राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार
राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के अंतर्गत एक मेडल, प्रमाण-पत्र और नगद धनराशि दी जाती है। स्कूली शिक्षा पूरी करने तक उन्हें वित्तीय सहायता भी दी जाती है। कुछ राज्य सरकारें भी उन्हें वित्तीय सहायता देती हैं. वर्ष 1957 से अब तक 963 बहादुर बच्चों को ये पुरस्कार दिए गए हैं। जिनमें 680 लड़के और 283 लड़कियां हैं।
राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार की चयन प्रक्रिया:
नेशनल ब्रेवरी अवार्ड इंडियन काउंसिल फॉर चाइल्ड वेलफेयर (आईसीसीडब्लू) इसका आयोजन करता है। इस सम्मान के लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाई जाती है. इस समिति में 36 सदस्य होते हैं। इस समिति में राष्ट्रपति भवन, आईसीसीडब्लू, रक्षा मंत्रालय, सामाजिक न्याय मंत्रालय, आईपीएस ऑफिसर, बच्चों से जुड़े एनजीओ के सदस्य होते हैं. सभी जिलों के जिलाधिकारी अपने-अपने जिलों के बहादुर बच्चों की कहानियां इस समिति को भेजते हैं तथा यह समिति इन बच्चों का चयन करती है। 30 सितंबर तक सभी बच्चों के बारे में जानकारी आ जानी चाहिए। क्योंकि इसके बाद चयन प्रक्रिया बंद हो जाती है।
राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार में पांच श्रेणियां शामिल हैं:
- भारत पुरस्कार 1987 से
- संजय चोपड़ा पुरस्कार 1978 से
- गीता चोपड़ा पुरस्कार 1978 से
- बापू गायधनी पुरस्कार 1988 के बाद से
- सामान्य राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार 1957 से
राष्ट्रीय बाल वीरता पुरस्कार 2023 के विजेता:
भारत सरकार हर साल बच्चों को उनकी असाधारण उपलब्धियों के लिए राष्ट्रीय बाल पुरस्कार प्रदान करती है। यह पुरस्कार 5 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों को छह श्रेणियों - कला और संस्कृति, बहादुरी, नवाचार, शैक्षणिक, सामाजिक सेवा और खेल में उनकी उत्कृष्टता के लिए दिया जाता है, जो राष्ट्रीय मान्यता के पात्र हैं। राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2023 के विजेताओं में से 11 बच्चों को कला और संस्कृति के क्षेत्र में उनकी असाधारण उपलब्धि के लिए सम्मानित किया जा रहा है (4), वीरता (1), नवाचार (2), समाज सेवा (1), और खेल (3) है।
- अनुष्का जॉली (दिलिली)
- आदित्य सूर्या (केरल)
- एम । गौरवी रंडी (संज्ञेय)
- संभव मिश्रा (ओडिशा)
- श्रेया भट्टाचार्य (असम)
- रोहन रामचंद्र बहिर (महाराष्ट्र)
- आदित्य प्रताप सिंह चौहान (छ.ग.)
- ऋषि शिव प्रसन्ना (कर्नाटक)
- शौर्यजीत रंजीतकुमार खैरे (गुजरात)
- के मीनाक्षी (राज्य)
- हनाया निसार (जम्मू और कश्मीर)
राष्ट्रीय बाल वीरता पुरस्कार 2022 के विजेता:
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने वर्ष 2022 के लिए राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेताओं की घोषणा की है। इस पुरस्कार से कुल 29 बच्चों को सम्मानित किया गया जिसमें 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 15 लड़के और 14 लड़कियां शामिल हैं। सम्मानित किए गए बच्चे विभिन्न श्रेणियों में आते हैं; जिसमें शामिल हैं - नवाचार, सामाजिक सेवा, शैक्षिक, खेल, कला और संस्कृति और बहादुरी। इस पुरस्कार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं सभी को अपने हाथों प्रदान करेंगे।
- गौरी माहेश्वरी (राजस्थान)
- रेमोना इवेट परेरा (कर्नाटक)
- देवी प्रसाद (केरल)
- सैय्यद फतीन अहमद (कर्नाटक)
- दौलास लम्बामयुम (मणिपुर)
- धृतिष्मान चक्रबर्ती (असम)
- गुरूगु हिमाप्रिया (आंध्र प्रदेश)
- शिवांगी काले (महाराष्ट्र)
- धीरज कुमार (बिहार)
- शिवम रावत (उत्तराखंड)
- वैशालिनी एन सी (तमिलनाडु)
- जुई अभिजीत केस्कर (महाराष्ट्र)
- पुहाबी चक्रवर्ती (त्रिपुरा)
- अस्वथा बिजू (तमिलनाडु)
- बनिता दास (ओडिशा)
- तनिष सेठी (हरियाणा)
- अवि शर्मा (मध्य प्रदेश)
- मीधांश कुमार गुप्ता (पंजाब)
- अभिनव कुमार चौधरी (उत्तर प्रदेश)
- पल साक्षी (बिहार)
- आकर्ष कौशल (हरियाणा)
- आरुषि कोतवाल (जम्मू एवं कश्मीर)
- श्रिया लोहिया (हिमाचल प्रदेश)
- तेलुकुंता विराट चंद्र (तेलंगाना)
- चंधारी सिंह चौधरी (उत्तर प्रदेश)
- जिया राय (उत्तर प्रदेश)
- स्वयम पाटील (महाराष्ट्र)
- तारुशी गौर (चंडीगढ़)
- अन्वी विजय जंजारुकिया (गुजरात)
राष्ट्रीय बाल वीरता पुरस्कार 2021 के विजेता:
देशभर के 32 बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2021 से सम्मानित किया गया। भारत सरकार नवाचार, शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति, समाज सेवा और बहादुरी के क्षेत्र में असाधारण क्षमता और उत्कृष्ट उपलब्धियां हासिल करने वाले बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित कर रही है।
- अमेया लगुडु (आंध्र प्रदेश)
- व्योम आहुजा (उत्तर प्रदेश)
- ह्रदय आर कृष्णा (केरल)
- अनुराग रमोला (उत्तराखंड)
- तनुज समद्दर (असम)
- वेनिश केशम (मणिपुर)
- सौहार्द्य डे(पश्चिम बंगाल)
- ज्योति कुमारी (बिहार)
- कुंवर दिव्यांश सिंह (उत्तर प्रदेश)
- कामेश्वर जगन्नाथ वाघमारे (महाराष्ट्र)
- राकेशकृष्णा के (कर्नाटक)
- श्रीनाभ मौजेश अग्रवाल (महाराष्ट्र)
- वीर कश्यप (कर्नाटक)
- नम्या जोशी (पंजाब)
- अर्चित राहुल पाटिल (महाराष्ट्र)
- आयुष रंजन (सिक्किम)
- हेमेश चादलवदा (तेलंगाना)
- चिराग भंसाली (उत्तर प्रदेश)
- हरमनजोत सिंह (जम्मू और कश्मीर)
- मो. शौएब (उत्तर प्रदेश)
- आनंद (राजस्थान)
- अन्वेश शुभम प्रधान (ओडिशा)
- अनुज जैन (मध्य प्रदेश)
- सोनित सिसोलकर (महाराष्ट्र)
- प्रसिद्धि सिंह (तमिलनाडु)
- सविता कुमारी (झारखंड)
- अर्शिया दास (त्रिपुरा)
- पलक शर्मा (मध्य प्रदेश)
- मोहम्मद रफी (उत्तर प्रदेश)
- काम्या कार्तिकेयन (महाराष्ट्र)
- खुशी चिराग पटेल (गुजरात)
- मंत्रा जितेन्द्र हरखानी (गुजरात)
राष्ट्रीय बाल वीरता पुरस्कार 2019 के विजेता:
राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार 2019 के लिए 10 लड़कियों और 12 लड़कों समेत 22 बच्चों को नामित किया गया है। इंडियन काउंसिल फॉर चाइल्ड वेलफेयर (ICCW) ने जिन 22 बच्चों को चुना है, उनमें से एक को यह पुरस्कार मरणोपरांत दिया जाएगा।
- मुहम्मद मुहसिन - केरल के कोझिकोड जिले का रहने वाला 16 वर्षीय लड़का पिछले साल अप्रैल में अपने तीन दोस्तों को खुरदुरे समुद्र से बचाने के प्रयास में डूब गया था। उन्हें ICCW अभिमन्यु पुरस्कार के लिए मरणोपरांत चुना गया है।
- आदित्य के. - एक और 15 वर्षीय केरल निवासी को भारत पुरस्कार से सम्मानित किया गया था क्योंकि उसने 40 से अधिक लोगों की जान बचाई थी जब वे मई 2019 में नेपाल में पकड़ी गई बस में आग लगा रहे थे। आदित्य ने बाद में मीडिया कर्मियों से कहा कि वह आखिरकार भारतीय वायु सेना में शामिल होना चाहते हैं।
- सरताज मोहिदीन मुगल और मुदासिर अशरफ - क्रमशः कुपवाड़ा और बडगाम के जम्मू और कश्मीर के दो युवाओं को पिछले साल पूर्व राज्य में वीरता के प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया था। अशरफ ने केफायत हुसैन को बचाने का प्रयास किया जिन्होंने फरवरी 9 9 में बडगाम में वायुसेना का एमआई -17 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
- कैरोलिन मलास्वाम्लुतांगी - मालसावमतलुंगी मिजोरम में रहते हैं। लड़की को उसके मन की उपस्थिति के लिए वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया है जिसने एक बच्चे को अपहरण होने से बचाया।
- कमल कृष्ण दास - सितंबर 2018 में, दास अपनी माँ, चाची और एक अजनबी को बचाने के लिए असम में बाढ़ग्रस्त ब्रह्मपुत्र नदी में कूद गए।
- राखी - 10 साल की राखी को ICCW मार्कंडेय अवार्ड दिया गया, उत्तराखंड के रहने वाले हो ने अपने 4 साल के भाई को तेंदुए के हमले से बचाया। वह एक्ट में गंभीर रूप से घायल हो गई।
- श्रीमति बदरा - 10 वर्षीय बदरा को ICCW प्रहलाद पुरस्कार से सम्मानित किया गया क्योंकि उसने अपने दोस्त को बचा लिया जिसने अपना दाहिना पैर खो दिया और लगभग नवंबर 2018 में रेलवे ट्रैक पर अपनी जान गंवा दी।
पुरस्कार के लिए चुने गये अन्य बच्चों की सूची: बहादुरी पुरस्कार प्राप्त करने वालों में कांति पाइकरा और भरनेश्वरी निर्मलकर (छत्तीसगढ़ दोनों), आरती किरण शेट और वेंकटेश (कर्नाटक से दोनों), जेन सदावर्ते और आकाश माचिल खलारे (महाराष्ट्र से दोनों), पूर्णिमा गिरि और सबिता गिरि (ओडिशा से दोनों) शामिल हैं। ), अलिका, लौरेबम यिखोम्बा मंगांग (मणिपुर), एवरब्लूम के नोंग्राम (मेघालय), ललियांसांगा, और वनलहरित्रेंग (दोनों मिजोरम से)।
राष्ट्रीय बाल वीरता पुरस्कार 2018 के विजेता:
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 जनवरी 2018 को देश के विभिन्न भागों से चुने गए 18 बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार प्रदान किए। इन बालकों का चयन भारतीय बाल कल्याण परिषद (आईसीसीडब्ल्यू) ने देश भर से इस सम्मान के लिए किया था। राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार योजना की शुरुआत आईसीसीडब्ल्यू ने 1957 में की थी, जिससे उन बच्चों को पहचान दी जा सके जिन्होंने अपने असाधारण वीरता भरे कार्यो और सराहनीय सेवा से खुद को अलग साबित किया है। यह पुरस्कार प्रतिवर्ष बुलंद हौसले और अदम्य साहस रखने वाले बहादुर बच्चों को दिया जाता है। इन बच्चों की उम्र 06 साल से लेकर 18 वर्ष के बीच होती है। इस साल कुल 18 बच्चों को राष्ट्रीय बाल वीरता पुरस्कार से नवाजा जायेगा, जिसमें 7 लड़कियां और 11 लड़के शामिल हैं।
राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार 2018 विजेता की सूची:
भारत पुरस्कार:
- यह पुरस्कार वीरता का सबसे बड़ा पुरस्कार है। ये अवार्ड आगरा उत्तर, प्रदेश की रहने वाली 16 साल की नाज़िया को दिया गया है। उत्तर प्रदेश के आगरा शहर के मंटोला इलाके में 40 साल से चल रहे अवैध जुए और सट्टों के अड्डों के खिलाफ आवाज उठाई थी। इस गैर कानूनी काम से इलाके के सभी निवासी और दुकानदार आतंकित थे लेकिन नाज़िया ने बिना किसी डर के आवाज उठाई नाजिया ने इस अवैध काम के खिलाफ सबूत जुटाए और चार लोगों को जेल भिजवा दिया। लेकिन इसके बाद बदमाश उसके खिलाफ और ज्यादा हो गए।
- नाज़िया का घर से निकलना दूभर हो गया और उसके घर पर हमले होने लगे। उसके परिवारवाले अपना घर बेचकर कहीं दूर जाने का सोचने लगेना। जिया ने घर छोड़कर जाने से मना कर दिया। अब उसने सीधे यूपी के मुख्यमंत्री को सीधे ट्वीट किया (जुलाई 2016)। फिर क्या था पूरा पुलिस-प्रशासन हरकत में आ गया और बदमाशों और सटोरियों के खिलाफ बड़ा अभियान छेड़ा गया। नाज़िया की सुरक्षा भी सुनिश्चित की गई।
गीता चोपड़ा पुरस्कार (मरणोपरांत):
- कर्नाटक की रहने वाली नेत्रावती एम चव्हाण ने तालब में डूबते दो बच्चों को बचाया। लेकिन 30 फुट गहरे इस तालाब में स्वयं डूब गई। निर्भकतापूर्वक खतरे का सामना करते हुए बच्चों की जान बचाते हुए अपने जीवन का बलिदान करने वाली नेत्रावती को गीता चोपड़ा वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
संजय चोपड़ा पुरस्कार:
- 20 सितबंर 2016 को करनबीर स्कूल बस से घर लौट रहा था। तभी असंतुलित गति से जा रही बस नाले में जा गिरी। करनबीर बहादुरी पूर्वक बस का दरवाजा तोड़कर बाहर निकला और 15 छोटे बच्चों को बस से बाहर निकलने में मदद की। इस घटना में 08 बच्चों को तो बचा लिया गया लेकिन सात बच्चों की जान चली गई। करनबीर बड़ा होकर पुलिस ऑफिसर बनना चाहता है. उसे संजय चोपड़ा अवार्ड से पुरस्कृत किया गया है। बता दे करनबीर पंजाब से था।
बापू गैधानी पुरस्कार:
- मात्र छह साल की ममता दलाई ने मगरमच्छ से मुकाबला किया और अपनी बहन की जान बचाई. ये घटना 06 अप्रैल 2017 को ओडिसा में हुई जिसके लिए उन्हें बापू गैधानी पुरस्कार दिया गया।
- 10 जुलाई 2016 को पंकज सेमवाल ने उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल में एक गुलदार (लेपर्ड) से अपनी मां की जान बचाई. अपनी मां को बचाने के लिए पंकज गुलदार से भिड़ गया और एक लकड़ी की मदद से घर से भगा दिया। इस घटना में पंकज की मां घायल हो गई थीं. पकंज के साहसिक और धैर्यपूर्ण शोर्य के लिए वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- 1 जुलाई 2016 को समृद्धि घर पर अकेली थी जब एक चोर घर में घुस आया। लेकिन समृद्धि ने हथियारबंद चोर का मुकाबला किया और उसे घर से भगा डाला। इस साहसपूर्ण कारवाई में समृद्धि घायल भी हो गई थी।
- राजेश्वरी: 13 साल की राजेश्वरी ने अपनी जान देकर अपनी आंटी और चचेरे भाई को डूबने से तो बचाई लेकिन अपने प्राण दे दिए।घटना 10 नबम्बर 2016 को मणिपुर मे हुई।
पुरस्कार के लिए चुने गये अन्य बच्चों की सूची:
- लक्ष्मी यादव (रायपुर, छत्तीसगढ)
- मानसा एन (नागालैंड)
- एन शांगपोन कोनयक
- योकनी
- चिंगाई वांगसा
- समृद्धि सुशील शर्मा (गुजरात)
- जोनुनलुआंगा (मिजोरम)
- पंकज सेमवा (उत्तराखंड)
- नदाफ एजाज अब्दुल राउफ (महाराष्ट्र)
- पंकज कुमार महंत (ओड़िशा)
राष्ट्रीय बाल वीरता पुरस्कार 2017 के विजेता:
वर्ष 2017 के राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार पाने वालों में 11 लड़के और और 7 लड़कियां शामिल हैं। इस बार का भारत पुरस्कार जुए और सट्टेबाजी के खिलाफ आवाज उठाने वाली आगरा की नाजिया को दिया जाएगा। जिन 18 बच्चों का नाम इसके लिए चुना गया है, उनमें से तीन बच्चों को मरणोपरांत पुरस्कार दिया जाएगा। 24 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी को अपने हाथों वीरता पुरस्कार प्रदान करेंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इन बच्चों के लिए एक स्वागत कार्यक्रम का आयोजन करेंगे। मरणोपरांत पुरस्कार पाने वालों के परिजन यह सम्मान लेंगे।
राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार 2017 विजेता की सूची:
- तुषार वर्मा (छत्तीसगढ़)
- बापू गायधनी पुरस्कार रोलाहपुई (मिजोरम)
- बापू गायधनी पुरस्कार लालहरीतपुई (मिजोरम)
- बापू गायधनी पुरस्कार तार पेजु (अरुणाचल प्रदेश)
- भारत पुरस्कार तेजस्विद् प्रधान (पश्चिम बंगाल)
- गीता चोपड़ा पुरस्कार शिवानी गोंड (पश्चिम बंगाल)
- गीता चोपड़ा पुरस्कार सुमित ममैन (उत्तराखंड)
- संजय चोपड़ा पुरस्कार
पुरस्कार के लिए चुने गये अन्य बच्चों की सूची:
- नीलम ध्रुव (छत्तीसगढ़)
- सोनू माली (राजस्थान)
- मोहन सेठी (ओडिशा) सिया बामंसा खोड थांगलीन मंगळंकीम प्रफुल्ल शर्मा मोइरंगटेम सदानानंद सिंह (मणिपुर)
- आदित्य पिल्लई (केरल)
- अंग्शि पांडे (उत्तर प्रदेश)
- विनिल मंजीली (केरल)
- अक्षत शर्मा (दिल्ली)
- अक्षता शर्मा (दिल्ली)
- अखिल के. सिबू (केरल)
- नमन (दिल्ली) निशा दिलीप पाटील बदरुणिसा केपी केरल पेल देवी (जम्मू और कश्मीर)
राष्ट्रीय बाल वीरता पुरस्कार 2015 के विजेता:
- देवेश कुमार
- संजय चोपड़ा अवार्ड मोनिका
- बापू गैधानी पुरस्कार गुंजन शर्मा
- गीता चोपड़ा पुरस्कार रुमोह मेतो
- बापू गैधानी पुरस्कार रेशम फातमा
- भारत पुरस्कार रिया चौधरी
- बापू गैधानी पुरस्कार अक़िल मोहम्मद एन कश्मीर जनरल
- राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार अंजीत पी जनरल
- राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार गौरव कुमार भारती जनरल
- राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार हिराल जीतूभाई हलपति जनरल
- राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार मिधुन पी पी जनरल
- राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार रिपा दास जनरल
- राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार जोश जितेंद्र मराठे जनरल
- राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार राजदीप दास जनरल
- राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार स्टीवेंसन लॉरिनियंग जनरल राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार अश्विनी बंधु उघाड़े जनरल
- राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार गौरव कुमार भारती जनरल राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार एल ब्रैंसन सिंह जनरल
- राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार लाभांषु जनरल
- राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार जी तूलदेव शर्मा जनरल
- राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार महोबेनि एजुन्ग जनरल
- राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार मसक लालकृष्ण रेमनालांघका
- जनरल राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार सहनेश आर जनरल
- राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार
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