विक्टोरिया मेमोरियल संक्षिप्त जानकारी
स्थान | कोलकाता, पश्चिम बंगाल (भारत) |
स्थापित | 1906-1921 |
वास्तुकार | विलियम एमर्सन और विन्सेंट एस्क |
प्रकार | संग्रहालय |
विक्टोरिया मेमोरियल का संक्षिप्त विवरण
विक्टोरिया मेमोरियल कोलकाता भारत में स्थित एक ऐतिहासिक स्मृतिपत्र है जिसे इंग्लैंड की रानी विक्टोरिया को समर्पित किया गया है। यह स्मारक यूरोपीय वास्तुकला का सर्वोत्तम उदाहरण है, इसमें एक शानदार संग्रहालय है, जहां रानी के पियानो और अध्ययन डेस्क समेत 3,000 से अधिक वस्तुओं को प्रदर्शित किया गया है।
विक्टोरिया मेमोरियल का इतिहास
22 जनवरी 1901 में इंग्लैंड की रानी विक्टोरिया की मृत्यु हो गई जिसके बाद भारत के तत्कालीन वाइसराय लॉर्ड बैरन कर्जन ने विक्टोरिया मेमोरियल नामक स्मारक के निर्माण का सुझाव दिया। 4 जनवरी 1906 को प्रिंस ऑफ वेल्स द्वारा इस स्मृतिपत्र की नींव रखी गई थी।
1912 में, विक्टोरिया मेमोरियल के निर्माण से पहले राजा जॉर्ज पंचम ने भारत राजधानी कलकत्ता से नई दिल्ली में हस्तांतरण करने की घोषणा की जिसके कारण विक्टोरिया मेमोरियल का निर्माण राजधानी के बजाय एक प्रांतीय क्षेत्र में किया गया। बाद में राजा जॉर्ज पंचम द्वारा 1921 में औपचारिक रूप से जनता के लिए खोल दिया गया।
रानी विक्टोरिया का संक्षिप्त इतिहास:
इंग्लैंड की प्रसिद्ध रानी अलेक्सन्द्रिना विक्टोरिया जिन्हें रानी विक्टोरिया के नाम से जाना जाता है इनका जन्म 24 मई 1819 में लंदन में हुआ था जिन्हें 28 जून 1838 में इंग्लैंड की रानी बना दिया गया और लगभग दो वर्षो के बाद इन्होने 10 फरवरी 1840 में अल्बर्ट, प्रिंस कंसोर्ट से शादी कर ली थी और 22 जनवरी 1901 में इनका देहांत हो गया था।
विक्टोरिया मेमोरियल के रोचक तथ्य
- इस प्रसिद्ध स्मारक के निर्माण में लगभग 15 वर्षो का समय लगा जिसे 4 जनवरी को बनाना शुरू किया गया और 1921 तक पूर्ण कर दिया गया।
- इस स्मारक को भी ताजमहल की तरह सफेद मकराना संगमरमर से बनाया गया है जो इसकी खूबसूरती में चार चाँद लगा देते है, इस स्मारक की ऊंचाई 56 मीटर है।
- इस स्मारक का केन्द्रीय गुंबद सबसे बड़ा है, जिसके ऊपर एक मूर्ति बनी है जिसे “एंजेल ऑफ़ विक्ट्री” कहा जाता है। इसकी ऊंचाई 4.9 मीटर है व इस गुंबद के आस-पास कला, वास्तुकला, न्याय और चैरिटी समेत कई प्रतीकात्मक मूर्तियां है।
- इस स्मारक को बनाने के लिए कुल 1 करोड़, 5 लाख रुपये की लागत आई थी जिसे भारत के राज्यों, ब्रिटिश राज के व्यक्तियों और लंदन में ब्रिटिश सरकार की सहायता से एकत्रित किया गया था।
- इस स्मारक के निर्माण के लिए यूनाइटेड किंगडम के प्रसिद्ध इंस्टिट्यूट “आर्किटेक्ट रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ ब्रिटिश” के अध्यक्ष विलियम एमर्स और उनके सहायक विन्सेंट एस्क को बुलाया गया था जिन्होंने इसकी संरचना की थी।
- इस स्मारक की संरचना इंडो-सरसेनिक शैली में की गई है जो की यूरोपीय वास्तुकला का एक अच्छा उदाहरण है जिसमे भारतीय, मुगल, और यूरोपीय शैली का उचित उपयोग आसानी से देखा जा सकता है।
- इस स्मारक में 25 वीथिकांए (galleries) है जिनका निर्माण थॉमस डेनियल और विलियम डेनियल ने किया था इसमें शाही गैलरी, राष्ट्रीय नेताओं गैलरी, चित्र गैलरी, केंद्रीय हॉल, मूर्तिकला गैलरी, हथियार और शस्त्रागार गैलरी और कलकत्ता गैलरी शामिल है।
- इसमें बहुत ही सुंदर 21 बगीचे भी सम्मिलित है जो 64 एकड़ में फैले है इनकी संरचना लॉर्ड रेडस्डेल और डेविड प्रेन द्वारा की गई थी।
- इसके संग्रहालय में कुछ ऐतेहासिक चीजें संग्रहित है जैसे टीपू सुल्तान की तलवार, प्लासी की लड़ाई में इस्तेमाल की जाने वाली छड़ी, अबुल फजल द्वारा लिखी गई अकबरनामा, दुर्लभ डाक टिकटे आदि।
- जिस स्थान पर इसका निर्माण किया गया है वहाँ पहले एक अध्यक्षपद जेल हुआ करती थी जिसे बाद में अलीपुर में स्थानांतरित कर वहाँ स्मारक बनाने का काम शुरू किया गया।