पुराना किला संक्षिप्त जानकारी
स्थान | दिल्ली (भारत) |
निर्मित | 1538 से 1545 |
निर्माता (किसने बनवाया) | शेरशाह सूरी |
वास्तुकला | प्राचीन मुगल वास्तु शैली |
प्रकार | सांस्कृतिक, किला |
पुराना किला का संक्षिप्त विवरण
देश की राजधानी दिल्ली में स्थित पुराना किला भारत के सबसे प्राचीन किलो में से एक है। यह किला यमुना नदी के किनारे बसे प्राचीन दीना-पनाह नगर का आंतरिक किला था। इस किले का निर्माण शेरशाह सूरी ने हुमांयू को हराने के तुरंत बाद करवाया था। यह उसकी जीत का प्रतीक था, जिसमें प्राचीनकालीन मुग़ल वास्तुकला का मिश्रण देखने को मिलता है।
पुराना किला का इतिहास
पुराने किले का इतिहास भी उतना ही रोचक है जितना की हुमांयू और शेरशाह सूरी का इतिहास है। वर्ष 1539 में चौसा के युद्ध के दौरान सुर राजवंश के संस्थापक शेर शाह सूरी ने मुगल सम्राट हुमायूं को पराजित किया था। जीत की खुशी में शेरशाह सूरी ने इस ऐतिहासिक स्मारक का निर्माण 1539 में करवाना शुरू करवाया जिसे 1545 तक बनाकर पूरा कर लिया गया था। शेरशाह सूरी ने दिल्ली और आगरा के दो मुगल केंद्र को अपने अधीन कर लिया था।
दिल्ली को मुगलों से सुरक्षित रखने के लिए शेरशाह सूरी ने पुराने किले का निर्माण करवाया था। दुर्भाग्य से, 1545 में शेरशाह सूरी की मृत्यु हो गई जिसके बाद, हुमायूं ने दिल्ली और आगरा को फिर से हासिल कर लिया था। हुमायूं ने शेर मंडल (एक अष्टकोणीय लाल बलुआ पत्थर टावर) का उपयोग अपनी पुस्तकालय और बाद में वेधशाला के रूप में किया।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस टावर के सीढियों से गिरने के बाद हुमायूं की मृत्यु हो गई और इस कारण मुगलों ने बाद में इस किले को खाली करने का फैसला किया ताकि वहाँ उनके साथ और अशुभ न हो। बाद में जब अकबर ने राजधानी दिल्ली में स्थानांतरित की तो उन्होंने विदेशी आक्रमणों से दिल्ली की रक्षा के लिए लाल किले का निर्माण करवाया था।
पुराना किला के रोचक तथ्य
- इस विश्व प्रसिद्ध किले का निर्माण 1538 ई. से 1545 ई. के मध्य एक अफगानी शासक शेरशाह सूरी द्वारा अपनी जीत व सुरक्षा के लिए करवाया गया था।
- यह किला दिल्ली का सबसे पुराना किला है जोकि दिल्ली के चिड़ियाघर के समीप मथुरा रोड नई दिल्ली में स्थित है।
- पुराने किले की पूर्वी दीवार के पास वर्ष 1969 से 1973 के मध्य दुबारा खुदाई की गई थी। जिसमे मौर्य काल (300 वर्ष ईसापूर्व) से लेकर प्रारंभिक मुग़ल काल तक के अवशेष पाएं गये है।
- माना जाता है की यह किला प्राचीन महाभारत युग के इन्द्रप्रस्थ नामक शहर के ऊपर स्थित है परंतु 1969 से 1973 के बीच की गई खुदाई में ऐसे कोई अवशेष नही मिले जिससे यह कहा जा सके की यह इन्द्रप्रस्थ नामक शहर के ऊपर स्थित है।
- इस किले की दीवारों की ऊंचाई लगभग 18 मीटर हैं, इन दीवारों की लंबाई लगभग 1.5 कि.मी. है।
- इसमें स्थित किला-ए-कुहना मस्जिद साल 1541 में शेरशाह सूरी द्वारा बनाया गया था, जिसमें घोड़े की नाल के आकार के मेहराब और पांच द्वार सम्मिलित हैं।
- इसमें 3 मुख्य प्रमुख द्वार हैं जोकि हुमायूं दारवाजा, तालाकी दरवाजा और बारा दरवाजा के नाम से जाने जाते है। इन सभी दरवाजो का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से किया गया हैं।
- इस किले के भीतर स्थित शेर मंडल इसका सबसे महत्वपूर्ण स्मारक हैं, जोकि 2 मंजिल ऊँचा है। इसकी संरचना एक अष्टकोणीय मंडप के आकार की है।
- इस किले के निकट ही एक बगीचे, पेड़ और फूल पौधों की पंक्तियों से घिरी एक झील है, जिसमें पैडल-नौकायन की सुविधा उपलब्ध है।
- यह किला प्राचीन मुगल वास्तुकला शैली में बनाया गया है जिसमे विभिन्न प्रकार की नक्काशियाँ की गई है।