परमवीर चक्र के बारे में सामान्य ज्ञान जानकारी: (Param Vir Chakra information in Hindi)
परमवीर चक्र:
परमवीर चक्र भारत का सर्वोच्च सैन्य अलंकरण है जो दुश्मनों की उपस्थिति में उच्च कोटि की शूरवीरता एवं त्याग के लिए प्रदान किया जाता है। ज्यादातर स्थितियों में यह सम्मान मरणोपरांत दिया गया है। इस पुरस्कार की स्थापना 26 जनवरी 1950 को की गयी थी। भारतीय सेना के किसी भी अंग के अधिकारी या कर्मचारी इस पुरस्कार के पात्र होते हैं एवं इसे देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न के बाद सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार समझा जाता है। इससे पहले जब भारतीय सेना ब्रिटिश सेना के तहत कार्य करती थी तो सेना का सर्वोच्च सम्मान विक्टोरिया क्रास हुआ करता था।
Quick Info about Param Vir Chakra in Hindi:
पुरस्कार का वर्ग | युद्धकालीन शौर्य पुरस्कार |
स्थापना वर्ष | 26 जनवरी 1950 |
देश | भारत |
प्रथम विजेता | मेजर सोमनाथ शर्मा (मरणोपरांत) |
आखिरी विजेता | कैप्टन विक्रम बत्रा (1999) |
परमवीर चक्र का अर्थ:
‘परमवीर चक्र’ का शाब्दिक अर्थ है “वीरता का चक्र”। संस्कृति के शब्द “परम”, “वीर” एवं “चक्र” से मिलकर यह शब्द बना है।
परमवीर चक्र को दी जाने वाली पुरस्कार राशि:
लेफ्टीनेंट या उससे कमतर पदों के सैन्य कर्मचारी को यह पुरस्कार मिलने पर उन्हें (या उनके आश्रितों को) नकद राशि या पेंशन देने का भी प्रावधान है। हालांकि पेंशन की न्यून राशि जो सैन्य विधवाओं को उनके पुनर्विवाह या मरने से पहले तक दी जाती है अभी तक विवादास्पद रही है। मार्च 1999 में यह राशि बढ़ाकर 1500 रुपये प्रतिमाह कर दी गयी थी। जबकि कई प्रांतीय सरकारों ने परमवीर चक्र से सम्मानित सैन्य अधिकारी के आश्रितों को इससे कहीं अधिक राशि की पेंशन मुहैय्या करवाती है।
परमवीर चक्र हासिल करने वाले शूरवीरों में सूबेदार मेजर बन्ना सिंह ही एकमात्र ऐसे व्यक्ति थे जो कारगिल युद्ध तक जीवित थे। सूबेदार सिंह जम्मू कश्मीर लाइट इनफेन्ट्री के आठवें रेजीमेंट में कार्यरत थे।
वर्ष 1947 से अब तक परमवीर चक्र विजेताओं की सूची:
सम्मानित व्यक्ति का नाम | वर्ष | टिप्पणी |
मेजर सोमनाथ शर्मा | 03 नवंबर, 1947 | मरणोपरांत |
लांस नायक करम सिंह | 13 अक्टूबर, 1948 | – |
सेकेंड लेफ़्टीनेंट राम राघोबा राणे | 08 अप्रैल, 1948 | – |
नायक यदुनाथ सिंह | फरवरी 1948 | मरणोपरांत |
कंपनी हवलदार मेजर पीरू सिंह | 17-18 जुलाई, 1948 | मरणोपरांत |
कैप्टन गुरबचन सिंह सलारिया | 05 दिसम्बर, 1961 | मरणोपरांत |
मेजर धनसिंह थापा | 20 अक्टूबर, 1962 | – |
सूबेदार जोगिंदर सिंह | 23 अक्टूबर, 1962 | मरणोपरांत |
मेजर शैतान सिंह | 18 नवंबर, 1962 | मरणोपरांत |
कंपनी क्वार्टर मास्टर हवलदार अब्दुल हामिद | 10 सितंबर, 1965 | मरणोपरांत |
लेफ्टीनेंट कर्नल आर्देशिर तारापोर | 15 अक्टूबर, 1965 | मरणोपरांत |
लांस नायक अलबर्ट एक्का | 03 दिसम्बर, 1971 | मरणोपरांत |
फ्लाईंग आफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों | 14 दिसम्बर, 1971 | मरणोपरांत |
लेफ्टीनेंट अरुण क्षेत्रपाल | 16 दिसम्बर, 1971 | मरणोपरांत |
मेजर होशियार सिंह | 17 दिसम्बर, 1971 | – |
नायब सूबेदार बन्ना सिंह | 23 जून, 1987 | – |
मेजर रामास्वामी परमेश्वरन | 25 नवंबर, 1987 | मरणोपरांत |
लेफ्टीनेंट मनोज कुमार पांडे | 03 जुलाई, 1999 | मरणोपरांत |
ग्रेनेडियर योगेन्द्र सिंह यादव | 04 जुलाई, 1999 | – |
राइफलमैन संजय कुमार | 05 जुलाई, 1999 | – |
कैप्टन विक्रम बत्रा | 06 जुलाई, 1999 | मरणोपरांत |
Very good
Jai hind jai Bharat