ISRO ने आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से EOS-07 और 2 सह-यात्री उपग्रहों Janus-1 और AzaadiSAT-2 को 450 किमी की गोलाकार कक्षा में ले जाने वाले छोटे उपग्रह लॉन्च वाहन SSLVD2 को लॉन्च किया।
एसएसएलवी क्या है?
एसएसएलवी इसरो द्वारा विकसित एक छोटा-लिफ्ट लॉन्च वाहन है , जिसकी पेलोड क्षमता 500 किलोग्राम कम पृथ्वी की कक्षा (500 किमी (310 मील)) या 300 किलोग्राम सूर्य तक पहुंचाने की है। एसएसएलवी को न्यूनतम बुनियादी ढांचे की आवश्यकताओं के तहत लॉन्च-ऑन-डिमांड लचीलेपन के साथ कम लागत, कम टर्नअराउंड समय को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। यह मांग पर रॉकेट के आधार पर किफायती लागत पर उपग्रह प्रक्षेपण की सुविधा प्रदान करता है। 34 मीटर लंबे एसएसएलवी रॉकेट का व्यास 2 मीटर है और इसका वजन 120 टन है।
SSLV-D2 का कुल वजन 175.2 किलोग्राम है, जिसमें Eos उपग्रह का वजन 156.3 किलोग्राम, Janus-1 का वजन 10.2 किलोग्राम और आज़ादीसैट-2 का वजन 8.7 किलोग्राम है। इसरो के मुताबिक एसएसएलवी रॉकेट की कीमत करीब 56 करोड़ रुपए है।
पहली उड़ान SSLV-D1 7 अगस्त 2022 को प्रथम लॉन्च पैड से आयोजित की गई थी, लेकिन कक्षा में विफल रही। 10 फरवरी 2023 को दूसरी उड़ान ने सफलतापूर्वक पेलोड को कक्षा में पहुँचाया।
मिशन के उद्देश्य:-
- लो अर्थ ऑर्बिट में एसएसएलवी की डिजाइन की गई पेलोड क्षमता का प्रदर्शन|
- EOS-07 उपग्रहों और दो यात्री उपग्रहों Janus-1 और Azadisat-2 को 450 किमी की गोलाकार कक्षा में स्थापित करना।