चन्द्रमा का इतिहास, आंतरिक संरचना एवं महत्वपूर्ण तथ्य
✅ Published on July 19th, 2017 in भारतीय रेलवे, विज्ञान, सामान्य ज्ञान अध्ययन
चन्द्रमा का इतिहास, आंतरिक संरचना एवं महत्वपूर्ण की जानकारी (Important GK Facts Related to Moon in Hindi)
चन्द्रमा का इतिहास:
हमारे सौरमंडल में कुल आठ ग्रह है। उनमें से कुछ के उपग्रह है। बुध व शुक्र ग्रह के कोई उपग्रह नहीं है। मंगल ग्रह के दो उपग्रह है, फ़ोबोस व डिमोज़। पृथ्वी का एक मात्र उपग्रह है, चन्द्रमा। सूर्य के बाद चंद्रमा आसमान में सर्वाधिक चमकने वाली वस्तु है। आकार में यह पृथ्वी का एक चौथाई भाग है। यह लगभग हर 27 दिवसों में पृथ्वी का चक्कर काटता है। चंद्रमा एक निर्जन पिंड है। वहां ना वायु है और ना ही जल है। हवा और पानी ही जीवन के पनपने की बुनियादी जरूरतें है। वायुमंडल के अभाव में सूरज की तपिस सीधे चंद्रमा के धरातल पर पड़ती है इसलिए वहां दिन और रात के तापमान में बड़ा अंतर है। हमारे ग्रह की तरह चंद्रमा की धरती भी विविध भौगोलिक रचनाओं से अटी पड़ी है। इनमें चट्टान, पहाड़, मैदान, क्रेटर आदि प्रमुख है। चंद्रमा की अधिकांश चट्टानें तीन से साढ़े चार अरब वर्ष पुरानी हैं । पृथ्वी की तुलना में चंद्रमा पर गुरुत्वाकर्षण मात्र छठवां भाग है । अर्थात वहां वस्तु का भार छः गुना कम होता है।
सोवियत रूस ने साठ के दशक के अंत में सर्वप्रथम चंद्रमा का दौरा किया। 46 साल पहले यानी 20 जुलाई, 1969 को इंसान ने चंद्रमा पर पहली बार कदम रखे थे। अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रॉन्ग चंद्रमा पर कदम रखने वाले (जाने वाले) पहले व्यक्ति थे। वे नासा के अपोलो-11 मिशन को लीड कर रहे थे। उसके अंतरिक्ष यान ‘लूना 2’ ने चंद्रमा का दौरा किया। चंद्रमा अकेला ऐसा पिंड है जिस पर मानव ने कदम रखा है। चंद्रमा पर अंतिम मानव यात्रा दिसम्बर 1972 में हुई। 1994 में ‘क्लेमेंटाइन’ अंतरिक्ष यान ने चंद्रमा के धरातल को विस्तृत रूप से प्रतिचित्रित किया है। इसने चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव के करीब गहरे खड्ड में कुछ जलीय बर्फ होने की संभावना भी जताई है।
चंद्रमा की आंतरिक संरचना:
चंद्रमा एक विभेदित निकाय है जिसका भूरसायानिक रूप से तीन भाग क्रष्ट, मेंटल और कोर है। चंद्रमा का 240 किलोमीटर त्रिज्या का लोहे की बहुलता युक्त एक ठोस भीतरी कोर है और इस भीतरी कोर का बाहरी भाग मुख्य रूप से लगभग 300 किलोमीटर की त्रिज्या के साथ तरल लोहे से बना हुआ है। कोर के चारों ओर 500 किलोमीटर की त्रिज्या के साथ एक आंशिक रूप से पिघली हुई सीमा परत है। चंद्रमा पर इलाके के दो प्राथमिक प्रकार हैं: भारी मात्रा में क्रेटर व बहुत पुरानी उच्चभूमि और अपेक्षाकृत चिकनी व युवा निम्न्भूमि। चन्द्रमा पर नजर आने वाला सबसे बड़ा काला धब्बा निम्न्भूमि है।
चंद्रमा का चुम्बकीय क्षेत्र:
चंद्रमा का करीब 1-100 नैनोटेस्ला का एक बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र है। पृथ्वी की तुलना में यह सौवें से भी कम है।
चन्द्रमा से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य:
- चन्द्रमा धरती का एकलौता उपग्रह है।
- वैज्ञानिक मानते हैं के आज से लगभग 450 करोड़ साल पहले ‘ थैया ‘ नाम का उल्का पिंढ पृथ्वी से टकराया था टककर इतनी जबरदस्त थी के धरती का कुछ हिस्सा टूट कर गिर गया जिससे चांद की उत्पति हुई।
- चांद को धरती की परिक्रमा करने में लगभग 28 दिन लग जाते हैं और इसे सिंक्रोनस मोशन कहा जाता है।
- अभी तक चांद पर सिर्फ 12 इंसान ही गए हैं।
- चन्द्रमा पृथ्वी के आकार का सिर्फ 27 % हिस्सा है।
- पृथ्वी से चन्द्रमा गोल आकार का दिखता है परन्तु यह पूरी तरह गोल नहीं यह तो अंडे के आकार का है।
- पिछले 41 सालों से चन्द्रमा पर कोई भी इंसान नहीं गया है।
- पृथ्वी से अगर चांद गायब हो जाये तो तो पृथ्वी का दिन सिर्फ 6 घंटों का ही रह जायेगा।
- ब्रह्मण्ड में मौजूद सभी 63 उपग्रहों में से चांद आकार में 5 वें नंबर पर आता है।
- चन्द्रमा का तापमान दिन के समय 180 डिगरी सेलसियस तक चला जाता है परन्तु रात का तापमान -153 डिगरी सेलसियस तक आ जाता है।
- चन्द्रमा का 59 % हिस्सा ही पृथ्वी से नजर आतां है।
- जब धरती पर चन्द्रमा ग्रहण लगता है तो चांद पर सूर्य ग्रहण लगता है।
- चन्द्रमा पर आपका वजन पृथ्वी के वजन के हिसाब से छे गुना कम हो जाता है। यदि धरती पर आपका वजन 60 किलो है तो चन्द्रमा पर आपका वजन सिर्फ दस किलो ही रह जायेगा।
- चन्द्रमा का वजन लगभग 81 अरब टन (8100, 00, 00, 000 टन) है।
- आधा चांद पूरे चाॅंद से 9 गुना कम चमकता है।
- चांद पर मौजूद काले धब्बों को चीन में मेढ़क कहा जाता है।
- चन्द्रमा की ऊँची चोंटी मानस हुयगोनस है, जिसकी लंबाई तक़रीबन 4700 मीटर है।
- दुनिया में कई वैज्ञानिकों द्वारा चांद पर पानी होने के दावे किये हैं परन्तु सबसे पहले पानी की खोज भारत के द्वारा की गई थी।
- धरती से चांद की दूरी 3,84,315 किलोमीटर है।
- चाँद पृथ्वी से हर वर्ष 3.4 सेंटीमीटर दूर खिसक जाता है , इस तरह 50 अरब साल गुजरने के बाद चाँद धरती की परिक्रमा 47 दिनों में करेगा।
- चांद की अपनी कोई रोशनी नहीं है, बल्कि यह रोशनी तो सूरज से आने वाली रोशनी का प्रभाव होता है।
- आप ने कभी रात को चन्द्रमा ध्यान से देखा है तो वह हर रात को एक आकार का नहीं दिखता क्योंकि सूरज की रोशनी चांद के जिस भाग पर पड़ती है हमें चांद का वही हिस्स्सा पृथ्वी से दिखता है। इसीलिए हमें चांद कभी आधा और कभी पूरा गोल दिखाई देता है।
- हमें पृथ्वी से चन्द्रमा का केवल 59% भाग ही नजर आता है क्योंकि इतने भाग में ही सूर्य की किरणें चन्द्रमा पर पड़ती है जिसके कारण यह धरती से दिखता है। बाकी बचा चाँद का हिस्सा धरती से कभी नहीं दिखता है।
- चन्द्रमा पर 14 दिनों का दिन और 14 दिनों की ही रात होती है। क्योंकि चन्द्रमा पृथ्वी की परिक्रमा 28 दिनों में करता है।
- अन्तरिक्ष में जाने वाले प्रथम भारतीय राकेश शर्मा है।
इन्हें भी जाने: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का इतिहास, उद्देश्य व प्रमुख केंद्र
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चन्द्रमा का इतिहास - अक्सर पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर:
📝 This question was asked in exam:- SSC STENO G-D Aug, 2005
📝 This question was asked in exam:- SSC CML Jul, 2006
चन्द्रमा का इतिहास - महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी:
Answer option:
◉  सूर्यग्रहण के समय
❌ Incorrect
◉  उल्कापिंड के गिरते समय
❌ Incorrect
◉  चन्द्रग्रहण के समय
✅ Correct
◉  चन्द्रमा के उदय के समय
❌ Incorrect
Answer option:
◉  मंगल और बुध
❌ Incorrect
◉  वरुण तथा अरुण
❌ Incorrect
◉  बुध तथा सुक्र
✅ Correct
◉  पृथ्वी और मंगल
❌ Incorrect
Answer option:
◉  उसका भर कम हो जायेगा
✅ Correct
◉  इनमे से कोई नही
❌ Incorrect
◉  उसका भार अधिक हो जायेगा
❌ Incorrect
◉  उसमे कोई परिवर्तन नही होगा
❌ Incorrect
Answer option:
◉  कल्पना चावला
❌ Incorrect
◉  नील आर्मस्ट्रांग
✅ Correct
◉  सुनीता विलियम
❌ Incorrect
◉  रिक हसबेंड
❌ Incorrect
Answer option:
◉  ज्वार
✅ Correct
◉  लहरे
❌ Incorrect
◉  भाटा
❌ Incorrect
◉  सुनामी
❌ Incorrect
Answer option:
◉  पृथ्वी पर पुन: प्रवेश करने और हल्का- हल्का उतरने पर प्रथ्वी कें गुरुत्व को पार करने में
✅ Correct
◉  उड़ान भरने के समय पृथ्वी के गुरुत्व को पार करने में
❌ Incorrect
◉  चन्द्रमा से उड़ान भरने पर चन्द्रमा के गुरुत्व को पार करने में
❌ Incorrect
◉  चन्द्रमा पर उतरने पर चन्द्रमा के गुरुत्व को पार करने में
❌ Incorrect
Answer option:
◉  जब पृथ्वी सूर्य से अधिकतम दूरी पर होती है
❌ Incorrect
◉  पृथ्वी की झुकी हुई धुरी और परिक्रमा की गति की वजह से बसंत, गर्मी, ठंड और बरसात की ऋतुएं आती हैं
❌ Incorrect
◉  यह पृथ्वी का चवकर लगाने और अपनी धूरी पर घूमने में समान समय लेता है
✅ Correct
◉  पृथ्वी अपने अक्ष पर घूमने के साथ-साथ सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती है
❌ Incorrect
Answer option:
◉  वह पर क्षोभमंडल नही है
❌ Incorrect
◉  चन्द्रमा पर कोई वायुमंडल नहीं है
✅ Correct
◉  क्योंकि वह पर शरवत पीने से मौत हो सकती है
❌ Incorrect
◉  क्योंकि वह पर समताप मंडल है
❌ Incorrect
Answer option:
◉  जल
✅ Correct
◉  धातु
❌ Incorrect
◉  पेड़
❌ Incorrect
◉  वायुमंडल
❌ Incorrect
Answer option:
◉  पणजी (गोवा)
❌ Incorrect
◉  दिल्ली
❌ Incorrect
◉  हरिद्वार
❌ Incorrect
◉  उदयपुर (राजस्थान)
✅ Correct
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