तेलंगाना का इतिहास, भूगोल, अर्थव्यवस्था, राजनीति तथा जिले
✅ Published on October 29th, 2021 in भारत, भारतीय राज्य
इस अध्याय के माध्यम से हम तेलंगाना (Telangana) की विस्तृत एवं महत्वपूर्ण जानकारी जानेगें, जिसमे राज्य का इतिहास, भूगोल, अर्थव्यवस्था, शिक्षा, संस्कृति और राज्य में स्थित विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल आदि जैसी महत्वपूर्ण एवं रोचक जानकरियों को जोड़ा गया है। इसके अतिरिक्त तेलंगाना राज्य में हाल ही में हुये विकास व बदलाव को भी विस्तारपूर्वक बताया गया है। यह अध्याय प्रतियोगी परीक्षार्थियों के साथ-साथ पाठकों के लिए भी रोचक तथ्यों से भरपूर है। Telangana General Knowledge and Recent Developments (Hindi).
तेलंगाना का संक्षिप्त सामान्य ज्ञान
राज्य का नाम | तेलंगाना (Telangana) |
इकाई स्तर | राज्य |
राजधानी | हैदराबाद |
राज्य का गठन | 2 जून 2014 |
सबसे बड़ा शहर | हैदराबाद |
कुल क्षेत्रफल | 1,12,077 वर्ग किमी |
जिले | 31 |
वर्तमान मुख्यमंत्री | के चंद्रशेखर राव |
वर्तमान गवर्नर | तमिलिसाई साउंडारराजन |
राजकीय पक्षी | नीलकंठ |
राजकीय फूल | रनवारा |
राजकीय जानवर | चितकबरा हीरण |
राजकीय पेड़ | खेजड़ी या शमी |
राजकीय भाषा | तेलुगू |
तेलंगाना (Telangana)
तेलंगाना उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित भारत का 29वाँ राज्य हैं। हैदराबाद को आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की संयुक्त राजधानी घोषित किया गया है, परन्तु प्रस्तवित राजधानी अमरावती है। राज्य का सबसे बड़ा शहर हैदराबाद है।
तेलंगाना नाम तेलुगू अंगाना शब्द से लिया गया है जिसका मतलब होता है वो जगह जहां तेलुगू बोली जाती है। तेलंगाना मूल रूप से निज़ाम की हैदराबाद रियासत का हिस्सा था। 1948 में भारत ने निज़ाम की रियासत का अंत कर दिया और हैदराबाद राज्य का गठन किया गया। 1956 में हैदराबाद का हिस्सा रहे तेलंगाना को नवगठित आंध्र प्रदेश में मिला दिया गया। निज़ाम के शासनाधीन रहे कुछ हिस्से कर्नाटक और महाराष्ट्र में मिला दिए गए। भाषा के आधार पर गठित होने वाला आंध्र प्रदेश पहला राज्य था।
29 नवंबर 2009 को चंद्रशेखर राव के नेतृत्व में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करते हुए तेलंगाना के गठन की मांग की थी। जिसके लिए तत्कालीन सरकार ने साल 2010 में पूर्व न्यायाधीश श्रीकृष्ण के नेतृत्व में 5 सदस्यीय एक समिति का गठन किया, जिसने 30 दिसम्बर 2010 को अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को दे दी। 05 दिसम्बर 2013 को मंत्रिसमूह द्वारा बनाये गए ड्राफ्ट बिल को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। 18 फ़रवरी 2014 को तेलंगाना बिल लोक सभा से पास हो गया तथा दो दिन पश्चात इसे राज्य सभा से भी मंजूरी मिल गयी। आखिरकार भारत सरकार ने 04 मार्च 2014 को तेलंगाना को नया राज्य बनाने का एलान किया और 02 जून 2014 को तेलंगाना देश का 29वां राज्य बना।
भारत के अन्य राज्यों की तरह तेलंगाना में भी संसदीय प्रणाली है। तेलंगाना की विधानसभा में 119 सीटें और लोकसभा में 17 सीटें है। राज्य में विधान परिषद् के 40 सदस्य हैं। राज्य के प्रमुख राजनीतिक पार्टियां सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस), तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस हैं।
तेलंगाना के वर्तमान मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव है। उन्होंने 02 जून 2014 को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। तेलंगाना के मुख्यमंत्री बनने वाले प्रथम व्यक्ति चंद्रशेखर राव है। तेलंगाना के वर्तमान राज्यपाल तमिलिसाई साउंडारराजन है। तमिलिसाई साउंडारराजन ने 8 सितंबर 2019 को तेलंगाना के राज्यपाल के रूप में शपथ ग्रहण की है।
- तेलंगाना का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GDP) 2015-16 और 2020-21 के बीच 11.10% (रुपये के संदर्भ में) की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर 9.78 ट्रिलियन रु. हो गया है।
- तेलंगाना तृतीयक क्षेत्र सबसे बड़ा क्षेत्र रहा है, जो 2011-12 और 2020-21 के बीच 13.16% (रुपये के संदर्भ में) की CAGR से बढ़ रहा है, जो भारत की कुल GDP का 60.35% हिस्सा है।
- मई 2021 तक, तेलंगाना में कुल स्थापित बिजली क्षमता 17,224.85 मेगावाट थी। इसमें से 8493.6 मेगावाट राज्य उपयोगिताओं, 6,555.05 मेगावाट (निजी उपयोगिताओं) और 2,176.15 मेगावाट (केंद्रीय उपयोगिताओं) द्वारा योगदान दिया गया था।
- मई 2021 में ही कुल 10,211.19 मेगावाट के साथ राज्य की कुल स्थापित क्षमता में थर्मल पावर का सबसे बड़ा योगदान था, इसके बाद जल विद्युत (2,479.93 मेगावाट), नवीकरणीय ऊर्जा (4,385.00 मेगावाट) और परमाणु ऊर्जा (148.73 मेगावाट) का स्थान है।
- हैदराबाद डेटा सेंटर स्पेस में एक हॉटस्पॉट के रूप में उभर रहा है और शहर की इन्वेंट्री 2023 तक तीन गुना बढ़ने के लिए तैयार है, जिसमें 66 मेगावाट क्षमता वृद्धि होगी। 2023 तक होने वाली 66 मेगावाट क्षमता में से, 2021 में लगभग 8 मेगावाट क्षमता जोड़े जाने की उम्मीद है, इसके बाद 2022 और 2023 में प्रत्येक में 29 मेगावाट की क्षमता होगी।
- हैदराबाद का भारत के कुल फार्मा निर्यात का लगभग 20% हिस्सा है। तेलंगाना सरकार की लाइफ साइंसेज रिपोर्ट में किए गए अनुमानों के अनुसार, दुनिया के फार्मा और लाइफ साइंसेज हब के रूप में, हैदराबाद 2030 तक यूएस $ 13 बिलियन (2020) से बढ़कर यूएस $ 100 बिलियन का बिजनेस जेनरेटर बनने की ओर अग्रसर है।
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