ग्रीन स्टील क्या है?

ग्रीन स्टील पासपोर्ट ईंधन के उपयोग के बिना इस्पात निर्माण है। यह नई परिघटना प्लांट से चलने वाले संयंत्रों के पारंपरिक कार्बन-गहन निर्माण मार्ग के बजाय कोयला गैसीकरण, या बिजली जैसे निम्न-कार्बन ऊर्जा लिंकेज का उपयोग करके स्टील का उत्पादन करने के बारे में है|

ग्रीन स्टील का महत्व:

  • इस तरह की पहल को स्टील प्रोडक्शन फील्ड में एक सकारात्मक बदलाव के रूप में देखा जा रहा है. स्टील सेक्टर में लम्बे समय से चली आ रही कार्बन इमिटिंग 'हार्ड टू एबेट सेक्टर' की अवधारणा को बदलने का एक अच्छा प्रयास है.
  • ग्रीन स्टील को बढ़ावा देने से देश में स्टील इंडस्ट्री से होने वाले कार्बन इमिशन को कम किया जा सकता है.
  • इंटरनेशनल लेवल पर, स्टील इंडस्ट्री के द्वारा 7 प्रतिशत का कार्बन इमिशन होता है जिसमे भारत की स्टील इंडस्ट्री का से होने वाला इमिशन 12 प्रतिशत भाग शामिल है.
  • भारत में इस तरह के इको फ्रेंडली प्रयास से भारत के नेट जीरो-कार्बन लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी साथ ही यह हमारे एनवायरनमेंट के लिए भी लाभकर होगा.

नेशनल स्टील पॉलिसी:

नेशनल स्टील पॉलिसी वर्ष 2017 में जारी की गयी थी, जिसका उद्देश्य यह है कि 2030 तक 300 मीट्रिक टन की स्टील प्रोडक्शन क्षमता को हासिल किया जाये. इस पॉलिसी के तहत घरेलू खपत बढ़ाने, उच्च गुणवत्ता वाले स्टील का उत्पादन, और भारत में विश्व स्तर की स्टील का निर्माण शामिल है. नेशनल स्टील पॉलिसी के तहत ग्रीन स्टील के निर्माण को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. जिससे देश में कार्बन फुटप्रिंट की कम किया जा सके.

  News Date :  21 दिसम्बर 2022
  News Category :  Geography Events
  Post Category :  December 2022