मंड्या जिला कर्नाटक के श्रीरंगपटना किला का इतिहास तथा महत्वपूर्ण जानकारी

SRIRANGAPATNA FORT KARNATAKA HISTORY AND INTERESTING FACTS IN HINDI

श्रीरंगपटना किला संक्षिप्त जानकारी

स्थानमंड्या जिला, कर्नाटक (भारत)
निर्माणकाल1454
निर्मातातिम्मंना नायक
प्रकारकिला

श्रीरंगपटना किला का संक्षिप्त विवरण

ऐतिहासिक श्रीरंगपट्टन किला दक्षिणी भारतीय राज्य कर्नाटक के श्रीरंगपटना शहर में स्थित है। यह किला कावेरी नदी के बीच एक उपद्वीप पर स्थित है जिसे टीपू सुल्तान का किला भी कहा जाता हैं। 15वीं सदी में बना यह किला कर्नाटक के पुराने और भारत के सबसे मजबूत किलों में से एक माना जाता है। देश-विदेश से लाखों की संख्या में सैलानी भारतीय-इस्लामिक वास्तुकला शैली में बने इस किले को देखने के लिए यहाँ आते है।

श्रीरंगपटना किला का इतिहास

इस ऐतिहासिक किले का निर्माण विजयनगर साम्राज्य के राजा तिम्मन्ना नायका द्वारा 1454 ईस्वी में करवाया गया था। तिम्मन्ना नायका 15वीं ईस्वी में चित्रदुर्ग के शासक थे, परन्तु जब यहाँ प्रसिद्ध मैसूर साम्राज्य के शासक टीपू सुल्तान का शासन आया तो उसने इस किले की पुनः मरम्मत करवाई, जिसमे उसने लाल महल और टीपू भी निर्माण करवाया था।

इस किले पर विजयनगर साम्राज्य के बाद 1495 ईस्वी में वाड्यार वंश के शासको ने अधिकार कर लिया था, इसके बाद अरकोट के नवाब, फिर पेशवाओ, मराठो और उसके बाद हैदरअली ने इस किले पर आधिपत्य स्थापित किया था, इस किले ने अपने इतिहास में कई शासको का कार्यकाल देखा था। साल 1799 में अंगेजो से लड़ाई के दौरान ब्रिटिश सेना द्वारा इस किले काफी क्षति पंहुचायी गयी थी।

श्रीरंगपटना किला के रोचक तथ्य

  1. यह ऐतिहासिक किला कर्नाटक के श्रीरंगपटना में पवित्र नदी कावेरी के पास स्थित है, एक तरफ बहती हुई कावेरी नदी ने
  2. इस किले कोपश्चिमी और उत्तरी दिशा सेसंरक्षित कर रखा है।
  3. श्रीरंगपटना द्वीप से बेंगलुरू की दूरी 140 किलोमीटर एवं मैसूर की दूरी मात्र 15 किलोमीटर है।
  4. जब मैसूर के शासक टीपू ने इस किले का पुर्ननिर्माण फ्रेंच वास्तुकला शैली में करवाया था, जिसमें कई मंदिर और मस्जिदे भी बनवायी गयी थी।
  5. इस किले के चार प्रवेशद्वार-दिल्ली, बंगलोर, मैसूर तथा जल व गज हैं।
  6. किले का प्रवेश द्वार इसका मुख्य आकर्षण है, क्योकि इसकेप्रवेश द्वार पर पारसी भाषा में किले की स्थापना तिथि की नक्काशी की गई है।
  7. किले की दीवारों पर सर राबर्ट कैर द्वारा बनाई गई सुंदर व सौम्य चित्रकला जैसे-‘ श्रीरंगापट्नम का तूफान‘ भी देखी जा सकती है।
  8. इस किले के अन्दर बना श्रीरंगनाथस्वामी मंदिरबहुत ही प्रसिद्ध है। यह मंदिर वैष्णव संप्रदाय का केंद्र माना जाता है। इस मंदिर की विशेषता है कि यह कावेरी नदी के तीन द्वीपों पर स्थित है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण वैष्णवत्व दर्शन के समर्थक रामानुजा द्वारा किया गया था।
  9. भारत-इस्लामी वास्तुकला में टीपू द्वारा निर्मित जुमा मस्जिद किले के अंदर प्रमुख मस्जिदों में से एक है।
  10. इस किले भीतर एक ‘चतुर्विमसति स्तंभ‘ है, जिसके ऊपर हिन्दू भगवान श्री हरिविष्णु के 24 अवतार खुदे हुए हैं।
  11. किले के अन्दर लाल महल और टीपू के महल थे, जिन्हें 1799 के ब्रिटिश कब्जे के दौरान ध्वस्त कर दिया गया था।
  12. किले के निचले कक्ष में एक कालकोठरी भी बनी हुई है, प्राचीनकाल में जिसका प्रयोग अंग्रेजों द्वारा एक कारवास (जेल) के रूप में किया जाता था।
  13. कुछइतिहासकारो का मानना है कि मंदिर किले के निर्माण के समय ही बनवाये गए थे, परन्तु मस्जिदे उनमे से कुछ मंदिरो को तोड कर बनवायी गयी थी।
  14. यहाँ पर होसलसा राजा से लेकर अंग्रेजी शासनकाल की इमारतें स्थित हैं। सभी धर्मों के स्मारक यहाँ के लोगों की धर्मनिपेक्षता, प्रेम एवं शांति की भावना को दर्शाते हैं।
  15. तत्कालीन मैसूर साम्राज्य के शासक टीपू सुल्तान मई 1799 में ब्रिटिश फौज के हमले में श्रीरंगपटना किले की रक्षा करते हुए मारे गए थे।
  Last update :  Wed 3 Aug 2022
  Post Views :  1309