अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस संक्षिप्त तथ्य
कार्यक्रम नाम | अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस (International Literacy Day) |
कार्यक्रम दिनांक | 08 / सितम्बर |
कार्यक्रम की शुरुआत | 08 सितम्बर 1966 |
कार्यक्रम का स्तर | अंतरराष्ट्रीय दिवस |
कार्यक्रम आयोजक | यूनेस्को |
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का संक्षिप्त विवरण
हर साल सम्पूर्ण विश्व में 08 सितंबर अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस अथवा विश्व साक्षरता दिवस के रूप में मनाया जाता है। यूनेस्को के आंकड़ों के अनुसार, भारत की साक्षरता दर 72.1 प्रतिशत है। पुरुषों के बीच साक्षरता 80.9 प्रतिशत है, जबकि महिलाओं के लिए यह 62.8 प्रतिशत है। कार्यात्मक साक्षरता महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत एक ऐसा देश है जहां लगभग 280 मिलियन से अधिक अशिक्षित वयस्क हैं और वयस्क शिक्षा भारत के लिए महत्वपूर्ण है। सरकार और गैर-लाभकारी संगठन इस अंतर को कम करने के लिए काम कर रहे हैं।
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का इतिहास
यूनेस्को द्वारा 07 नवंबर 1965 में प्रतिवर्ष 8 सितम्बर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था। वर्ष 1966 में पहली बार इसे मनाया गया था। व्यक्तियों, समाज और समुदायों को साक्षरता का महत्व समझाने के उद्देश्य से इसका जश्न दुनिया भर में मनाया जाना शुरू किया गया था। यह दिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय की साक्षरता और प्रौढ़ शिक्षा की स्थिति को दुबारा ध्यान दिलाने के लिए विशेष रूप से मनाया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का उद्देश्य
साक्षरता दिवस का प्रमुख उद्देश्य नव साक्षरों को उत्साहित करना है। अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस हमारे लिये अहम दिवस है, क्योंकि हमारे जीवन में शिक्षा का बहुत अधिक महत्त्व है। हमारे देश में पुरुषों की अपेक्षा महिला साक्षरता कम है।
हमें आज के दिन यह संकल्प लेना होगा कि हर व्यक्ति साक्षर बनें, निरक्षर कोई न रहे। हमें अपने यहाँ से निरक्षता को भगाना होगा। भारत में सर्वशिक्षा अभियान भी इसी दिशा में उठाया गया एक सार्थक कदम है। भारत में साक्षरता दर 75.06 है (2011), जो की 1947 में मात्र 18 % थी।
भारत की साक्षरता दर विश्व की साक्षरता दर 84% से कम है। हमारे देश में 6-14 साल के आयु वर्ग के प्रत्येक बालक और बालिका को स्कूल में मुफ़्त शिक्षा का अधिकार है।
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस विषय (Theme)
दुनिया भर के कई देशों में निरक्षरता से संबंधित समस्याओं को हल करने के लिए कुछ रणनीतिक योजना को क्रियान्वित करने के लिए और अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस को प्रभावी बनाने के लिए इसके उत्सव के साथ उस वर्ष का एक विशेष विषय जुड़ा होता है अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के वर्षवार विषयों में से कुछ नीचे दिए गए हैं :-
- सामाजिक प्रगति प्राप्ति पर ध्यान देने के लिये 2006 का विषय “साक्षरता सतत विकास” था।
- महामारी (एचआईवी, टीबी और मलेरिया आदि जैसी फैलने वाली बीमारी) और साक्षरता पर ध्यान देने के लिये वर्ष 2007 और 2008 का विषय “साक्षरता और स्वास्थ्य” था।
- लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण पर ध्यान देने के लिये “साक्षरता और सशक्तिकरण” वर्ष 2009-10 का मुद्दा था।
- वर्ष 2011-12 का विषय (थीम) “साक्षरता और शांति” था जो शांति के लिये साक्षरता के महत्व पर ध्यान देना है।
- वर्ष 2013 का विषय (थीम) “21वीं सदी के लिये साक्षरता” थी वैश्विक साक्षरता को बढ़ावा देने के लिये था।
- वर्ष 2014 का विषय (थीम) “साक्षरता और सतत विकास” था, जो पर्यावरणीय एकीकरण, आर्थिक वृद्धि और सामाजिक विकास के क्षेत्र में सतत विकास को प्रोत्साहन देने के लिये है।
- वर्ष 2015 का विषय (थीम) "साक्षरता एवं सतत सोसायटी" था।
- वर्ष 2016 का विषय (थीम) "अतीत को पढ़ना, भविष्य को लिखना" था।
- वर्ष 2017 का विषय (थीम) "डिजिटल दुनिया में साक्षरता" था।
- वर्ष 2018 का विषय (थीम) "साक्षरता और कौशल विकास" था।
- वर्ष 2019 का विषय (थीम) "साक्षरता और बहुभाषावाद"।
- वर्ष 2020 का विषय (थीम) "COVID-19 संकट और उसके बाद में साक्षरता शिक्षण और सीखना"।
- वर्ष 2021 का विषय (थीम) "मानव-केंद्रित पुनर्प्राप्ति के लिए साक्षरता: डिजिटल विभाजन को कम करना"।
- वर्ष 2022 का विषय (थीम) "ट्रांसफॉर्मिंग लिटरेसी लर्निंग स्पेस"।
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के बारे में अन्य विवरण
अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस का महत्व:
मानव विकास और समाज के लिये उनके अधिकारों को जानने और साक्षरता की ओर मानव चेतना को बढ़ावा देने के लिये अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है। सफलता और जीने के लिये खाने की तरह ही साक्षरता भी महत्वपूर्णं है।
गरीबी को मिटाना, बाल मृत्यु दर को कम करना, जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करना, लैंगिक समानता को प्राप्त करना आदि को जड़ से उखाड़ना बहुत जरुरी है। साक्षरता में वो क्षमता है जो परिवार और देश की प्रतिष्ठा को बढ़ा सकता है। ये उत्सव लगातार शिक्षा को प्राप्त करने की ओर लोगों को बढ़ावा देने के लिये और परिवार, समाज तथा देश के लिये अपनी जिम्मेदारी को समझने के लिये मनाया जाता है।
कम साक्षरता दर के लिए कारण
- विद्यालयों की कमी (भारत में लगभग 6 लाख स्कूल के कमरों की कमी है)।
- स्कूल में शौचालय आदि की कमी।
- जातिवाद (भारत में एक मुद्दा है)।
- गरीबी (अधिक जनसंख्या के कारण साक्षरता में कमी)।
- लड़कियों के साथ बलात्कार और छेड़छाड़ होने का डर।
- जागरूकता की कमी।
सितम्बर माह के महत्वपूर्ण दिवस की सूची - (राष्ट्रीय दिवस एवं अंतराष्ट्रीय दिवस):
तिथि | दिवस का नाम - उत्सव का स्तर |
---|---|
02 सितम्बर | विश्व नारियल दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
05 सितम्बर | शिक्षक दिवस: भारत - राष्ट्रीय दिवस |
08 सितम्बर | अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
11 सितम्बर | विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
14 सितम्बर | हिन्दी दिवस: भारत - राष्ट्रीय दिवस |
14 सितम्बर | विश्व बन्धुत्व और क्षमायाचना दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
15 सितम्बर | अभियन्ता दिवस - राष्ट्रीय दिवस |
16 सितम्बर | विश्व ओजोन दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
17 सितम्बर | भगवान विश्वकर्मा जयन्ती - राष्ट्रीय दिवस |
21 सितम्बर | विश्व शांति दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
21 सितम्बर | विश्व अल्जाइमर दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
26 सितम्बर | विश्व मूक बधिर दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
27 सितम्बर | विश्व पर्यटन दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
29 सितम्बर | विश्व हृदय दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस प्रश्नोत्तर (FAQs):
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस प्रत्येक वर्ष 08 सितम्बर को मनाया जाता है।
हाँ, अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस एक अंतरराष्ट्रीय दिवस है, जिसे पूरे विश्व हम प्रत्येक वर्ष 08 सितम्बर को मानते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस की शुरुआत 08 सितम्बर 1966 को की गई थी।
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस प्रत्येक वर्ष यूनेस्को द्वारा मनाया जाता है।