भारतीय रेलवे क्षेत्र:
भारतीय रेल (आईआर) एशिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है तथा एकल प्रबंधनाधीन यह विश्व का दूसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। यह पिछले 106 वर्षों से भी अधिक समय तक भारत के परिवहन क्षेत्र का मुख्य संघटक रहा है। यह विश्व का सबसे बड़ा नियोक्ता है, इसके 13 लाख से भी अधिक कर्मचारी हैं।
भारत में रेलों की शुरुआत:
भारत में रेलों की शुरुआत 1853 में अंग्रेजों द्वारा अपनी प्राशासनिक सुविधा के लिये की गयी थी परंतु आज भारत के ज्यादातर हिस्सों में रेलवे का जाल बिछा हुआ है और रेल, परिवहन का सस्ता और मुख्य साधन बन चुकी है। सन् 1853 में बहुत ही मामूली शुरूआत से जब पहली अप ट्रेन ने मुंबई से थाणे तक (34 कि॰मी॰ की दूरी) की दूरी तय की थी।
भारतीय रेलवे क्षेत्र, स्थापना वर्ष एवम उनके मुख्यालयों की सूची:-
स्थापना | मुख्यालय | |
उत्तर रेलवे (दिल्ली) | 14 अप्रैल, 1952 | अंबाला, फिरोजपुर, लखनऊ, मुरादाबाद |
पूर्वोत्तर रेलवे (गोरखपुर) | 1952 | इज्जत नगर, लखनऊ, वाराणसी |
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (गुवाहाटी) | 1958 | अलीपुर द्वार, कटिहार, लामडिंग, रंगिया, तिनसुकिया |
पूर्व रेलवे (कोलकाता) | अप्रैल, 1952 | हावड़ा, सियालदह, आसनसोल, मालदा |
दक्षिणपूर्व रेलवे (कोलकाता) | 1955 | आद्रा, चक्रधरपुर, खड़गपुर, राँची |
दक्षिण मध्य रेलवे (सिकंदराबाद) | 02 अक्टूबर, 1966 | सिकंदराबाद, हैदराबाद, गुंटकल, गुंटूर, नांदेड़, विजयवाड़ा |
दक्षिण रेलवे (चेन्नई) | 14 अप्रैल, 1951 | चेन्नई, मदुरै, पालघाट, तिरुचुरापल्ली, त्रिवेंद्रम, सलेम (कोयंबतूर) |
मध्य रेलवे (मुंबई) | 05 नवंबर, 1951 | मुंबई, भुसावल, पुणे, शोलापुर, नागपुर |
पश्चिम रेलवे (मुंबई) | 05 नवंबर, 1951 | मुंबई सेंट्रल, वदोदरा, रतलाम, अहमदाबाद, राजकोट, भावनगर |
दक्षिण पश्चिम रेलवे (हुबली) | 01 अप्रैल, 2003 | हुबली, बैंगलोर, मैसूर |
उत्तर पश्चिम रेलवे (जयपुर) | 01 अक्टूबर, 2002 | जयपुर, अजमेर, बीकानेर, जोधपुर |
पश्चिम मध्य रेलवे (जबलपुर) | 01 अप्रैल, 2003 | जबलपुर, भोपाल, कोटा |
उत्तर मध्य रेलवे (इलाहाबाद) | 01 अप्रैल, 2003 | इलाहाबाद, आगरा, झांसी |
दक्षिणपूर्व मध्य रेलवे (बिलासपुर) | 01 अप्रैल, 2003 | बिलासपुर, रायपुर, नागपुर |
पूर्व तटीय रेलेवे (भुवनेश्वर) | 01 अप्रैल, 2003 | खुर्दा रोड, संबलपुर, विशाखापत्तनम |
पूर्व मध्य रेलवे (हाजीपुर) | 01 अक्टूबर, 2002 | दानापुर, धनबाद, मुगलसराय, समस्तीपुर, सोनपुर |
कोंकण रेलवे† (नवी मुंबई) | 26 जनवरी, 1998 | कोई नहीं |
भारतीय रेलवे से सम्बंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी:
- भारतीय रेल, एशिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है तथा यह विश्व का दूसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है।
- इस 1376000 समय इंडियन रेलवे में लाख कर्मचारी है।
- यह न केवल देश की मूल संरचनात्मक आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है बल्कि बिखरे हुए क्षेत्रों को एक साथ जोड़ने में और देश राष्ट्रीय अखंडता का भी संवर्धन करता है।
- राष्ट्रीय आपात स्थिति के दौरान आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने में भारतीय रेलवे अग्रणी रहा है।
- यह लोगों के आने जाने के लिए बड़ा ही आदर्श एवं उपयुक्त है, बड़ी मात्रा में वस्तुओं को लाने ले जाने तथा लंबी दूरी की यात्रा के लिए अत्यन्त उपयुक्त है।
- यह देश की जीवन धारा है और इसके सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए इनका महत्वपूर्ण स्थान है। सुस्थापित रेल प्रणाली देश के दूरतम स्थानों से लोगों को एक साथ मिलाती है और व्यापार करना, दृश्य दर्शन, तीर्थ और शिक्षा संभव बनाती है।
- यह जीवन स्तर सुधारती है और इस प्रकार से उद्योग और कृषि का विकासशील त्वरित करने में सहायता करता है।
- पीपावाव रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीआरसीएल) रेल परिवहन में पहला सरकारी निजी भागीदारी का मूल संरचना मॉडल है।
- दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे जो पतली गेज की एक बहुत पुरानी रेल व्यवस्था है उसे यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत घोषित किया गया है।
अब संबंधित प्रश्नों का अभ्यास करें और देखें कि आपने क्या सीखा?
☞ भारतीय रेलवे से संबंधित प्रश्न उत्तर 🔗
यह भी पढ़ें:
भारतीय रेलवे क्षेत्र प्रश्नोत्तर (FAQs):
देश का पहला रेलवे स्टेशन जयपुर का गांधी नगर रेलवे स्टेशन है। यहां के उत्तर पश्चिम रेलवे स्टेशन में हर पोस्ट पर एक महिला कर्मचारी को नियुक्त किया गया है. यह स्टेशन देश का पहला ऐसा स्टेशन बन गया है जहां हर पोस्ट पर महिला कर्मचारियों को तैनात किया गया है।
ट्रांस-साइबेरियन रेलवे पश्चिम में सेंट पीटर्सबर्ग को पूर्व में व्लादिवोस्तोक से जोड़ता है। यह मार्खलोव, बाइकाल, इरकुत्स्क, नोवोसिबिर्स्क, ओम्स्क, टूमेन और येकातेरिनबर्ग जैसे कई महत्वपूर्ण शहरों से होकर गुजरती है।
कोंकण रेलवे की कुल लंबाई लगभग 740 किलोमीटर (461 मील) है। यह लाइन घटशील जलवायु क्षेत्र को आवरण करती है और पश्चिम घाट के सुंदर दृश्यों को भी प्रदर्शित करती है।
ब्रॉड गेज को चौड़ा गेज अथवा बड़ी लाइन भी कहा जाता है। इन रेलवे गेज में दो पटरियों के मध्य की दूरी 1676 mm (5 ft 6 in) की होती है. ऐसा कहना भी गलत नहीं होगा कि मानक गेज या 1,435 mm (4 फीट 8½ इंच) से चौड़े किसी भी गेज को ब्रॉड गेज कहा जाता है।
अंग्रेजो ने भारत में रेलवे ब्रिटिश वाणिज्य और प्रशासनिक नियंत्ररण की सुविधा के लिए शुरु की थी।