भारत के प्रमुख परमाणु ऊर्जा संस्थानो की सूची: भारत में परमाणु ऊर्जा की भारतीय विद्युत उत्पादन एवं आपूर्ति के क्षेत्र में एक निश्चित एवं निर्णायक भूमिका है। किसी भी राष्ट्र के सम्पूर्ण विकास के लिए विद्युत की पर्याप्त तथा अबाधित आपूर्ति का होना आवश्यक है। विकासशील देश होने के कारण भारत की सम्पूर्ण विद्युत आवश्यकताओं का एक बड़ा भाग गैर पारम्परिक स्रोतों से पूरा किया जाता है क्योंकि पारम्परिक स्रोतों द्वारा बढ़ती हुई आवश्यकताओं को पूरा नहीं किया जा सकता। भारत ने नाभिकीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त की है। इसका श्रेय डॉ॰ होमी भाभा द्वारा प्रारंभ किए गए महत्वपूर्ण प्रयासों को जाता है जिन्होंने भारतीय नाभिकीय कार्यक्रम की कल्पना करते हुए इसकी आधारशिला रखी।

परमाणु ऊर्जा विभाग की स्थापना: परमाणु ऊर्जा का शांतिपूर्वक ढंग से उपयोग में लाने हेतु नीतियों को बनाने के लिए 1948 ई. में परमाणु ऊर्जा कमीशन की स्थापना की गई। इन नीतियों को निष्पादित करने के लिए 1954 ई. में परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) की स्थापना की गई। 1983 में गठित परमाणु ऊर्जा विनियामक बोर्ड (एईआरबी) भारत में परमाणु ऊर्जा के लिए नियामक संस्था है। नाभिकीय विज्ञान अनुसंधान बोर्ड (बीआरएनएस) के द्वारा अनुसंधान और विकास संबंधी गतिविधियां की जाती हैं।

भारत के प्रमुख परमाणु ऊर्जा संस्थानो की सूची:

परमाणु ऊर्जा संस्थान का नाम स्थान स्थापना वर्ष
भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र (BARC) मुम्बई (महाराष्ट्र) 1954 ई.
इंदिरा गाँधी सेन्टर फॉर एटॉमिक रिसर्च कलपककम (तमिलनाडु) 1971 ई.
राजा रमन्ना सेंटर फॉर एडवांस्ड टेक्नोलॉजी इन्दौर (मध्य प्रदेश) 1984 ई.
परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय हैदराबाद (आंध्र प्रदेश) 1948 ई.
परिवर्ती ऊर्जा साइक्लोट्रॉन केन्द्र कोलकाता (पश्चिम बंगाल) 1977 ई.
यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड जादूगोड़ा (झारखंड) 1967 ई.
इंडियन रेअर अर्थ्स लिमिटेड मुम्बई (महाराष्ट्र) 1950 ई.
इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लि. हैदराबाद (आंध्र प्रदेश) 1967 ई.
न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लि. मुम्बई (महाराष्ट्र) 1987 ई.
इंस्टीट्यूट फॉर प्लाज्मा रिसर्च अहमदाबाद (गुजरात) 1986 ई.
इंस्टीट्यूट ऑफ मैथेमेटिकल साइंसेस चेन्नई (तमिलनाडु) 1962 ई.
इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिक्स भुवनेश्वर (उड़ीसा) 1972 ई.
साहा इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर फिजिक्स कोलकाता (पश्चिम बंगाल) 1949 ई.
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फन्डामेन्टल रिसर्च मुम्बई (महाराष्ट्र) 1945 ई.

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परमाणु ऊर्जा संयंत्र प्रश्नोत्तर (FAQs):

भारत में प्रथम स्थापित परमाणु-संयंत्र (Atomic Plant) तारापुर परमाणु संयंत्र है। तारापुर महाराष्ट्र के पालघर जिले का एक कस्बा है। यह एक औद्योगिक नगर है। यहाँ भारत के चार नाभिकीय रिएक्टर हैं जिनसे विद्युत शक्ति पैदा की जाती है।

भारत में परमाणु कार्यक्रम की नींव रखने का श्रेय डॉ होमी जहांगीर भाभा को जाता है, पर डॉ राजा रामन्ना का योगदान भी इस कार्य में कम नहीं है। 18 मई, 1974 में देश के पहले सफल परमाणु परीक्षण कार्यक्रम में अहम भूमिका निभाने के लिए राजा रामन्ना को भी याद किया जाता है।

पाउली अपवर्जन नियम (Pauli exclusion principle) नियम के अनुसार परमाणु में किन्हीं दो इलेक्ट्रॉनों के चारों क्वांटम नम्बर सर्वसम नहीं होते", पाउली का अपवर्जन का नियम (Pauli exclusion principle) क्वाण्टम यांत्रिकी का एक सिद्धान्त है जिसे सन् 1925 में वुल्फगांग पाउली ने प्रतिपादित किया था।

एशिया के पहले न्यूक्लीयर रिएक्टर को 'अप्सरा' कहा जाता है। यह 4 अगस्त,1956 को भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के ट्रॉम्बे परिसर में बना था। BARC की वेबसाइट के मुताबिक तत्काल पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरू ने औपचारिक रूप से 20 जनवरी, 1957 को इसका उद्धाटन किया था।

इंदिरा गाँधी परमाणु अनुसंधान केंद्र भारत के प्रमुख परमाणु अनुसंधान केन्द्रों में एक है। सन 1971 ई. में फास्ट ब्रीडर टेक्नोलॉजी के अनुसंधान और विकास के लिए चेन्नई के कालपक्कम में इसकी स्थापना की गई।

भारत में निर्मित अग्नि मध्यवर्ती परास परमाणु क्षमता योग्य प्रक्षेपास्त्र है। अग्नि-1 पर काम 1999 में शुरु हुआ था लेकिन परीक्षण 2002 में किया गया. इसे कम मारक क्षमता वाली मिसाइल के तौर पर विकसित किया गया था. यह 700 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है. ताजा परीक्षण में भारत ने परमाणु क्षमता संपन्न अग्नि - 1 प्रक्षेपास्त्र का दिसंबर 2011 में फिर से सफल परीक्षण किया।

साहा इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर फिजिक्स (एसआईएनपी) बिधाननगर, कोलकाता, भारत में स्थित भौतिक और जैव-भौतिक विज्ञान में बुनियादी अनुसंधान और प्रशिक्षण की एक संस्था है। संस्थान का नाम प्रसिद्ध भारतीय भौतिक विज्ञानी मेघनाद साहा के नाम पर रखा गया है।

भारत में परमाणु ऊर्जा की दीर्घकालीन संभावना देश में थोरियम के भंडारों पर निर्भर करती है। थोरियम धातु की खोज 1828 ई में बर्ज़ीलियस ने थोराइट अयस्क में की थी। यद्यपि इसके अनेक अयस्क ज्ञात हैं, परंतु मोनेज़ाइट (monazite) इसका सबसे महत्वपूर्ण स्रोत हैं, जिसमें थोरियम तथा अन्य विरल मृदाओं के फॉस्फेट रहते हैं। संसार में मोनेज़ाइट का सबसे बड़ा भंडार भारत के केरल राज्य में हैं।

भारत से पहले पाँच देशों ने परमाणु बम का विस्फोट किया था। भारतीय परमाणु आयोग ने पोखरण में अपना पहला भूमिगत परिक्षण स्माइलिंग बुद्धा (पोखरण-1) 18 मई 1974 को किया था। हलांकि उस समय भारत सरकार ने घोषणा की थी कि भारत का परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण कार्यो के लिये होगा और यह परीक्षण भारत को उर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिये किया गया है।

परमाणु ऊर्जा आयोग का गठन 3 अगस्त 19448 को हुआ था। परमाणु ऊर्जा विभाग की स्थापना का उद्देश्य प्रौद्योगिकी, अधिक संपदा के सृजन और अपने नागरिकों को बेहतर गुणवत्ता का जीवन स्तर उपलब्ध कराने के माध्यम से भारत को और शक्ति संपन्न बनाना है।

  Last update :  Mon 7 Nov 2022
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