प्रवासी भारतीय दिवस (09 जनवरी): (09 January: Non Residential Indian Day in Hindi)
प्रवासी भारतीय दिवस:
पूरे देश में हर साल 09 जनवरी के दिन को प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) के रूप में भारत के विकास में प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन काे प्रवासी भारतीय दिवस के रूप में इसलिए मनाया जाता है क्योंकि 09 जनवरी 1915 को भारतीय राष्ट्रपिता महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से नस्ल विरोधी आंदोलन द्वारा ख्याति प्राप्त करने के बाद पहली बार भारत आये थे।महात्मा गांधी के भारत आगमन के दिन को यादगार बनाने के लिए भारत सरकार ने 09 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस घोषित किया। भारत सरकार द्वारा प्रवासी भारतीयों के साथ सामंजस्य और संवाद कैसे स्थापित किया जाए इस विषय को लेकर एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन प्रमुख कानूनविद लक्ष्मीमल सिंघवी की अध्यक्षता में किया गया। 18 अगस्त 2000 को इस कमेटी की संस्तुति पर महात्मा गांधी के आगमन दिवस को प्रवासी भारतीय दिवस के रूप में मनाने और प्रतिवर्ष 07-09 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन किया जाने लगा।प्रवासी भारतीय दिवस का इतिहास:
प्रवासी भारतीय दिवस को पहली बार वर्ष 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा मनाया गया था। इस दिवस को मनाने का सुझाव डॉ. लक्ष्मीमल सिंघवी ने वर्ष 2000 में दिया था। इस दिन उन भारतीय लोगों को सम्मानित किया जाता है जिन्होंनेे देश से बाहर भारत का नाम किसी भी क्षेत्र में ऊॅचा किया है। यह कार्यक्रम तीन दिनों तक चलता है। वर्ष 2015 से पहले यह दिवस प्रत्येक वर्ष मनाया जाता था लेकिन 2015 के बाद से ये फैसला लिया गया कि यह दिवस दो वर्षों के अन्तराल से मनाया जाएगा।प्रवासी भारतीय किसे कहते है?
प्रवासी भारतीय वे लोग हैं जो भारत को छोडकर दूसरे देशों में रह रहे हैं।ये दनिया के अनेक देशों में फैले हुए हैं। 48 देशों में रह रहे प्रवासी भारतीय की जनसंख्या करीब 2 करोड़ है। इनमें से 11 देशों में 05 लाख से ज्यादा प्रवासी भारतीय वहां की औसत जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं और वहां की आर्थिक व राजनीतिक दशा व दिशा को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यहां उनकी आर्थिक, शैक्षणिक व व्यावसायिक दक्षता का आधार काफी मजबूत है। वे विभिन्न देशों में रहते हैं, अलग भाषा बोलते हैं परंतु वहां के विभिन्न क्रियाकलापों में अपनी महती भूमिका निभाते हैं। प्रवासी भारतीयों को अपनी सांस्कृतिक विरासत को अक्षुण्ण बनाए रखने के कारण ही साझा पहचान मिली है और यही कारण है जो उन्हें भारत से गहरे जोड़ता है। [ad336] जहां-जहां प्रवासी भारतीय बसे वहां उन्होंने आर्थिक तंत्र को मजबूती प्रदान की और बहुत कम समय में अपना स्थान बना लिया। वे मजदूर, व्यापारी, शिक्षक अनुसंधानकर्ता, खोजकर्ता, डाक्टर, वकील, इंजीनियर, प्रबंधक, प्रशासक आदि के रूप में दुनियाभर में स्वीकार किए गए। प्रवासियों की सफलता का श्रेय उनकी परंपरागत सोच, सांस्कृतिक मूल्यों और शैक्षणिक योग्यता को दिया जा सकता है। कई देशों में वहां के मूल निवासियों की अपेक्षा भारतवंशियों की प्रति व्यक्ति आय ज्यादा है। वैश्विक स्तर पर सूचना तकनीक के क्षेत्र में क्रांति में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है, जिसके कारण भारत की विदेशों में छवि निखरी है। प्रवासी भारतीयों की सफलता के कारण भी आज भारत आर्थिक विश्व में आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभर रहा है।16वां प्रवासी भारतीय दिवस 2022:
प्रवासी भारतीय दिवस 2021: 16वाँ प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन वस्तुतः नई दिल्ली में आयोजित किया गया था। जिसका विषय था "आत्मनिर्भर भारत में योगदान"। प्रवासी भारतीय, जिन्हें NRI या भारतीय मूल के व्यक्ति (PIO) के रूप में भी जाना जाता है, भारतीय जन्म या वंश के लोग जो भारत गणराज्य के बाहर रहते हैं। 2003 से लेकर अब तक भारत के विभिन्न नगरों में प्रवासी भारतीय दिवस आयोजित किया गया। अब तक प्रवासी भारतीय दिवस निम्नलिखित नगरों में आयोजित किए जा चुके हैं:प्रवासी भारतीय दिवस के आयोजन स्थलो की सूची:
वर्ष | भारतीय प्रवासी दिवस की संख्या | स्थान |
2003 | पहला प्रवासी भारतीय दिवस | नई दिल्ली |
2004 | दूसरा प्रवासी भारतीय दिवस | नई दिल्ली |
2005 | तीसरा प्रवासी भारतीय दिवस | मुंबई |
2006 | चौथा प्रवासी भारतीय दिवस | हैदराबाद |
2007 | पांचवा प्रवासी भारतीय दिवस | नई दिल्ली |
2008 | छठां प्रवासी भारतीय दिवस | नई दिल्ली |
2009 | सातवां प्रवासी भारतीय दिवस | चेन्नई |
2010 | आठवां प्रवासी भारतीय दिवस | नई दिल्ली |
2011 | नवां प्रवासी भारतीय दिवस | नई दिल्ली |
2012 | दसवां प्रवासी भारतीय दिवस | जयपुर |
2013 | ग्यारवां प्रवासी भारतीय दिवस | कोची |
2014 | बारवां प्रवासी भारतीय दिवस | नई दिल्ली |
2015 | तेरवां प्रवासी भारतीय दिवस | गांधीनगर |
2017 | चौदहवॉ प्रवासी भारतीय दिवस | बेंगलुरु |
2018 | पन्द्रहवॉ प्रवासी भारतीय दिवस | सिंगापुर |
2019 | पन्द्रहवॉ प्रवासी भारतीय दिवस | वाराणसी |
2020 | सोलवां प्रवासी भारतीय दिवस | गांधीनगर |
2021 | सत्रवां प्रवासी भारतीय दिवस | बेंगलुरु |
2022 | अठारहवाँ प्रवासी भारतीय दिवस | दिल्ली |
- अप्रवासी भारतीयों की भारत के प्रति सोच, उनकी भावनाओं की अभिव्यक्ति के साथ ही उनकी अपने देशवासियों के साथ सकारात्मक बातचीत के लिए एक मंच उपलब्ध कराना।
- भारतवासियों को अप्रवासी बंधुओं की उपलब्धियों के बारे में बताना तथा अप्रवासियों को देशवासियों की उनसे अपेक्षाओं से अवगत कराना।
- विश्व के 110 देशों में अप्रवासी भारतीयों का एक नेटवर्क बनाना।
- भारत का दूसरे देशों से बनने वाले मधुर संबंध में अप्रवासियों की भूमिका के बारे में आम लोगों को बताना।
- भारत की युवा पीढ़ी को अप्रवासी भाईयों से जोड़ना।
- भारतीय श्रमजीवियों को विदेश में किस तरह की कठिनाइयों का सामना करना होता है, के बारे में विचार-विमर्श करना।
जनवरी माह के महत्वपूर्ण दिवस की सूची - (राष्ट्रीय दिवस एवं अंतराष्ट्रीय दिवस):
तिथि | दिवस का नाम - उत्सव का स्तर |
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03 जनवरी | शाकम्भरी जयंती - राष्ट्रीय दिवस |
09 जनवरी | प्रवासी भारतीय दिवस - राष्ट्रीय दिवस |
10 जनवरी | विश्व हिन्दी दिवस - अन्तरराष्ट्रीय दिवस |
12 जनवरी | राष्ट्रीय युवा दिवस (स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन) - राष्ट्रीय दिवस |
24 जनवरी | राष्ट्रीय बालिका दिवस - राष्ट्रीय दिवस |
25 जनवरी | राष्ट्रीय मतदाता दिवस - राष्ट्रीय दिवस |
26 जनवरी | अन्तरराष्ट्रीय सीमा शुल्क दिवस - अन्तरराष्ट्रीय दिवस |
30 जनवरी | कुष्ठ निवारण दिवस - राष्ट्रीय दिवस |
📅 Last update : 2022-01-22 13:52:52