इस अध्याय के माध्यम से हम जानेंगे गोपाल कृष्ण गोखले (Gopal Krishna Gokhale) से जुड़े महत्वपूर्ण एवं रोचक तथ्य जैसे उनकी व्यक्तिगत जानकारी, शिक्षा तथा करियर, उपलब्धि तथा सम्मानित पुरस्कार और भी अन्य जानकारियाँ। इस विषय में दिए गए गोपाल कृष्ण गोखले से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों को एकत्रित किया गया है जिसे पढ़कर आपको प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में मदद मिलेगी। Gopal Krishna Gokhale Biography and Interesting Facts in Hindi.
गोपाल कृष्ण गोखले के बारे में संक्षिप्त जानकारी
नाम | गोपाल कृष्ण गोखले (Gopal Krishna Gokhale) |
जन्म की तारीख | 09 मई 1866 |
जन्म स्थान | बॉम्बे प्रेसीडेंसी, (भारत) |
निधन तिथि | 19 फरवरी 1916 |
माता व पिता का नाम | सत्यभामा बाई / कृष्णा राव गोखले |
उपलब्धि | 1905 - भारत सेवक समाज के संस्थापक |
पेशा / देश | पुरुष / राजनीतिज्ञ / भारत |
गोपाल कृष्ण गोखले (Gopal Krishna Gokhale)
गोपाल कृष्ण गोखले भारत के एक स्वतंत्रता सेनानी, समाजसेवी, विचारक एवं प्रसिद्ध समाज सुधारक थे। कृष्ण गोखले जी को वित्तीय मामलों की अपार समझ और उस पर अधिकारपूर्वक बहस करने की क्षमता से उन्हें भारत का "ग्लेडस्टोन" कहा जाता है। इनका मानना था कि वैज्ञानिक और तकनीकी शिक्षा भारत की महत्वपूर्ण आवश्यकता है। स्व-सरकार व्यक्ति की औसत चारित्रिक दृढ़ता और व्यक्तियों की क्षमता पर निर्भर करती है।
गोपाल कृष्ण गोखले का जन्म
गोपाल कृष्ण गोखले का जन्म 9 मई 1866 में रत्नागिरी जिले के गुहागर तालुक के कोटलुक गाँव महाराष्ट्र में एक चितपावन ब्राह्मण परिवार में हुआ था। अपेक्षाकृत इनका परिवार काफी गरीब था। इनके पिता का नाम कृष्णा राव गोखले और माता का नाम वलुबाई गोखले था।
गोपाल कृष्ण गोखले का निधन
गोपाल कृष्ण गोखले की मृत्यु 19 फरवरी 1915 (आयु 48 वर्ष) को बॉम्बे , बॉम्बे प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत में हुई थी।
गोपाल कृष्ण गोखले की शिक्षा
गोखले जी का ब्राह्मणी परिवार उस समय अपेक्षाकृत काफी गरीब था, परंतु उन्होने गोखले जी की शिक्षा में कोई कमी नहीं होने दी। गोखले जी को अंग्रेजी शिक्षा प्राप्त करने के लिए कोल्हापुर के “राजाराम कॉलेज” में भेजा गया जहाँ उन्होने अपनी माध्यमिक स्तर की शिक्षा प्राप्त की। माध्यमिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद गोपाल कृष्ण गोखले को स्नातक स्तर की शिक्षा प्राप्त करने के लिए बम्बई के एलफिंस्टन कॉलेज में भेजा गया, जहाँ उन्होने वर्ष 1884 में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उनकी पहली शादी 1880 में सावित्री बाई जी से हुई थी, जो एक लाइलाज बीमारी से पीड़ित थी, सावित्री बाई ने वर्ष 1887 में गोकले जी को दूसरी शादी करने के लिए कहा, जिसके बाद गोखले जी ने 1887 में ऋषिबामा जी से विवाह किया जिनकी भी मृत्यु वर्ष 1899 में दो बेटियों को जन्म देने के बाद हो गई थी।
गोपाल कृष्ण गोखले का करियर
वर्ष 1886 में वह फर्ग्यूसन कालेज में अंग्रेज़ी के प्राध्यापक के रूप में डेक्कन एजुकेशन सोसाइटी में सम्मिलित हुए थे। गोखले जी ने दो बार शादी की थी। गोखले का राजनीति में पहली बार प्रवेश 1888 ई. में इलाहाबाद में हुए कांग्रेस के अधिवेशन में हुआ था। वर्ष 1889 में गोखले प्रसिद्ध समाज सुधारक महादेव गोविंद रानाडे के शिष्य के रूप में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य बने। 1896 में वेल्बी कमीशन के समज्ञा गवाही देने के लिए वह इंग्लैण्ड भी गए थे। गोपाल कृष्ण गोखले भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के मार्गदर्शकों में से एक थे। वह शुरुआत से ही उदारवादी विचारधारों वाले व्यक्ति रहे है। जिस कारण वह भारत का स्वशासन चाहते थे और साम्राज्य वाद का अंत। गोपाल कृष्ण गोखले का ज्ञान क्षेत्र केवल अंग्रेजी और राजनीति तक ही सीमित नहीं था बल्कि वह अर्थशास्त्र और गणित के भी बहुत बड़े ज्ञाता थे। उन्हे वित्तीय मामलों की अद्वितीय समझ थी जिस कारण उन्हे भारत का ‘ग्लेडस्टोन" कहा जाता है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस शुरू से ही गठबंधनी स्वभाव की पार्टी रही है, जिस कारण इसमे नरम दल, गरम दल, वाम पंथी, चरम पंथी और आदि दलो की प्रधानता थी, गोखले भी इन्ही में से एक नरमपंथी के सबसे प्रसिद्ध नेता थे। गोखले जी को वर्ष 1899 में बॉम्बे विधान परिषद के लिए चुना गया था। जिसके बाद वह 20 दिसंबर 1901 को भारत के गवर्नर-जनरल की इम्पीरियल काउंसिल के लिए भी चुने गए थे। वर्ष 1902 में गोखले को ‘इम्पीरियल लेजिस्लेटिव काउन्सिल" का सदस्य चुना गया था। वर्ष 1905 में गोखले जी के उन्न्त उदारवादी विचारो को देखते हुये भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने उन्हें अपना अध्यक्ष बना दिया था। वर्ष 1905 में गोखले जी ने ब्रिटिश भारत की कुरीतियों को दूर करने के लिए “भारत सेवक समाज” (सरवेंट्स ऑफ़ इंडिया सोसाइटी) की स्थापना की थी। गोपाल कृष्ण गोखले ने भारतीय समाज को जागरूक करने के लिए वर्ष 1911 में एक प्रसिद्ध अंग्रेजी साप्ताहिक समाचार पत्र “द हितवाद” की भी शुरुआत की थी। वर्ष 1915 में महात्मा गांधी अफ्रीका से लौटे तो उनका भारत में मार्ग दर्शन करने का कार्य गोखले जी ने ही किया था, जिस कारण महात्मा गांधी ने गोखले जी को ही अपना गुरु और मार्गदर्शक कहा था।
भारत के अन्य प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ
व्यक्ति | उपलब्धि |
---|---|
प्रणब मुखर्जी की जीवनी | भारत के तेरहवें राष्ट्रपति |
रामनाथ कोविंद की जीवनी | भारत के 14वें और वर्तमान राष्ट्रपति |
सुषमा स्वराज की जीवनी | हरियाणा विधानसभा के सदस्य के रूप में |
शीला दीक्षित की जीवनी | दिल्ली की दूसरी महिला मुख्यमंत्री |
सैफुद्दीन किचलू की जीवनी | लेनिन शांति पुरस्कार से सम्मानित प्रथम भारतीय पुरुष |
लाल बहादुर शास्त्री की जीवनी | मरणोपरांत ‘भारत रत्न" से सम्मानित प्रथम साहित्यकार |
इंदिरा गाँधी की जीवनी | प्रथम भारतीय महिला प्रधानमंत्री |
सरदार वल्लभभाई पटेल की जीवनी | स्वतंत्र भारत के प्रथम गृहमंत्री और उप-प्रधानमंत्री |
वी. के. कृष्ण मेनन की जीवनी | ब्रिटेन में उच्चायुक्त बनने वाले प्रथम भारतीय व्यक्ति |
मेघनाद साहा की जीवनी | लोकसभा हेतु निर्वाचित प्रथम भारतीय वैज्ञानिक |
डॉ. मनमोहन सिंह की जीवनी | भारत के प्रथम सिख प्रधानमंत्री |
प्रणब मुखर्जी की जीवनी | भारत के तेरहवें राष्ट्रपति |
मुथुलक्ष्मी रेड्डी की जीवनी | भारत की पहली महिला विधायक |
पंडित जवाहरलाल नेहरू की जीवनी | भारत के प्रथम प्रधानमंत्री |
सुषमा स्वराज की जीवनी | हरियाणा विधानसभा के सदस्य के रूप में |
शीला दीक्षित की जीवनी | दिल्ली की दूसरी महिला मुख्यमंत्री |
सुचेता कृपलानी की जीवनी | भारत के किसी राज्य की प्रथम महिला मुख्यमंत्री |
जानकी रामचंद्रन की जीवनी | भारत के किसी राज्य की मुख्यमंत्री बनने वाली प्रथम महिला अभिनेत्री |
ज्ञानी जैल सिंह की जीवनी | भारत के प्रथम सिख राष्ट्रपति |
डॉ. ज़ाकिर हुसैन की जीवनी | भारत के प्रथम मुस्लिम राष्ट्रपति |
राधाबाई सुबारायन की जीवनी | भारत की प्रथम महिला सांसद |
वी. एस. रमादेवी की जीवनी | भारत की प्रथम महिला मुख्य चुनाव आयुक्त |
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जीवनी | भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति, भारत रत्न से सम्मानित प्रथम भारतीय |
नजमा हेपतुल्ला की जीवनी | इंटर पार्लियामेंट्री यूनियन की प्रथम आजीवन महिला अध्यक्ष |
सत्येन्द्र प्रसन्न सिन्हा की जीवनी | वायसराय की कार्यकारिणी परिषद् के पहले भारतीय सदस्य |
डॉ. सच्चिदानन्द सिन्हा की जीवनी | भारतीय संविधान सभा के प्रथम अध्यक्ष |
सरोजिनी नायडू की जीवनी | प्रथम महिला राज्यपाल |
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की जीवनी | भारत के प्रथम राष्ट्रपति |
गणेश वासुदेव मावलंकर की जीवनी | स्वतंत्र भारत के प्रथम लोकसभा अध्यक्ष |
अमृत कौर की जीवनी | भारत की प्रथम महिला केंद्रीय मंत्री |
व्योमेश चन्द्र बनर्जी की जीवनी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रथम अध्यक्ष |
अटल बिहारी वाजपेयी की जीवनी | भारत के प्रथम विशुद्ध गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री |
प्रतिभा पाटिल की जीवनी | भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति |
विजय लक्ष्मी पंडित की जीवनी | संयुक्त राष्ट्र संघ महासभा की प्रथम महिला अध्यक्ष |
लाल मोहन घोष की जीवनी | ब्रिटिश संसद हेतु चुनाव लड़ने वाले प्रथम भारतीय पुरुष |
दादा भाई नौरोजी की जीवनी | ब्रिटिश सांसद बनने वाले प्रथम भारतीय व्यक्ति |
मायावती की जीवनी | भारत के किसी राज्य की प्रथम दलित मुख्यमंत्री |
शन्नो देवी की जीवनी | विधानसभा की प्रथम महिला अध्यक्ष |
चोकिला अय्यर की जीवनी | प्रथम भारतीय महिला विदेश सचिव |
रेहाना अमीर की जीवनी | ब्रिटेन में पार्षद बनने वाली प्रथम भारतीय महिला |
रंगनाथ मिश्र की जीवनी | राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के प्रथम अध्यक्ष |
रामनाथ कोविंद की जीवनी | भारत के 14वें और वर्तमान राष्ट्रपति |
मीरा कुमार की जीवनी | प्रथम महिला लोकसभा अध्यक्ष (स्पीकर) |
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जीवनी | भारत के 11वें राष्ट्रपति |
फखरुद्दीन अली अहमद की जीवनी | भारत के पांचवे राष्ट्रपति |
मदन मोहन मालवीय की जीवनी | बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के संस्थापक |
संजय गांधी की जीवनी | मारुति 800 को देश में लाने का श्रेय |