भारतीय इतिहास में हुए प्रमुख सामाजिक व धार्मिक सुधार आंदोलन
✅ Published on July 26th, 2019 in इतिहास, भारत, भारतीय रेलवे, सामान्य ज्ञान अध्ययन
भारत में हुए प्रमुख सामाजिक व धार्मिक सुधार आंदोलन (Social and Religious Movements of India in Hindi)
भारतीय इतिहास में 19वीं सदी को धार्मिक एवं सामाजिक पुनर्जागरण की सदी माना गया है। इस समय ईस्ट इण्डिया कम्पनी की पाश्चात्य शिक्षा पद्धति से आधुनिक तत्कालीन युवा मन चिन्तनशील हो उठा, तरुण व वृद्ध सभी इस विषय पर सोचने के लिए मजबूर हुए। यद्यपि कम्पनी ने भारत के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप के प्रति संयम की नीति का पालन किया, लेकिन ऐसा उसने अपने राजनीतिक हित के लिए किया। पाश्चात्य शिक्षा से प्रभावित लोगों ने हिन्दू सामाजिक रचना, धर्म, रीति-रिवाज व परम्पराओं को तर्क की कसौटी पर कसना आरम्भ कर दिया। इससे सामाजिक व धार्मिक आन्दोलन का जन्म हुआ।
अंग्रेज़ हुकूमत में सदियों की रूढ़ियों से जर्जर एवं अंधविश्वास से ग्रस्त औद्योगिकी नगर कलकत्ता, मुम्बई, कानपुर, लाहौर एवं मद्रास में साम्यवाद का प्रभाव कुछ अधिक रहा। भारतीय समाज को पुनर्जीवन प्रदान करने का प्रयत्न प्रबुद्ध भारतीय सामाजिक एवं धार्मिक सुधारकों, सुधारवादी ब्रिटिश गवर्नर-जनरलों एवं पाश्चात्य शिक्षा के प्रसार ने किया।
भारत में धार्मिक सुधार आंदोलन के प्रमुख कारण
- कर्मकाण्डों की प्रधानता:- वैदिक काल के जिन ऋषि-मुनियों ने पुनीत हिन्दू धर्म की स्थापना की थी, वह अत्यंत सरल, आडंबर मुक्त तथा जतिलताओं से काफी दूर था। लेकिन समय बीतने के साथ कर्म के स्थान पर जन्म को महत्व देने के कारण ब्राह्मणों ने अपने वर्चव को बढ़ाने के लिए हिन्दू धर्म में कर्मकाण्डों की प्रधानता को बढ़ा दिया जिस कारण बड़े -बड़े धार्मिक कार्यों को करने के लिए उन्होनें अधिक धन की मांग करनी शुरू कर दी जिस कारण सामान्य जनता तथा गरीब लोगो इनको नहीं करवा पाते थे और उनकी रुचि धीरे-धीरे करके हिन्दू धर्म में समाप्त होने लगी।
- आडंबरो और अंधविश्वास की उपस्थिती:- हिन्दू धर्म में समय बीतने के साथ आडंबरो और अंधविश्वास की उत्पत्ति होनी शुरू हो गई। देवी-देवताओं को खुश करने के लिए पशुओं की बलि दी जानी शुरू कर दी गई, स्वर्ग व नर्क की अवधारणा की उत्पत्ति होनी शुरू हो गई थी तथा लोगो को नर्क की भयावय दृश्यो की व्याख्या कर लोगो को यज्ञ आदि करने के लिए प्रेरित किया जा रहा था।
- यज्ञों की बहुलता:- हिन्दू धर्म में समय बीतने के साथ यज्ञों को अत्यधिक महत्व दिया जाने लगा था। यज्ञ के द्वारा अत्यधिक बारिश तथा ओला वृष्टि को रोका जा सकता इस प्रकार की विचारधाराओं के कारण यज्ञों का अधिक महत्व बढ्ने लगा। लोगो को उनकी पूर्वजों की आत्मा की शांति तथा यश व धन कमाने के लिए यज्ञों के महत्व दिया जाना शुरू कर दिया गया था।
आइये जानते है भारतीय इतिहास में हुए प्रमुख सामाजिक एवं धार्मिक सुधारक आंदोलन को किसने और कब शुरू किया था:-
भारत के प्रमुख सामाजिक एवं धार्मिक सुधारक आंदोलन व उन्हें शुरू करने वाले महान विचारको की सूची:
वर्ष | सामाजिक व धार्मिक सुधार आंदोलन | महान विचारको के नाम |
1828 | ब्रह्मा समाज | राजा राममोहन राय |
1828 | यंग बंगाल आंदोलन | हेनरी विवियन डेरोजियो |
1867 | प्रार्थना समाज | आत्माराम पांडुरंग |
1875 | आर्य समाज | दयानंद सरस्वती |
1875 | थियोसोफिकल सोसाइटी | मैडम ब्लावात्स्की एवं करनाल अल्काट |
1875 | अलीगढ आंदोलन | सैयद अहमद खान |
1885 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | ए ओ ह्यूम |
1889 | अहमदिया आंदोलन | मिर्जा गुलाम अहमदिया |
1897 | रामकृष्ण मिशन | स्वामी विवेकानंद |
1897 | क्रांतिकारी राष्ट्रवाद | चापेकर बंधुओं |
1905 | बंगाल विभाजन | लार्ड कर्जन |
1905 | अभिनव भारत | वि. डी. सावरकर |
1905 | इंडिया हाउस | स्यामा जी कृष्ण वर्मा |
1906 | मुस्लिम लीग | नवाब सलीमुल्ला |
1911 | दिल्ली दरबार | जॉर्ज पंचम |
1916 | होमरूल आंदोलन | एनीबेसेण्ट और बाल गंगाधर तिलक |
1916 | साबरमती आश्रम | महात्मा गांधी |
1919 | रौलेट एक्ट | रौलेट समिति |
1919 | जलियाँवाला बाग़ हत्याकांड | जनरल डायर |
1920 | खिलाफत आंदोलन | महात्मा गांधी |
1920 | असहयोग आंदोलन | महात्मा गांधी |
1922 | चौरी चौरा हत्याकांड | – |
1927 | साइमन कमीशन | सर जॉन साइमन |
1928 | नेहरू रिपोर्ट | मोतीलाल नेहरू |
1930 | पूर्ण स्वराज की घोषणा | जवाहरलाल नेहरू |
1930 | सविनय अवज्ञा आंदोलन | महात्मा गांधी |
1930 | प्रथम गोलमेज सम्मलेन | – |
1931 | द्वितीय गोलमेज सम्मलेन | – |
1932 | तृतीय गोलमेज सम्मलेन | – |
1932 | साम्प्रदायिक निर्णय | रैम्जे मैकडोनाल्ड |
1940 | अगस्त प्रस्ताव | वायसराय लार्ड लिनलिथगो |
1942 | क्रिप्स प्रस्ताव | सर स्टेफर्ड क्रिप्स |
1942 | भारत छोडो आंदोलन | महात्मा गांधी |
1944 | राजगोपालाचारी फार्मूला | चक्रवर्ती राजगोपालाचारी |
1945 | वेवेल योजना | लार्ड वेवेल |
1946 | कैबिनेट मिशन | क्लीमेंट एटली मंत्रिमण्डल |
1947 | माउंटबेटन योजना | लॉर्ड माउन्ट बेटन |
1948 | एटली की घोषणा | – |
इन्हें भी पढे: सन 1857 के भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के प्रमुख कारण और परिणाम
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धार्मिक सुधार आंदोलन - अक्सर पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर:
धार्मिक सुधार आंदोलन - महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी:
Answer option:
◉  प० जवाहरलाल नेहरु के द्वारा
❌ Incorrect
◉  डॉ० राजेंद्र प्रसाद के द्वारा
❌ Incorrect
◉  महात्मा गाँधी के द्वारा
✅ Correct
◉  मुहम्मद अली जिन्नाह के द्वारा
❌ Incorrect
Answer option:
◉  वासववन्ना
❌ Incorrect
◉  शंकराचार्य
✅ Correct
◉  माधवाचार्य
❌ Incorrect
◉  रामकृष्ण
❌ Incorrect
Answer option:
◉  इनमे से कोई नही
❌ Incorrect
◉  सरदार बल्लभ भाई पटेल को
❌ Incorrect
◉  बाल गंगाधर तिलक को
✅ Correct
◉  प० जवाहरलाल नेहरु को
❌ Incorrect
Answer option:
◉  शंकराचार्य
❌ Incorrect
◉  रामानुजाचार्य
✅ Correct
◉  वासववन्ना
❌ Incorrect
◉  माधवाचार्य
❌ Incorrect
Answer option:
◉  ईo वीo राधास्वामी नायकर
✅ Correct
◉  एo कामराज
❌ Incorrect
◉  सीo राजगोपालाचारी
❌ Incorrect
◉  सीo एनo अन्नादुराई
❌ Incorrect
Answer option:
◉  बारदोली सत्याग्रह
❌ Incorrect
◉  असहयोग आंदोलन
❌ Incorrect
◉  रौलेट एक्ट
❌ Incorrect
◉  1918 की अहमदाबाद वाली हड़ताल
✅ Correct
Answer option:
◉  अंग्रेज़ो द्वारा सारी शर्ते मनाने के कारण
❌ Incorrect
◉  महात्मा गांधी की इच्छा के कारण
❌ Incorrect
◉  चौरी-चोरा में हुई हिंसक घटना के कारण
✅ Correct
◉  इनमे से कोई नही
❌ Incorrect
Answer option:
◉  मंगोलिया
❌ Incorrect
◉  चीन
✅ Correct
◉  बर्मा
❌ Incorrect
◉  मलेशिया
❌ Incorrect
Answer option:
◉  सुभाषचन्द्र बॉस
❌ Incorrect
◉  हेनरी विवियन डेरोजियो
✅ Correct
◉  बंकिमचंद्र चटर्जी
❌ Incorrect
◉  सुरेन्द्र नाथ बेनर्जी
❌ Incorrect
Answer option:
◉  विनोबा भावे
✅ Correct
◉  शौकत अली
❌ Incorrect
◉  राजकुमार शुक्ल
❌ Incorrect
◉  मोहन मालवीय I
❌ Incorrect
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