उम्मेद भवन पैलेस संक्षिप्त जानकारी

स्थानजोधपुर, राजस्थान (भारत)
निर्माणकाल 1928 ई. से 1943 ई. के मध्य
निर्माताउम्मेद सिंह और महाराजा सवाई जय सिंह II
वर्तमान स्वामीमहाराजा गज सिंह
वास्तुकलाललित कला शैली
वास्तुकारहेनरी वॉन लंचस्टर, विद्याधर भट्टाचार्य और सर सैमुअल स्विंटन जैकब
प्रकारमहल

उम्मेद भवन पैलेस का संक्षिप्त विवरण

भारत का सबसे बड़ा और विविधताओ से भरा राज्य राजस्थान अपने शाही वातावरण, भौगोलिक परिवेश, सुंदर महलो और किलो के लिए पूरे विश्वभर में प्रसिद्ध है। राजस्थान के जोधपुर में स्थित उम्मैद भवन पैलेस भारत के सबसे महंगे और सुंदर महलो में से एक है, जिसका निर्माण महाराजा सवाई जय सिंह II द्वारा किया गया था।

उम्मेद भवन पैलेस का इतिहास

इस विश्व प्रसिद्ध महल के निर्माण का इतिहास एक संत के श्राप से जुड़ा है, जिसने क्रोध में आकर यहाँ के राठौड़ वंश को अकाल और महामारी का श्राप दे दिया था जिसके बाद 1920 के दशक में जोधपुर को लगातार तीन वर्षों तक अकाल का सामना करना पड़ा था।

अकाल के कारण स्थानीय लोगो ने तत्कालीन राजा उम्मेद सिंह से रोजगार प्रदान करने का आग्रह किया जिसके बाद राजा ने एक भव्य महल का निर्माण करने का फैसला किया जिसकी योजना तैयार करने के लिए उन्होंने प्रसिद्ध वास्तुकार हेनरी वॉन लंचस्टर को बुलाया और इसका कार्यभार सौंप दिया था। जिसके बाद इस महल का निर्माण वर्ष 1928 ई. में शुरू किया और इसे बहुत धीमी गति से बनाया जाने लगा क्यूंकि इससे स्थानीय लोगो को अकाल से निपटने का अवसर मिल रहा था, वर्ष 1943 ई. में अकाल के समाप्त होने के बाद यह महल भी बनकर तैयार हो गया था।

उम्मेद भवन पैलेस के रोचक तथ्य

  1. इस विश्व प्रसिद्ध महल का निर्माण लगभग 1928 ई. से 1943 ई. के मध्य जोधपुर के प्रसिद्ध शासक उम्मेद सिंह ने करवाया था।
  2. इस महल को बनाने में लगभग 15 वर्षो का समय लगा था, इसका निर्माण बहुत धीमी गति से इसलिए किया गया था, ताकि स्थानीय लोगो को रोजगार प्राप्त हो सके।
  3. इस महल के निर्माण के लिए स्थानीय लोगो का उपयोग किया गया था, जिनकी संख्या लगभग 2,000 से 3,000 के मध्य थी।
  4. यह महल भारत के सबसे महंगे महलो में से एक है, इसके निर्माण की लागत लगभग 11 मिलियन रुपये थी, जो उस समय की काफी बड़ी लागत थी।
  5. इस महल के 2 वाजो (विंग्स) को “हल्के फीके रंग” (सुनहरा पीला) के बलुआ पत्थर के साथ निर्मित किया गया था जो इसकी खूबसूरती को ओर भी बढ़ा देता है।
  6. इस महल के पूर्ण होने के बाद इसमें लगभग महल 347 बड़े कमरे, कई विशालकाय आंगन और एक बड़ा भोज कक्ष (दावतखाना) था, जिसमे लगभग 300 से अधिक लोग एक साथ समायोजित हो सकते है।
  7. इस महल को मुख्यतः 3 कार्यात्मक भागो में विभाजित किया है जिसमे पहला शाही परिवार का निवास, दूसरा ताज पैलेस होटल और तीसरा संग्रहालय है, जिसे 20वीं शताब्दी के शासको की वस्तुओ को प्रदर्शित करने के लिए उपयोग में लाया जाता है।
  8. यह महल भारत के सबसे विशाल महलो में से एक है, यह लगभग 26 एकड़ भूमि के क्षेत्र में 15 एकड़ बागानों सहित बनाया गया है। इसमें एक सिंहासन कक्ष, निजी मीटिंग हॉल, दरबार हॉल, दावतखाना, निजी डाइनिंग हॉल, बॉल रूम, लाइब्रेरी, इनडोर स्विमिंग पूल और इत्यादि चीजे सम्मिलित है।
  9. इस महल के आंतरिक गुंबद का रंग हल्का नीला है जिसका व्यास लगभग 31 मीटर है, जिसे एक बाहरी गुंबद से ढका गया है जिसकी ऊंचाई लगभग 13 मीटर है।
  10. इस महल को “ताज ग्रुप ऑफ होटल्स” द्वारा चलाया जाता है जिस कारण इसे “ताज उम्मैद भवन पैलेस जोधपुर” भी कहा जाता है।
  11. इस महल में एक संग्राहलय भी मौजूद है जिसमे यहाँ के शासको की वस्तुओ के साथ-साथ कुछ बहुमूल्य चीजे भी रखी गई है, जिसमे वर्ष 1877 ई. में महारानी जसवंत सिंह को रानी विक्टोरिया द्वारा दिए गए प्रतीकात्मक ध्वज, पवन मिट्टी और हल्के घर के आकार में घड़ियों का संग्रह इत्यादि चीजे सम्मिलित है।

  Last update :  Wed 3 Aug 2022
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  Post Category :  प्रसिद्ध महल
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