सल्तनत कालीन सूफी संत एवं स्थापत्य कला
✅ Published on August 20th, 2017 in इतिहास, भारत, भारतीय रेलवे, सामान्य ज्ञान अध्ययन
सल्तनतकालीन प्रमुख सूफी संत एवं स्थापत्य कला (Saltnatkalin Prominent Sufi Saint and Architecture in Hindi)
सूफ़ी संत किसे कहते है?
सूफ़ीवाद का पालन करने वाले संत सूफ़ी संत कहलाते हैं। यह इस्लाम धर्म की उदारवादी शाखा है। सूफी संत, ईश्वर की याद में ऐसे खोए होते हैं कि उनका हर कर्म सिर्फ ईश्वर के लिए होता है और स्वयं के लिए किया गया हर कर्म उनके लिए वर्जित होता है, इसलिए संसार की मोहमाया उन्हें विचलित नहीं कर पाती। सूफी संत एक ईश्वर में विश्वास रखते हैं तथा भौतिक सुख-सुविधाओं को त्याग कर धार्मिक सहिष्णुता और मानव-प्रेम तथा भाईचारे पर विशेष बल देते हैं।
सूफ़ी शब्द की उत्पत्ति:
अबू नस्र अल सिराज की पुस्तक ‘किताब-उल-लुमा’ में किये गये उल्लेख के आधार पर माना जाता है कि, सूफ़ी शब्द की उत्पत्ति अरबी शब्द ‘सूफ़’ (ऊन) से हुई, जो एक प्रकार से ऊनी वस्त्र का सूचक है, जिसे प्रारम्भिक सूफ़ी लोग पहना करते थे। ‘सफ़ा’ से भी उत्पत्ति मानी जाती है। सफ़ा का अर्थ ‘पवित्रता’ या ‘विशुद्धता’ से है। इस प्रकार आचार-व्यवहार से पवित्र लोग सूफ़ी कहे जाते थे। एक अन्य मत के अनुसार- हजरत मुहम्मद साहब द्वारा मदीना में निर्मित मस्जिद के बाहर सफ़ा अर्थात् ‘मक्का की पहाड़ी’ पर कुछ लोगों ने शरण लेकर अपने को खुदा की अराधना में लीन कर लिया, इसलिए वे सूफ़ी कहलाये।
सल्तनतकाल के प्रमुख सूफी संतों के नाम:
- ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती
- बाबा फरीद
- शेख निजामुद्दीन औलिया
- गेसुदराज
- नसीरुद्दीन महमूद
- शिहाबुद्दीन सुहरावर्दी
- बख्तियार काकी
- शेख हुसैनी
- शेख बहाउद्दीन जकरिखा
- जलालुद्दीन तबरीजी
- शेख हामिदउद्दीन नागौरी
सल्तनतकालीन स्थापत्य एवं वास्तुकला:
सल्तनत काल में भारतीय स्थापत्य कला के क्षेत्र में जिस शैली का विकास हुआ, वह भारतीय तथा इस्लामी शैलियों का सम्मिश्रिण थी। इसलिए स्थापत्य कला की इस शैली को ‘इण्डो इस्लामिक’ शैली कहा गया। कुछ विद्वानों ने इसे ‘इण्डो-सरसेनिक’ शैली कहा है। फर्ग्यूसन महोदय ने इसे पठान शैली कहा है, किन्तु यह वास्तव में भारतीय एवं इस्लामी शैलियों का मिश्रण थी। सर जॉन मार्शल, ईश्वरी प्रसाद जैसे इतिहासविदों ने स्थापत्य कला की इस शैली को ‘इण्डों-इस्लामिक’ शैली व हिन्दू-मुस्लिम शैली कहना उचित समझा।
इण्डों-इस्लामिक स्थापत्य कला शैली की विशेषताएँ निम्न प्रकार थीं:
- सल्तनत काल में स्थापत्य कला के अन्तर्गत हुए निर्माण कार्यों में भारतीय एवं ईरानी शैलियों के मिश्रण का संकेत मिलता है।
- सल्तन काल के निर्माण कार्य जैसे- क़िला, मक़बरा, मस्जिद, महल एवं मीनारों में नुकीले मेहराबों-गुम्बदों तथा संकरी एवं ऊँची मीनारों का प्रयोग किया गया है।
- इस काल में मंदिरों को तोड़कर उनके मलबे पर बनी मस्जिद में एक नये ढंग से पूजा घर का निर्माण किया गया।
- सल्तनत काल में सुल्तानों, अमीरों एवं सूफी सन्तों के स्मरण में मक़बरों के निर्माण की परम्परा की शुरुआत हुई।
- इस काल में ही इमारतों की मज़बूती हेतु पत्थर, कंकरीट एवं अच्छे क़िस्म के चूने का प्रयोग किया गया।
- सल्तनत काल में इमारतों में पहली बार वैज्ञानिक ढंग से मेहराब एवं गुम्बद का प्रयोग किया गया। यह कला भारतीयों ने अरबों से सीखी। तुर्क सुल्तानों ने गुम्बद और मेहराब के निर्माण में शिला एवं शहतीर दोनों प्रणालियों का उपयोग किया।
- सल्तनत काल में इमारतों की साज-सज्जा में जीवित वस्तुओं का चित्रिण निषिद्ध होने के कारण उन्हें सजाने में अनेक प्रकार के फूल-पत्तियाँ, ज्यामितीय एवं क़ुरान की आयतें खुदवायी जाती थीं। कालान्तर में तुर्क सुल्तानों द्वारा हिन्दू साज-सज्जा की वस्तुओं जैसे- कमलबेल के नमूने, स्वस्तिक, घंटियों के नमूने, कलश आदि का भी प्रयोग किया जाने लगा। अलंकरण की संयुक्त विधि को सल्तनत काल में ‘अरबस्क विधि’ कहा गया।
सल्तनत कालीन स्थापत्य कला की सूची:
शासक का नाम | इमारत का नाम |
कुतुबुद्दीन ऐबक | क़ुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद |
कुतुबुद्दीन ऐबक व इल्तुतमिश | कुतुबमीनार |
कुतुबुद्दीन ऐबक | अढ़ाई दिन का झोपड़ा |
इल्तुतमिश | इल्तुतमिश का मक़बरा |
इल्तुतमिश | जामा मस्जिद |
इल्तुतमिश | अतारकिन का दरवाज़ा |
इल्तुतमिश | सुल्तानगढ़ी |
बलबन | लाल महल |
बलबन | बलबन का मक़बरा |
अलाउद्दीन ख़िलजी | जमात खाना मस्जिद |
अलाउद्दीन ख़िलजी | अलाई दरवाज़ा |
अलाउद्दीन ख़िलजी | हज़ार सितून (स्तम्भ) |
ग़यासुद्दीन तुग़लक़ | तुग़लक़ाबाद |
ग़यासुद्दीन तुग़लक़ | ग़यासुद्दीन तुग़लक़ का मक़बरा |
मुहम्मद बिन तुग़लक़ | आदिलाबाद का मक़बरा |
मुहम्मद बिन तुग़लक़ | जहाँपनाह नगर |
मुहम्मद बिन तुग़लक़ | शेख़ निज़ामुद्दीन औलिया का मक़बरा |
मुहम्मद बिन तुग़लक़ | फ़िरोज़शाह तुग़लक़ का मक़बरा |
जूनाशाह ख़ानेजहाँ | फ़िरोज़शाह का मक़बरा |
जूनाशाह ख़ानेजहाँ | काली मस्जिद |
जूनाशाह ख़ानेजहाँ | खिर्की मस्जिद |
लोदी काल | बहलोल लोदी का मक़बरा |
इब्राहीम लोदी | सिकन्दर शाह लोदी का मक़बरा |
मियाँ कुआ | मोठ की मस्जिद |
इन्हें भी पढ़े: भारतीय इतिहास के गुप्तकालीन शासक और उनके अभिलेखों के नाम
📊 This topic has been read 9619 times.
स्थापत्य कला - अक्सर पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर:
📝 This question was asked in exam:- SSC CML May, 2002
📝 This question was asked in exam:- SSC CML May, 2002
📝 This question was asked in exam:- SSC CGL Jul, 2012
स्थापत्य कला - महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी:
Answer option:
◉  सलीम चिश्ती
❌ Incorrect
◉  शाह आलम बुखारी
❌ Incorrect
◉  हमीदुद्दीन नागौरी
❌ Incorrect
◉  शेख मुईनुद्दीन चिश्ती
✅ Correct
Answer option:
◉  मुइनुद्दीन चिश्ती
✅ Correct
◉  संत एकनाथ
❌ Incorrect
◉  गुरु रामदास
❌ Incorrect
◉  शेख निजामुद्दीन चिश्ती
❌ Incorrect
Answer option:
◉  मन्सूर
❌ Incorrect
◉  चर्च
❌ Incorrect
◉  खानकाह
✅ Correct
◉  इग्लू
❌ Incorrect
Answer option:
◉  सामाजिक सदभाव में
❌ Incorrect
◉  राष्ट्रीय एकता में
❌ Incorrect
◉  हिन्दू और मुसलमानों की एकता में
✅ Correct
◉  धार्मिक सदभाव में
❌ Incorrect
Answer option:
◉  शेख हुसैन
❌ Incorrect
◉  नसीरुद्दीन महमूद
❌ Incorrect
◉  ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती
✅ Correct
◉  बाबा फरीद
❌ Incorrect
Answer option:
◉  सूफी अनुयायी
❌ Incorrect
◉  इनमे से कोई नही
❌ Incorrect
◉  सूफी भिक्षुक
❌ Incorrect
◉  सूफियों के गुरू को
✅ Correct
Answer option:
◉  बाबा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी
❌ Incorrect
◉  हजरत ख्वाजा
❌ Incorrect
◉  शेख मुबारक
✅ Correct
◉  नसीरुद्दीन चिराग
❌ Incorrect
Answer option:
◉  चित्रकारी में
❌ Incorrect
◉  सुलेखन में
✅ Correct
◉  शहनाई वादन में
❌ Incorrect
◉  तबला में
❌ Incorrect
Answer option:
◉  कोप्पाल
❌ Incorrect
◉  बिदार
✅ Correct
◉  गदग
❌ Incorrect
◉  हुब्बाल्ली
❌ Incorrect
Answer option:
◉  इल्तुतमिश
✅ Correct
◉  श्री लक्ष्मण श्रीधर वाकणकर
❌ Incorrect
◉  मोहम्मद गोरी
❌ Incorrect
◉  फ़िरोजशाह
❌ Incorrect
Answer option:
◉  रामानंद
✅ Correct
◉  रामानुज
❌ Incorrect
◉  रविदास
❌ Incorrect
◉  भगत धन्ना
❌ Incorrect
Answer option:
◉  हमीदुद्दीन नागौरी
❌ Incorrect
◉  शाह आलम बुखारी
❌ Incorrect
◉  सलीम चिश्ती
❌ Incorrect
◉  शेख मुईनुद्दीन चिश्ती
✅ Correct
Answer option:
◉  काशी
❌ Incorrect
◉  मिथिला
✅ Correct
◉  अयोध्या
❌ Incorrect
◉  उज्जयिनी
❌ Incorrect
Answer option:
◉  मन्सूर
❌ Incorrect
◉  खानकाह
✅ Correct
◉  चर्च
❌ Incorrect
◉  इग्लू
❌ Incorrect
Answer option:
◉  नसीरुद्दीन महमूद
❌ Incorrect
◉  बाबा फरीद
❌ Incorrect
◉  शेख हुसैन
❌ Incorrect
◉  ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती
✅ Correct
Answer option:
◉  एकनाथ
❌ Incorrect
◉  समर्थ रामदास
❌ Incorrect
◉  नामदेव
❌ Incorrect
◉  संत तुकाराम
✅ Correct
Answer option:
◉  देवाश्यम पिल्लई
❌ Incorrect
◉  मरियम वत्तालिल
❌ Incorrect
◉  सिस्टर अल्फोन्सा
✅ Correct
◉  सिस्टर लूसिया
❌ Incorrect
Answer option:
◉  केरल
❌ Incorrect
◉  गुजरात
❌ Incorrect
◉  तमिलनाडु
✅ Correct
◉  कर्नाटक
❌ Incorrect
Answer option:
◉  रामानुज
❌ Incorrect
◉  माध्वाचार्य
❌ Incorrect
◉  अलवर
❌ Incorrect
◉  चैतन्य प्रभु
✅ Correct
Answer option:
◉  भीमराव अम्बेडकर
❌ Incorrect
◉  रबिन्द्रनाथ टैगोर
❌ Incorrect
◉  रामकृष्ण
❌ Incorrect
◉  स्वामी विवेकानन्द
✅ Correct
You just read: Bharat Ke Pramukh Sufi Sant Ke Naam ( Sufi Saint And Architecture (In Hindi With PDF))
Related search terms: : सूफी संतों के नाम, प्रमुख सूफी संत, सूफी संत के नाम, , Sufi Santo Ke Naam