्षा मंत्रालय
भारत का शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है। यह मानव संसाधन विकास मंत्रालय के महत्वपूर्ण मंत्रालयों में से एक है। देश के सामाजिक-आर्थिक ताने-बाने में संतुलन के लिए उल्लेखनीय और उपचारी भूमिका निभाता है। भारत की शिक्षा प्रणाली मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अंतर्गत ही आती है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) का सृजन भारत सरकार (व्यवसाय का आबंटन) नियम, 1961 के 174वें संशोधन के माध्यम से 26 सितम्बर, 1985 को किया गया था।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय शिक्षा मंत्रालय के लिए दो विभागों के माध्यम से कार्य करता है:
- स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग
- उच्चतर शिक्षा विभाग
स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग:
भारत में स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता के विकास के लिए उत्तरदायी है। स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग का लक्ष्य ''शिक्षा के सार्वभौमिकरण'' एवं युवाओं में से बेहतर नागरिक तैयार करना है। इसके लिए, नियमित रूप से विभिन्न नई स्कीमें एवं पहलें प्रारंभ की जाती हैं।
उच्चतर शिक्षा विभाग:
भारत में उच्चतर शिक्षा विभाग उच्चतर शिक्षा एवं अनुसंधान में विश्व स्तरीय अवसर बनाने का कार्य करता है, जिससे अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारतीय विद्यार्थी पीछे न रहें। इस प्रयोजनार्थ, सरकार ने भारतीय विद्यार्थियों को वैश्विक मतों का लाभ प्रदान करने के लिए कई संयुक्त उपक्रम प्रारंभ किए हैं। भारत का उच्चतर शिक्षा विभाग संयुक्त राज्य अमेरिका एवं चीन के बाद दुनिया की सबसे बड़ी उच्चतर शिक्षा प्रणाली है।
भारत के शिक्षा मंत्रालय के प्रमुख कार्य:
भारत के शिक्षा मंत्रालय के प्रमख कार्य निम्नलिखित हैं:-
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाना और उसका अक्षरश: कार्यान्वयन सुनिश्चित करना।
- संपूर्ण देश, जिसमें ऐसे क्षेत्र भी शामिल हैं जहां शिक्षा तक लोगों की पहुंच आसान नहीं है, में शैक्षिक संस्थाओं की पहुंच में विस्तार और गुणवत्ता में सुधार करने सहित सुनियोजित विकास।
- निर्धनों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों जैसे वंचित समूहों की ओर विशेष ध्यान देना।
- समाज के वंचित वर्गों के पात्र छात्रों को छात्रवृति, ऋण सब्सिडी आदि के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करना।
- शिक्षा के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को प्रोत्साहित करना जिसमें यूनेस्को तथा विदेशी सरकारों के साथ-साथ विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर कार्य करना शामिल है ताकि देश में शैक्षिक अवसरों में वृद्धि हो सके।
भारत के वर्तमान शिक्षा मंत्री 2024:
भारत के वर्तमान शिक्षा मंत्री का नाम धर्मेंद्र प्रधान है इन्होंने इस पद की शपथ 07 जुलाई 2021 को ग्रहण की थी। इससे पहले वे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री थे। धर्मेंद्र प्रधान से पहले इस पद पर रमेश पोखरियाल (भाजपा के वरिष्ठ नेता) ने 30 मई 2019 को शिक्षा मंत्री के रूप में पद ग्रहण किया था। भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद थे। वह 15 अगस्त 1947 से 22 जनवरी 1958 तक इस पद पर कार्यरत रहे।
भारत के शिक्षा मंत्रियों की सूची (1947-2024)
नाम | कार्यकाल | |
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद | 15 अगस्त 1947 | 22 जनवरी 1958 |
डॉ. के. एल. श्रीमली (राज्य मंत्री) | 22 जनवरी 1958 | 31 अगस्त 1963 |
हुमायूं कबीर | 01 सितम्बर 1963 | 21 नवम्बर 1963 |
एम. सी. सी. छागला | 21 नवम्बर 1963 | 13 नवम्बर 1966 |
फखरुद्दीन अली अहमद | 14 नवम्बर 1966 | 13 मार्च 1967 |
डॉ. त्रिगुण सेन | 16 मार्च 1967 | 14 फरवरी 1969 |
डा. वी. के आर. वी. राव | 14 फरवरी 1969 | 18 मार्च 1971 |
सिद्धार्थ शंकर रे | 18 मार्च 1975 | 20 मार्च 1972 |
प्रो. एस. नूरुल हसन (राज्य मंत्री) | 24 मार्च 1972 | 24 मार्च 1977 |
प्रो. प्रताप चंद्र चंदर | 26 मार्च 1977 | 28 जुलाई 1979 |
डॉ. करन सिंह | 30 जुलाई 1979 | 14 जनवरी 1980 |
बी. शंकरंद | 14 जनवरी 1980 | 17 अक्टूबर 1980 |
एस.बी. चव्हाण | 17 अक्टूबर 1980 | 08 अगस्त 1981 |
शीला कौल (राज्य मंत्री) | 10 अगस्त 1981 | 31 दिसम्बर 1984 |
के.सी. पंत | 31 दिसम्बर 1984 | 25 सितम्बर 1985 |
पी. वी. नरसिंह राव (प्रधानमंत्री) | 25 सितम्बर 1985 | 25 जून 1988, |
पी. वी. नरसिंह राव (प्रधानमंत्री) | 25 दिसम्बर 1994 | 09 फरवरी 1995, |
पी. वी. नरसिंह राव (प्रधानमंत्री) | 17 जनवरी 1996 | 16 मई 1996 |
पी. शिव शंकर | 25 जून 1988 | 02 दिसम्बर 1989 |
वी.पी. सिंह (प्रधानमंत्री) | 02 दिसम्बर 1989 | 10 नवम्बर 1990 |
राजमंगल पांडे | 21 नवम्बर 1990 | 21 जून 1991 |
अर्जुन सिंह | 23 जून 1991 | 24 दिसम्बर 1994, |
अर्जुन सिंह | 22 मई 2004 | 22 मई 2009 |
माधवराव सिंधिया | 10 फरवरी 1995 | 17 जनवरी 1996 |
अटल बिहारी वाजपेयी (प्रधानमंत्री) | 16 मई 1996 | 01 जून 1996 |
एस. आर. बोम्मई | 05 जून 1996 | 19 मार्च 1998 |
डॉ. मुरली मनोहर जोशी | 19 मार्च 1998 | 21 मई 2004 |
श्री कपिल सिब्बल | 22 मई 2009 | 28 अक्टूबर 2012 |
एम.एम. पल्लम राजू | 29 अक्टूबर 2012 | 25 मई 2014 |
स्मृति ईरानी | 26 मई 2014 | 05 जुलाई 2016 |
प्रकाश जावडेकर | 05 जुलाई 2016 | 30 मई 2019 |
रमेश पोखरियाल 'निशंक' | 30 मई 2019 | 07 जुलाई 2021 |
धर्मेंद्र प्रधान | 07 जुलाई 2021 | अब तक |
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भारत के शिक्षा मंत्री प्रश्नोत्तर (FAQs):
गणेश वासुदेव मावलंकर अपनी उच्च शिक्षा के लिए 1902 ई. में अहमदाबाद आ गये थे। गणेश वासुदेव मावलंकर भारतीय स्वतंत्रता सेनानी एवं भारतीय लोकसभा के प्रथम अध्यक्ष थे। वे अहमदाबाद लोकसभा क्षेत्र से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य के रुप में लोकसभा में निर्वाचित हुये थे।
मतदाता शिक्षा पर पहला अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन 19 अक्टूबर 2016 को नई दिल्ली में चुनाव आयोग द्वारा आयोजित किया गया था। सम्मेलन का विषय समावेशी, सूचित और नैतिक भागीदारी के लिए मतदाता शिक्षा है। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य चुनाव प्रबंधन निकायों द्वारा सर्वोत्तम प्रथाओं, नीतियों और मतदाता शिक्षा पहलों को साझा करना था।
1976 से पूर्व शिक्षा पूर्ण रूप से राज्यों का उत्तरदायित्व था, लेकिन 1976 में किये गए 42वें संविधान संशोधन द्वारा जिन पाँच विषयों को राज्य सूची से हटाकर समवर्ती सूची में डाला गया, उनमें शिक्षा भी शामिल थी। गौरतलब है कि समवर्ती सूची में शामिल विषयों पर केंद्र और राज्य मिलकर काम करते हैं।
संविधान (छियासीवां संशोधन) अधिनियम, 2002 ने भारत के संविधान में अंत: स्थापित अनुच्छेद 21-क, ऐसे ढंग से जैसाकि राज्य कानून द्वारा निर्धारित करता है, मौलिक अधिकार के रूप में छह से चौदह वर्ष के आयु समूह में सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान करता है।
ब्रिटिश हुकूमत के दौरान लार्ड मैकाले द्वारा वर्ष 1835 में भारत में अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा की शुरू की गई थी।