संयुक्त राष्ट्र के महासचिवों के नाम, कार्य एवं शक्तियाँ: (List of United Nations General Secretary form 1945-2020 in Hindi)
संयुक्त राष्ट्र क्या है?
संयुक्त राष्ट्र एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जिसके उद्देश्य में उल्लेख है कि यह अंतरराष्ट्रीय क़ानून को सुविधाजनक बनाने के सहयोग, अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, मानव अधिकार और विश्व शांति के लिए कार्यरत है। संयुक्त राष्ट्र की स्थापना 24 अक्टूबर, 1945 को संयुक्त राष्ट्र अधिकार पत्र पर 50 देशों के हस्ताक्षर होने के साथ हुई।
महासचिव संयुक्त राष्ट्र का सबसे प्रमुख अधिकारी होता है। इसकी नियुक्ति सुरक्षा परिषद की संस्तुति पर महासभा द्वारा 5 वर्ष के लिए की जाती है। वह दुबारा भी चुना जा सकता है। संयुक्त राष्ट्र अधिकारपत्र के अनुरूप, महासचिव अपनी सहायता के लिए दक्ष, योग्य और सत्यनिष्ठ कर्मचारियों का अंतर्राष्ट्रीय समूह खुद चुनता है। संयुक्त राष्ट्र के वर्तमान महासचिव एंटोनियो गुटेरेश है जो पुर्तगाल के हैं, जिन्होने 1 जनवरी 2017 को अपना कार्यकाल सँभाला है।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव के कर्तव्य:
महासचिव के कर्तव्य हैं अंतर्राष्ट्रीय संघर्षों को सुलझाना, शांतिरक्षा कार्यों का प्रबंध करना, अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करना, सुरक्षा परिषद प्रस्तावों के कार्यान्वयन को जांचना और सदस्य सरकारों से बातचीत करना। 21 मार्च 2005 को, महासचिव कोफ़ी अन्नान ने सचिवालय में कई परिवर्तनों के प्रस्ताव रखे। उन्होने वैज्ञानिक सलाहकार को नियुक्त, शांतिरक्षा सहायता कार्यालय को स्थापित, निर्णय लेने के लिए मंत्रीमंडल को अनुबंधित और मध्यस्थता कार्यों को मजबूत आदि करने के इरादे घोषित किए।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव की शक्तियाँ:
महासचिव की शक्तियाँ किसी भी अन्य संयुक्त राष्ट्र अधिकारी की तुलना में अधिक होती है। वह सदस्य राष्ट्रों की सरकारों को सलाह दे सकता है तथा समस्याओं को सुलझाने में अपने पद से जुड़े प्रभाव का इस्तेमाल कर सकता है। वह संगठन की उपलब्धियों और समस्याओं से जुड़ा वार्षिक प्रतिवेदन महासभा के सामने प्रस्तुत करता है। महासचिव किसी विशेष क्षेत्र में विश्व शांति व सुरक्षा को खतरा पहुँचने वाले मामले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का ध्यान भी आकर्षित कर सकता है।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिवों की सूची (1945-2020):
महासचिव का नाम | कार्यकाल अवधि | नागरिक |
ग्लेडविन जेब | 24 अक्टूबर 1945–01 फरबरी 1946 | यूनाइटेड किंगडम |
ग्लेडविन जेब द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात अगस्त 1945 में नए संयुक्त राष्ट्र के गठन हेतु बनाई गई तैयार समिति के कार्यवाहक सचिव नियुक्त हुये। अक्टूबर 1945 से फरवरी 1946 तक इन्होंने संयुक्त राष्ट्र के कार्यवाहक महासचिव के रूप में अपनी सेवाएँ प्रदान कीं। | ||
ट्रीगवी ली | 02 फरवरी 1946–10 नवम्बर 1952 | नॉर्वे |
ट्रीगवी ली एक विदेश मंत्री और पूर्व श्रमिक नेता रहे, जिन्होंने सोवियत संघ के खाली पदों को भरने के लिए सिफारिश की थी। कोरियाई युद्ध में संयुक्त राष्ट्र की भागीदारी के बाद, सन 1951 में सोवियत संघ ने ट्रीगवी ली की पुनर्नियुक्ति पर वीटो लगाया। संयुक्त राज्य अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में ट्रीगवी ली की पुनर्नियुक्ति के पक्ष में वोट किया। जिसके स्वरूप ट्रीगवी 5 के मुक़ाबले 45 वोटों से विजयी हुये और महासचिव के पद पर पुनर्नियुक्त हुये। सोवियत संघ से लगातार अनबन के कारण इन्होंने 1952 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। | ||
डैग हैमरस्क्जोंल्ड | 10 अप्रैल 1953–18 सितंबर 1961 | स्वीडन |
उम्मीदवारों की एक लंबी शृंखला के बाद जब कोई प्रतिनिधि नहीं चुना गया तब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के द्वारा डैग हैमरस्क्जोंल्ड को विकल्प के रूप में चुना गया, किन्तु वे दुबारा सन1957 में निर्विरोध चुने गए। सोवियत संघ उनके नेतृत्व में कांगो समस्या के दौरान गुस्से में आ गया था और सुझाव दिया था कि इस पद पर त्रिकोणीय उम्मीदवार का गठन किया जाये। इसका विरोध पश्चिमी देशों के द्वारा किया गया और सोवियत संघ ने उनका सुझाव मंजूर कर लिया। हैमरस्क्जोंल्ड की मृत्यु हवाई दुर्घटना में हुई थी जब वे कांगो के लिए एक शांति मिशन पर थे। | ||
यू. थांट | 30 नवम्बर 1961 –31 दिसम्बर 1971 | म्यांमार |
डैग हैमरस्क्जोंल्ड के स्थान पर नए महासचिव की नियुक्ति हेतु सबसे ज्यादा ज़ोर गैर यूरोपीय और गैर अमेरिकी को छोडकर विकासशील देशों के प्रतिनिधि पर था। जिसके फलस्वरूप यू. थांट निर्वाचित हुये। यू. थांट केवल डैग हैमरस्क्जोंल्ड के स्थान पर नए महासचिव नियुक्त ही नहीं हुए बल्कि वे पहले एशियाई महासचिव भी बने। अगले वर्ष, थांट पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के लिए सर्वसम्मति से पुन: चुन लिए गए। इसी प्रकार वे वर्ष 1966 में पुन: अपने दूसरे कार्यकाल के लिए निर्वाचित हुए। | ||
कुर्त वॉल्डहाइम | 01 जनवरी 1972 –31 दिसम्बर 1981 | ऑस्ट्रिया |
कुर्त वॉल्डहाइम ने महासचिव बनने के लिए एक प्रभावी किन्तु विचारशील अभियान की शुरुआत की। तीसरे दौर में चीन और ब्रिटेन से प्रारंभिक वीटो के बावजूद वे नए महासचिव चुने गए। सन 1976 में चीन ने फिर उनकी प्रतिनियुक्ति का विरोध किया, परंतु चीन दूसरे मतपत्र पर कमजोर पड़ गया। सन 1980 में उनके तीसरे कार्यकाल हेतु किए गए नामांकन पर चीन ने फिर से वीटो का इस्तेमाल किया। जिसके स्वरूप वे पुन: निर्वाचित नहीं हो सके। | ||
ज़ेवियर पेरिज डी कुईयार | 01 जनवरी 1982–31 दिसम्बर 1991 | पेरू |
पाँच सप्ताह के चुनावी गतिरोध के बाद तंजानिया के सलीम अहमद सलीम के मुकाबले ज़ेवियर पेरिज डी कुईयार निर्वाचित हुए। कुईयार इस पद पर निर्वाचित होने वाले पहले अमेरिकी महाद्वीप के निवासी थे। वे सन1986 में अगली अवधि के लिए पुन: चुने गए। लेकिन तृतीय अवधि हेतु प्रतिनयुक्ति से इंकार कर दिया था। | ||
बुतरस घाली | 01 जनवरी 1992–31 दिसम्बर 1996 | मिस्र |
गुटनिरपेक्ष आंदोलन के 102 सदस्यों ने ज़ोर देकर कहा कि अगला महासचिव अफ़्रीका से आना चाहिए। महासभा में बहुमत के कारण तथा चीन के समर्थन के फलस्वरूप गुटनिरपेक्ष आंदोलन से जुड़े सदस्यों के लिए किसी भी विपक्षी उम्मीदवार को ब्लॉक करने हेतु आवश्यक वोट था। सुरक्षा परिषद द्वारा किए गए जनमत संग्रह में पाँच गुमनाम वोट के साथ बुतरस घाली 11 मतों से विजयी हुए। सन 1996 में संयुक्त राज्य अमेरिका ने घाली के पुनर्नियुक्ति के खिलाफ वीटो का इस्तेमाल किया और कहा कि वे संयुक्त राष्ट्र के लिए आवश्यक सुधारों को लागू करने में विफल रहे। | ||
कोफ़ी अन्नान | 01 जनवरी 1997–31 दिसम्बर 2006 | घाना |
13 दिसम्बर 1996 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अन्नान की सिफ़ारिश की ताकि वह पूर्व महासचिव डॉ॰ बुतरस घाली की जगह ले सकें। घली के दूसरे कार्यकाल को अमेरिका के वीटो का सामना करना पड़ा था। चार दिन पश्चात महासभा के चुनाव से उन्होंने अपना पहला कार्यकाल 1 जनवरी 1997 से प्रारंभ किया। एवं अपने दो पूर्ण कार्यकाल के बाद कोफ़ी अन्नान सेवानिवृत्त हो गए। | ||
बान की मून | 01 जनवरी 2007–31 दिसम्बर 2016 | दक्षिण कोरिया |
बान की मून संयुक्त राष्ट्र के आठवें महासचिव नियुक्त हुये। 13 अक्टूबर 2006 को वे संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आठवें महासचिव चुने गए। उनके कार्यकाल की एक अवधि की समाप्ती के पश्चात उन्हें पुन: 2011 में अगली अवधि के लिए चुन लिया गया है। महासचिव बनने से पहले वे दक्षिण कोरिया के विदेश मामलों के मंत्रालय में एक कैरियर राजनयिक थे। वे जनवरी 2004 से नवम्बर 2006 तक कोरिया गणराज्य के विदेश मंत्री रहे। | ||
एंटोनियो गुटेरेस | 01 जनवरी 2017–वर्तमान | पुर्तगाल |
गुटेरेस, कुर्त वॉल्डहाइम (1972–1981) के बाद पश्चिमी यूरोप से चुने गये प्रथम महासचिव हैं। इसके अतिरिक्त वो ऐसे प्रथम महासचिव हैं जो किसी सरकार के पूर्व मुखिया रहे हैं और उनका जन्म संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के बाद हुआ है। वो वर्ष 1995 से 2002 तक पुर्तगाल के प्रधानमंत्री रहे। इससे पूर्व वो समाजवादी इंटरनेशनल (1999–2005) और शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त (2005–2015) के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। |
संयुक्त राष्ट्र से सम्बंधित रोचक तथ्य:
- 73 देशों के 90 मिलियन लोगों को संयुक्त राष्ट्र भोजन (खाद्य पदार्थ) मुहैया कराता है।
- संयुक्त राष्ट्र 100 से ज्यादा देशों में जलवायु परिवर्तन व ऊर्जा बचत के लिए कार्यक्रम चला रहा है।
- 36 मिलियन शरणार्थियों को सहायता उपलब्ध करा रहा है।
- विश्व के 58 प्रतिशत भाग में टीकाकरण कार्यक्रम चला रहा है, जिससे प्रतिवर्ष 2.5 मिलियन बच्चों की जान बचाई जा रही है।
- 1,20,000 शांतिदूतों और 16 ऑपरेशन के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र 4 महाद्वीपों में शांति कायम रखने के लिए कार्यक्रम चला रहा है।
- पिछले 30 सालों में 370 मिलियन ग्रामीण गरीबों की स्थिति को संयुक्त राष्ट्र ने बेहतर बनाया है।
- प्रतिवर्ष 30 मिलियन गर्भवती महिलाओं की जान बचाने का कार्य करता है।
- संयुक्त राष्ट्र ने 80 से ज्यादा देशों को स्वतंत्र कराने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।
इन्हें भी पढे: नवीनतम कौन क्या है 2020 की सूची
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