चंपानेर पावागढ़ पुरातत्व उद्यान का संक्षिप्त विवरण
चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व उद्यान भारत के गुजरात राज्य के पंचमहल जिले में स्थित है। यह उद्यान गुजरात के सुल्तान महमूद बेगदा द्वारा बसाये गए ऐतिहासिक शहर चंपानेर के पास है।पावागढ़ की पहाड़ी लाल–पीले रंग के चट्टानों से बनी है जो भारत के सबसे पुराने चट्टानों में से एक है। बड़ौदा विरासत ट्रस्ट की सूची में इस इलाके के 114 स्मारक हैं।
पैसों की कमी के कारण भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग सिर्फ 39 स्मारकों की ही देख–रेख करता है। यहां की 94% जमीन पर वन विभाग का अधिकार है। शहर की उत्कृष्ट वास्तुशिल्पीय खूबसूरती को देखने के लिए बड़ी संख्या में यहां लोग आते हैं।
चंपानेर पावागढ़ पुरातत्व उद्यान का इतिहास
चावड़ा वंश के राजा वनराज चावड़ा ने चंपानेर की स्थापना की थी। उनके एक मंत्री का नाम चंपाराज था, जिसके नाम पर इस जगह का नामकरण हुआ। खिची चौहान राजपूतों द्वारा चंपानेर के ठीक ऊपर पावागढ़ किले को निर्माण करवाया गया था, जिसे बाद में महमूद बेगड़ा ने कब्जा लिया था।
महमूद बेगड़ा ने इसे अपनी राजधानी बनाया और इसका नाम बदलकर महमूदाबाद कर दिया। शहर के पुननिर्माण के लिए उन्होंने 23 साल तक यही पर जीवन यापन किया था। ये स्थल पावागढ़ पहाड़ी की तलहटी और उसके आस-पास स्थित हैं और ज्वालामुखीय प्रस्फुटन और लावा के बहने के परिणामस्वरूप बनी निम्नतर पहाडि़यों, ढलानों तथा पठारों से घिरा हुआ हैं।
पहाड़ी के ऊपर कालिका माता का एक सुन्दर मंदिर बना हुआ है। यहां पर 8वीं शताब्दी से 14वीं शताब्दी तक के अनेक पदांकों सहित, किले, प्रासाद, धार्मिक इमारतें, आवासीय अहाते, कृषि चिह्न व जल संग्रहण प्रणालियां आदि मौजूद हैं। इस भव्य शहर की सुन्दर वास्तुशिल्पकला को देखने के लिए हर साल हजारो के संख्या में सैलानी आते हैं।
चंपानेर पावागढ़ पुरातत्व उद्यान के रोचक तथ्य
- यूनेस्को द्वारा साल 2004 में चंपानेर को विश्व विरासत स्थल की सूची में शामिल किया गया था।
- पावागढ़ पुरातत्व उद्यान में 11 विभिन्न प्रकार की इमारते मौजूद हैं, जिनमे कई मस्जिद, मंदिर, अनाज के भंडार, कब्र, कुएं, दीवारें और बरामदे आदि शामिल हैं।
- यह पहाड़ी समुद्र तल से लगभग 800 मीटर ऊँची है।
- पावागढ़ की पहाड़ियां गुजरात राज्य के सोलंकी राजाओं और फिर खिची चौहानों के शासनकाल के दौरान हिन्दुओं के लिए प्रसिद्ध किला था।
- ये स्मारक मौलिया पठार नामक एक पहाड़ पर स्थित है।
- मौलिया पठार में पावगढ़ पहाड़ी पर बना सबसे पुराना मंदिर 10वी-11वीं शताब्दी में बना था और यह लकुलीश (Lakulish) को समर्पित है। अन्य मंदिर लगभग 13वीं से 15वीं शताब्दी के बीच बने थे, जो हिन्दू और जैन संप्रदायों के हैं।
- सभी मंदिरों का निर्माण नागर शैली में किया गया था, जिनमें गर्भगृह, मंडप और प्रवेश द्वार आदि शामिल है।
- यहाँ बने ऐतिहासिक स्मारकों में किले की एक श्रृंखला सी बनी हुई है।
- इन किलों का निर्माण बलुआ पत्थर से किया गया था, जिसमें बुर्ज और खूबसूरत बालकनियां लगी हुई है।
- सुल्तान बेगाडा द्वारा निर्मित पूर्वी गेट के पास जामी मस्जिद (जामा मस्जिद) बड़ौदा हेरिटेज ट्रस्ट द्वारा सूचीबद्ध 114 स्मारकों में सबसे उल्लेखनीय है। यह शाही बाड़े से 50 मीटर पूर्व स्थित है।
- जामा मस्जिद हिंदू और मुस्लिम वास्तुकला का एक शानदार मिश्रण है और इसे सुरुचिपूर्ण से निर्मित पश्चिमी भारत की सबसे बेहतरीन मस्जिदों में से एक माना जाता है।
- वड़ोदरा से चंपानेर की दूरी मात्र 45 कि.मी. है, जहाँ बस और दूसरे वाहनों द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।