चारमीनार के बारे जानकारी: (Charminar Hyderabad (Telangana) GK in Hindi)
चारमीनार भारतीय राज्य तेलंगाना तथा आन्ध्र प्रदेश की संयुक्त राजधानी हैदराबाद का सबसे ऐतिहासिक स्मारक और मस्जिद है। चारमीनार मूसी नदी के पूर्वी तट स्थित है। चार मीनार का शाब्दिक अर्थ है- चार टॉवर। यह भव्य इमारत प्राचीन काल की उत्कृष्ट वास्तुशिल्प का बेहतरीन नमूना है।
चारमीनार का संक्षिप्त विवरण: (Quick info about Charminar)
स्थान | हैदराबाद, तेलंगाना (भारत) |
स्थापना (निर्माण) | 1591 ई॰ |
निर्माता (किसने बनवाई) | मुहम्मद कुली क़ुतुबशाह |
वास्तुकला शैली | इंडो-इस्लामिक |
ऊंचाई | 48.7 मी (159.77 फुट) ऊंची |
चारमीनार का इतिहास: (Charminar History in Hindi)
कुतुब शाही राजवंश के पांचवें शासक मोहम्मद कुली कुतुब शाह द्वारा साल 1591 में चारमीनार का निर्माण किया गया था। आज इस ऐतिहासिक इमारत के कारण हैदराबाद को पूरे विश्व में पहचान मिली है। मोहम्मद कुली कुतुब शाह द्वारा ने इसका निर्माण इसलिए भी किया था, ताकि गोलकोंडा और पोर्ट शहर मछलीपट्टनम के व्यापार मार्ग को एकसाथ जोड़ा जा सके।
चारमीनार के बारे में रोचक तथ्य: (Interesting Facts about Charminar in Hindi)
- चारमीनार का इंग्लिश नाम “फोर टावर” है, जोकि उर्दू शब्द चार और मीनार के रूपांतर से मिलकर बना है।
- इस मीनार के उत्तर में चार कमान और चार द्वार है।
- इसकी संरचना वर्गाकार है, जो हर तरफ से 20 मीटर (लगभग 66 फुट) लम्बी है।
- शासक मोहम्मद कुली कुतुब शाह द्वारा अपनी राजधानी गोलकोंडा को हैदराबाद में स्थानान्तरित करने के बाद चारमीनार का निर्माण करवाया था।
- इस स्मारक का निर्माण ग्रेनाइट, चूना पत्थर, मोर्टार और चूर्णित संगमरमर से किया गया था।
- इस संरचना का उद्देश्य मस्जिद और मदरसा के रूप में सेवा करना था।
- इसकी संरचना इंडो-इस्लामिक वास्तुकला शैली की है परंतु इसमें फ़ारसी वास्तुशिल्प तत्वों को भी शामिल किया गया है।
- चारमीनार में पत्थरो की छज्जे के साथ ही एक छत और दो बरामदे भी है, जो छत की तरह दिखाई देते है।
- हर तरफ मीनार में एक बड़ा वक्र बना हुआ है, जो 11 मीटर तक फैला हुआ और 20 मीटर ऊँचा है।
- हर एक वक्र पर 1889 में बनायी गई एक घडी लगी हुई है।
- मीनार की सबसे आखिरी मंजिल पर जाने के लिये आपको 149 हवाई सीढियाँ चढ़ने पड़ेंगी। सभी मीनारे 149 हवाई सीढियो से पृथक की गयी है।
- इस मीनार में चार चमक-दमक वाली मीनारें हैं, जो कि चार मेहराब से जुड़ी हुई हैं। मेहराब मीनार को सहारा भी देता है।
- सभी चारो मीनारों को एक अलग प्रकार की रिंग से मार्क किया गया है, जिसे बाहर की तरफ से आसानी से देखा जा सकता है।
- मीनार में बीचोंबीच पानी का छोटा सा तालाब भी है, जिसमें फव्वारा भी लगा है। मस्जिद में नमाज पढने से पहले लोग यहाँ अपने हाथ-पैर धोते है।
- चारमीनार के बाई तरफ लाड बाज़ार और दक्षिण दिशा की तरफ मक्का मस्जिद है।
- चारमीनार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा आधिकारिक “स्मारकों की सूची” में और एक पुरातात्विक और वास्तुशिल्प खजाने के रूप में सूचीबद्ध किया गया है
- इस मीनार को आर्कियोलॉजिकल एंड आर्किटेक्चरल ट्रेज़र द्वारा “स्मारकों की सूची” में भी शामिल किया गया है।
- चारमीनार स्मारक के नाम से एक चारमीनार एक्सप्रेस ट्रेन है, जो हैदराबाद और चेन्नई के बीच चलती है। यह भारतीय रेलवे के अधीन है।
- 2007 में पाकिस्तान के कराची के बहादराबाद इलाके में चारमीनार की चोटी संरचना बनाई गई थी।
- आज हम कह सकते है कि हैदराबाद को चारमीनार के वजह से ही दुनिया में पहचान मिली है। इस शहर का निर्माण करने के लिए पर्शियन आर्किटेक्ट को भी बुलाया गया था।
कैसे पहुँचें:
- चार मीनार हैदराबाद रेलवे स्टेशन से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर है।
- यह हैदराबाद बस स्टेशन से 5 कि.मी. की दूरी पर है।
- अगर आप हवाई जहाज से आना चाहते है तो यहाँ पर राजीव गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा और बेगमपेट हवाई अड्डा भी मौजूद है।
- बैंगलोर से हैदराबाद लगभग 574 कि.मी. दक्षिण में, मुंबई से 750 कि.मी. दक्षिण-पूर्व में, चेन्नई से 700 किमी उत्तर-पश्चिम में है।