भारतीय राज्यों के मुख्यमंत्री:
भारत गणराज्य में उन्तीस राज्यों और दो केन्द्र-शासित प्रदेशों (दिल्ली और पुद्दुचेरी) की प्रत्येक सरकार के मुखिया को मुख्यमंत्री कहा जाता है। भारतीय संविधान के अनुसार राज्य स्तर पर राज्यपाल क़ानूनन मुखिया होता है लेकिन वास्तव में कार्यकारी प्राधिकारी मुख्यमंत्री ही होता है। राज्य विधान सभा चुनावों के बाद राज्यपाल सामान्यतः सरकार बनाने के लिए बहुमत वाले दल (अथवा गठबंधन) को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करता है।
सभी 28 भारतीय राज्यों के वर्तमान मुख्यमंत्रियों की सूची 2024:
राज्य का नाम | मुख्यमंत्री का नाम | राजनीतिक पार्टी का नाम |
आंध्र प्रदेश | जगन मोहन रेड्डी | वाई. एस. आर. कांग्रेस पार्टी (वाई.एस.आर.सी.पी.) |
अरुणाचल प्रदेश | पेमा खांडू | पीपुल्स पार्टी ऑफ़ अरुणाचल |
असम | हिमंत बिस्वा सरमा | भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) |
बिहार | नितीश कुमार | जनता दल (यूनाइटेड) |
छत्तीसगढ़ | विष्णु देव साई | भारतीय जनता पार्टी |
दिल्ली | अरविंद केजरीवाल | आम आदमी पार्टी |
गोवा | प्रमोद सावंत | भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) |
गुजरात | भूपेंद्रभाई पटेल | भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) |
हरियाणा | मनोहर लाल खट्टर | भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) |
हिमाचल प्रदेश | सुखविंदर सिंह सुक्खू | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
झारखण्ड | चंपई सोरेन | झारखंड मुक्ति मोर्चा |
कर्नाटक | सिद्धारमैया | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
केरल | पिनाराई विजयन | मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी |
मध्य प्रदेश | शिवराज सिंह चौहान | भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) |
महाराष्ट्र | एकनाथ शिंदे | शिव सेना |
मणिपुर | एन. बीरेन सिंह | भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) |
मेघालय | कोनराड संगमा | नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) |
मिजोरम | लालदुहोमा | ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट |
नागालैण्ड | नेफ्यू रियो | नेशनल डेमोक्रेटिक पीपुल्स पार्टी (एनडीपीपी) |
ओडिशा | नवीन पटनायक | बीजू जनता दल |
पुडुचेरी (यू.टी) | नदेसन कृष्णासामी रंगासामी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
पंजाब | भगवंत सिंह मान | आम आदमी पार्टी |
राजस्थान | भजन लाल शर्मा | भारतीय जनता पार्टी |
सिक्किम | प्रेम सिंह तमांग | सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा |
तमिलनाडु | मुथुवेल करुणानिधि स्टालिन | द्रविड़ मुनेत्र कड़गम |
तेलंगाना | अनुमुला रेवंत रेड्डी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
त्रिपुरा | माणिक साहा | भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) |
उत्तराखंड | पुष्कर सिंह धामी (4 जुलाई 2021) | भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) |
उत्तर प्रदेश | योगी आदित्यनाथ | भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) |
पश्चिम बंगाल | ममता बनर्जी | अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस |
भारत में मुख्यमंत्री की नियुक्ति कैसे होती है:
मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल के द्वारा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 163 के तहत की जाती है। राज्यपाल मुख्यमंत्री की नियुक्ति या तो आम चुनाव के बाद करता है या फिर तब करता है, जब मुख्यमंत्री के त्यागपत्र देने के कारण या बर्ख़ास्त कर दिये जाने के कारण उसका पद रिक्त हो जाता है।
आम चुनाव में किसी एक ही दल को विधानसभा में बहुमत प्राप्त हो जाये और उस दल का कोई निर्वाचित नेता हो, तब उसे मुख्यमंत्री पद पर नियुक्त करना राज्यपाल की संवैधानिक बाध्यता है। यदि मुख्यमंत्री अपने दल के आन्तरिक मतभेदों के कारण त्यागपत्र देता है, तो उस दल के नये निर्वाचित नेता को मुख्यमंत्री पद पर नियुक्त किया जाता है।
भारत में मुख्यमंत्री पद के लिए क्या-2 योग्यताएँ होनी चाहिए:-
मुख्यमंत्री पद के लिए संविधान में कोई योग्यता विहित नहीं की गयी है, लेकिन मुख्यमंत्री के लिए यह आवश्यक है कि वह राज्य विधानसभा का सदस्य हो। इस प्रकार मुख्यमंत्री में राज्य विधानसभा के सदस्य की योग्यता होनी चाहिए। राज्य विधानसभा का सदस्य न होने वाला व्यक्ति भी मुख्यमंत्री पद पर नियुक्त किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए आवश्यक है कि वह 6 मास के अन्तर्गत राज्य विधानसभा का सदस्य निर्वाचित हो जाये।
21 सितम्बर, 2001 को उच्चतम न्यायालय के एक निर्णय के अनुसार किसी सज़ायाफ़्ता को मुख्यमंत्री पद के लिए अयोग्य माना जाएगा।
भारत में मुख्यमंत्री के कर्तव्य तथा अधिकार:-
- वह राज्य के शासन का वास्तविक अध्यक्ष है और इस रूप में वह अपने मंत्रियों तथा संसदीय सचिवों के चयन, उनके विभागों के वितरण तथा पदमुक्ति और लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष तथा अन्य सदस्यों एवं महाधिवक्ता और अन्य महत्त्वपूर्ण पदाधिकारियों की नियुक्ति के लिए राज्यपाल को परामर्श देता है।
- राज्य में असैनिक पदाधिकारियों के स्थानान्तरण के आदेश मुख्यमंत्री के आदेश पर जारी किये जाते हैं तथा वह राज्य की नीति से सम्बन्धित विषयों के सम्बन्ध में निर्णय करता है।
- वह राष्ट्रीय विकास परिषद में राज्य का प्रतिनिधित्व करता है।
- मुख्यमंत्री परिषद की बैठक की अध्यक्षता करता है तथा सामूहिक उत्तरदायित्व के सिद्धान्त का पालन करता है। यदि मंत्रिपरिषद का कोई सदस्य मंत्रिपरिषद की नीतियों से भिन्न मत रखता है, तो मुख्यमंत्री उसे त्यागपत्र देने के लिए कहता है या राज्यपाल उसे बर्ख़ास्त करने की सिफ़ारिश कर सकता है।
- वह राज्यपाल को राज्य के प्रशासन तथा विधायन सम्बन्धी सभी प्रस्तावों की जानकारी देता है।
- यदि मंत्रिपरिषद के किसी सदस्य ने किसी विषय पर अकेले निर्णय लिया है, तो राज्यपाल के कहने पर उस निर्णय को मंत्रिपरिषद के समक्ष विचारार्थ रख सकता है।
- वह राज्यपाल को विधानसभा भंग करने की सलाह देता है।
भारत में मुख्यमंत्री को किन-2 स्थितियों में बर्ख़ास्त किया जा सकता है:-
सामान्यत: मुख्यमंत्री अपने पद पर तब तक बना रहता है, जब तक उसे विधानसभा का विश्वास मत प्राप्त रहता है। अत: जैसे ही उसका विधानसभा में बहुमत समाप्त हो जाता है, उसे त्यागपत्र दे देना चाहिए। यदि वह त्यागपत्र नहीं देता है, तो राज्यपाल उसे बर्ख़ास्त कर सकता है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री निम्नलिखित स्थितियों में बर्ख़ास्त किया जा सकता है:-
- यदि राज्यपाल मुख्यमंत्री को विधानसभा का अधिवेशन बुलाने तथा उसमें बहुमत सिद्ध करने की सलाह दे और यदि राज्यपाल के द्वारा निर्धारित अवधि के भीतर मुख्यमंत्री विधानसभा का अधिवेशन बुलाने के लिए तैयार नहीं हो, तो राज्यपाल मुख्यमंत्री को बर्ख़ास्त कर सकता है।
- यदि राज्यपाल अनुच्छेद 356 के अधीन राष्ट्रपति को यह रिपोर्ट दे कि राज्य का शासन संविधान के अनुसार नहीं चलाया जा सकता या राष्ट्रपति को अन्य स्रोतों यह समाधान हो जाए कि शासन संविधान के प्रावधानों के अनुसार नहीं चलाया जा सकता, तो राष्ट्रपति मुख्यमंत्री को बर्ख़ास्त करके राज्य का शासन चलाने का निर्देश राज्यपाल को दे सकता है।
- जब मुख्यमंत्री के विरुद्ध राज्य विधानसभा में प्रस्ताव पारित हो जाए और मुख्यमंत्री त्यागपत्र देने से इन्कार कर दे, तब राज्यपाल मुख्यमंत्री को बर्ख़ास्त कर सकता है।
अब संबंधित प्रश्नों का अभ्यास करें और देखें कि आपने क्या सीखा?
☞ मुख्यमंत्री से संबंधित प्रश्न उत्तर 🔗
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