राष्ट्रीय एकता दिवस संक्षिप्त तथ्य
कार्यक्रम नाम | राष्ट्रीय एकता दिवस (National Integration Day) |
कार्यक्रम दिनांक | 31 / अक्टूबर |
कार्यक्रम की शुरुआत | 2014 |
कार्यक्रम का स्तर | राष्ट्रीय दिवस |
कार्यक्रम आयोजक | भारत |
राष्ट्रीय एकता दिवस का संक्षिप्त विवरण
देश भर में प्रतिवर्ष 31 अक्टूबर को "राष्ट्रीय एकता दिवस" (National Unity Day) मनाया जाता है। इस वर्ष 2020 को यह पूरे भारत में लोगों द्वारा शनिवार, 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल की 144 वीं जयंती के उपलक्ष्य मनाया गया था।
राष्ट्रीय एकता दिवस का इतिहास
अक्टूबर, 2014 में भारत सरकार ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सरदार वल्लभभाई पटेल के जन्म दिवस को प्रत्येक वर्ष "राष्ट्रीय एकता दिवस" के रूप में मनाये जाने की घोषणा की थी।
उल्लेखनीय है कि सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर, 1875 को हुआ था। इस दिन का उद्घाटन 2014 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करके और नई दिल्ली में फॉर रन फॉर यूनिटी "नामक कार्यक्रम को हरी झंडी दिखाकर किया गया था।
इस आयोजन को शुरू करने का उद्देश्य देश के लिए उनके असाधारण कार्यों को याद करके उनकी जयंती पर महान व्यक्ति, सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि देना है। उन्होंने भारत को एकजुट रखने में वास्तव में कड़ी मेहनत की थी।
राष्ट्रीय एकता दिवस के बारे में अन्य विवरण
सरदार वल्लभ भाई पटेल की जीवनी:
सरदार वल्लभ भाई पटेल भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर, 1875 ई. में नाडियाड, गुजरात में हुआ था। भारत की आजादी के बाद वे प्रथम गृह मंत्री और उप-प्रधानमंत्री बने। बारडोली सत्याग्रह का नेतृत्व कर रहे पटेल को सत्याग्रह की सफलता पर वहाँ की महिलाओं ने सरदार की उपाधि प्रदान की। आजादी के बाद विभिन्न रियासतों में बिखरे भारत के भू-राजनीतिक एकीकरण में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए सरदार पटेल को भारत का बिस्मार्क और लौह पुरूष भी कहा जाता है।सरदार बल्लभ भाई पटेल के बारे में महत्वपूर्ण रोचक तथ्य:
- सरदार बल्लभ भाई पटेल मन और प्रकृति से किसान थे। इसके बावजूद उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की और एक सफल वकील बने।
- परिवार की आर्थिक दशा को देखते हुए सरदार पटेल ने उच्च शिक्षा हासिल करने से मना कर दिया था।
- आजाद भारत में कांग्रेस पार्टी के सबसे काबिल नेता होने के बावजूद सरदार बल्लभ भाई पटेल प्रधानमंत्री नहीं बन सके। वह उप-प्रधानमंत्री बने।
- यह भारत जो आज दिखाई दे रहा है, 565 स्थानीय रियासतों का एक समूह है। सरदार पटेल ने इन रियासतों का एकीकरण कर आधुनिक भारत का निर्माण किया था।
- हैदराबाद के निजाम और जूनागढ़ के नवाब ने भारत में अपने रियासतों के विलय से साफ इन्कार कर दिया था। सरदार पटेल ने अपनी बुद्धिमत्ता का परिचय देते हुए सेना का इस्तेमाल किया। वर्ष 1948 में हैदराबाद के निजाम ने भारत में खुद को सम्मिलित करने की सहमति दे दी।
- जवाहर लाल नेहरू पाश्चात्य संस्कृति और अंग्रेजियत को पसन्द करते थे। जबकि सरदार पटेल अंग्रेजियत से दूर थे।
- सरदार पटेल ने प्रधानमंत्री का पद इसलिए ठुकरा दिया, क्योंकि वह कांग्रेस पार्टी का विभाजन नहीं चाहते थे।
- सरदार पटेल शरणार्थियों के लिए ईश्वर साबित हुए।
- देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न का अगर कोई हकदार था, तो वह पुरुष सरदार पटेल थे। लेकिन दुःखद है कि यह सम्मान उन्हें बहुत देर से वर्ष 1991 में दिया गया।
- सरदार पटेल देश को सुरक्षित रखना चाहते थे। उन्होंने इसके लिए नीतियां भी बना रखीं थीं।
- सरदार पटेल भारतीय संविधान सभा के महत्वपूर्ण सदस्य थे, जिन्होंने भारत के संविधान को बनाने में महती भूमिका निभाई थी।
- सरदार बल्लभ भाई पटेल कभी भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ नहीं रहे थे।
- सरदार पटेल राष्ट्रवादी थे। उनके लिए देश पहले था। यह उनके व्यक्तित्व की महानता थी कि उन्होंने कभी भी पद के लिए नहीं, बल्कि देश के लिए काम किया।
- सरदार वल्लभभाई पटेल को समर्पित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी भारतीय राज्य गुजरात में स्थित एक स्मारक है यह वड़ोदरा के पास साधु बेट से 3.2 किमी दूर नर्मदा बांध के निकट बनी हुई है। यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है, जो वसंत मंदिर बुद्ध से 54 मीटर अधिक ऊँची है। यह प्रतिमा संबंधित संरचनाएं 20000 वर्ग मीटर में फैली हुई हैं और 12 किमी में फैली एक कृत्रिम झील से घिरी हुई है और इसकी अनुमानित लागत 29.8 बिलियन है। इसका उद्घाटन भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 अक्टूबर 2018 को उनकी 143 वीं वर्षगांठ पर किया था।
राष्ट्रीय एकता किसे कहते है?
राष्ट्रीय एकीकरण विभिन्न जातियों, संस्कृतियों, धर्मों और क्षेत्रों से रहने के बाद भी एक मजबूत और विकसित राष्ट्र के निर्माण के लिये देश के लोगों के बीच आम पहचान की भावना को दर्शाता है। यह विविधता में एकता और महान स्तर करने के लिए लोगों के बीच एकता की भावना को बढ़ावा देता है। यह अलग समुदाय के लोगों के बीच एक प्रकार की जातीय और सांस्कृतिक समानता लाता है। यह कहा जा सकता है कि वह एकता है जो भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान ब्रिटिश शासन के खिलाफ आम भारतीय लोगों के बीच व्यक्त की गयी थी।
भारत की गणना विश्व के सबसे बडे देशों में से एक के रुप में की जाती है जोकि पूरे विश्व में दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है, जहाँ 1652 के आसपास भाषाऍ और बोलियॉ बोली जाती है। यह देश दुनिया के सभी प्रमुख धर्मों को जैसे हिंदू, बौद्ध, ईसाई, जैन, इस्लाम, सिख और पारसी धर्मों को विभिन्न संस्कृति, खानपान की आदतों, परंपराओं, पोशाकों और सामाजिक रीति-रिवाजों के साथ शामिल करता है। यह जलवायु में काफी अन्तर के साथ एक विविधतापूर्ण देश है। देश में प्रमुख भिन्नता होने के बाद भी, इसका प्रत्येक भाग एक ही संविधान द्वारा बहुत शांति के साथ नियंत्रित है।
राष्ट्रीय एकता दिवस के उद्देश्य:
- राष्ट्रीय एकता दिवस लोगों के बीच एकता, शांति, प्रेम और भाईचारे के बारे में प्रोत्साहित करने के लिए हर साल मनाया जाता है।
- भारतीय समाज में संस्कृति, कई भाषाओं, धर्मों, भौगोलिक विविधता होने के बावजूद भी भारतीय लोगों के बीच सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए।
- युवाओं और विभिन्न धर्मों के अन्य लोगों को सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और शिक्षा शिविर के माध्यम से एक दूसरे के साथ मिलकर एक समूह में काम करने और समझने के लिए।
- समाज में लोगों की एकता को मजबूत करने के लिए विविध विचारों, धर्मों और जीवन शैलियों के बारे में युवाओं के बीच बेहतर समझ विकसित करने के लिए।
राष्ट्रीय एकता परिषद क्या है?
भारत की राष्ट्रीय एकता परिषद, वरिष्ठ राजनीतिज्ञों की और लोगों की एक विधानसभा है, जिसे भारत में जातिवाद, सांप्रदायिकता और क्षेत्रवाद जैसी समस्याओं पर अभिभाषण करने की जरूरतों को पूरा करने के लिए स्थापित किया गया था। यह पहली बार भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा 1961 में आयोजित सम्मेलन में, देश की एकता को विभाजित करने के साथ ही प्रगति में बाधा उत्पन्न समस्याओं से लड़ने के उद्देश्य को लेकर स्थापित किया गया था। यह अप्रैल 2010 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में 147 सदस्यों के साथ पुर्नगठित किया गया था। राष्ट्रीय एकता परिषद के सदस्यों द्वारा समय-समय पर भेदभाव के उन्मूलन, सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के साथ ही साथ देश से सांप्रदायिकता और हिंसा के नियंत्रण के लिये बैठक का आयोजन किया जाता है।अक्टूबर माह के महत्वपूर्ण दिवस की सूची - (राष्ट्रीय दिवस एवं अंतराष्ट्रीय दिवस):
तिथि | दिवस का नाम - उत्सव का स्तर |
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01 अक्टूबर | विश्व वृद्ध (वरिष्ठ) नागरिक दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
02 अक्टूबर | अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
02 अक्टूबर | गांधी जयंती - राष्ट्रीय दिवस |
04 अक्टूबर | विश्व पशु कल्याण दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
05 अक्टूबर | विश्व शिक्षक दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
09 अक्टूबर | विश्व डाक दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
10 अक्टूबर | विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
14 अक्टूबर | विश्व मानक दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
15 अक्टूबर | विश्व विद्यार्थी दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
16 अक्टूबर | विश्व खाद्य दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
17 अक्टूबर | अंतरराष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
20 अक्टूबर | विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
21 अक्टूबर | विश्व आयोडीन अल्पता दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
24 अक्टूबर | विश्व पोलियो दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
24 अक्टूबर | विश्व विकास सूचना दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
30 अक्टूबर | विश्व बचत दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
31 अक्टूबर | राष्ट्रीय एकता दिवस - राष्ट्रीय दिवस |
अक्टूबर महीने का दूसरा गुर अक्टूबर | विश्व दृष्टि दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
अक्टूबर माह का प्रथम सोमवा अक्टूबर | विश्व पर्यावास दिवस - अंतरराष्ट्रीय दिवस |
राष्ट्रीय एकता दिवस प्रश्नोत्तर (FAQs):
राष्ट्रीय एकता दिवस प्रत्येक वर्ष 31 अक्टूबर को मनाया जाता है।
हाँ, राष्ट्रीय एकता दिवस एक राष्ट्रीय दिवस है, जिसे पूरे भारत हम प्रत्येक वर्ष 31 अक्टूबर को मानते हैं।
राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरुआत 2014 को की गई थी।
राष्ट्रीय एकता दिवस प्रत्येक वर्ष भारत द्वारा मनाया जाता है।