साईं बाबा मंदिर संक्षिप्त जानकारी
स्थान | शिरडी, अहमदनगर, महाराष्ट्र (भारत) |
निर्माणकाल | 1922 ई. |
निर्माता | श्रीमंत गोपालराओं |
प्रकार | सांस्कृतिक, धार्मिक मंदिर |
साईं बाबा मंदिर का संक्षिप्त विवरण
भारतीय इतिहास के सबसे सुंदर अध्यायों में से एक है शिरडी के साईं बाबा का इतिहास। शिरडी के साईं बाबा को भारत के सबसे महान पुरुषो में से एक माना जाता है। इनके सकारात्मक विचार और दृष्टिकोण के कारण ही भारत की अधिकांश जनसंख्या इनकी आराधना ईश्वर के रूप में करती है।
यह एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने हिन्दू और मुस्लिम संप्रदाय के लोगो के मध्य एकता को बढ़ाने का कार्य किया था, जिस कारण इन्हें न केवल हिन्दू संप्रदाय के लोग पूजते है अपितु मुस्लिम संप्रदा के लोग भी इनकी आराधना करते है। इनकी आराधना करने के लिए महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित शिरडी में साईं बाबा का मंदिर भी स्थापित किया गया है।
साईं बाबा मंदिर का इतिहास
शिरडी में साईं बाबा के पवित्र मंदिर का इतिहास तब से शुरू होता है जब साईं बाबा शिरडी में आते है। वह शिरडी में कुछ वर्षो तक रहे और फिर 1 वर्ष के लिए शिरडी से कंही चले जाते है और लगभग 1858 ई. में वह पुन: शिरडी वापस लौट आते है। शिरडी में स्थित साईं बाबा के मंदिर का निर्माण साईं बाबा की समाधि के ऊपर लगभग 1922 में करवाया गया था। माना जाता है कि साईं 16 वर्ष की आयु में शिरडी आए थे और चिरसमाधि में लीन होने तक यहीं रहे थे।
साईं बाबा मंदिर के रोचक तथ्य
- साईं बाबा के जन्म और नाम को लेकर कुछ भी स्पष्ट नही है लेकिन कुछ इतिहासकारो के अनुसार इनका जन्म 1838 ई. में हुआ था और इनका वास्तविक नाम हरिभाऊ भुसारी था।
- साईं बाबा शिरडी में पहली बार लगभग 1854 ई. में आएं थे। जिसके बाद वह वहाँ तीन वर्ष रहे और 1 वर्ष के लिए कंही और चले गये थे। वर्ष 1858 में साईं बाबा शिरडी में पुन: लौटे और वहाँ पर अपना पूरा जीवन व्यतीत कर दिया।
- माना जाता है कि साईं बाबा की मृत्यु वर्ष 15 अक्टूबर 1918 में शिरडी के उसी स्थान पर हुई थी जहाँ आज उनका एक भव्य मंदिर है।
- शिरडी के साईं बाबा के मंदिर का निर्माण लगभग 1922 ई. में श्रीमंत गोपालराओ और साईं भक्तो ने करवाया था।
- इस मंदिर का निर्माण हिन्दू वास्तुकला शैली में करवाया गया है, जिस कारण यह मंदिर साईं के सबसे अनोखे मन्दिरों में से एक बन जाता है।
- साईं हिन्दू-मुस्लिम एकता के बड़े समर्थक थे, जिस कारण उनके भक्त न केवल हिन्दू थे अपितु कुछ मुसलमान भी थे। साईं के मन्दिरों में प्रत्येक धर्म के लोगो को जाने की अनुमति प्रदान की गई है।
- शिरडी के साईं मंदिर में प्रत्येक वर्ष लाखो रूपए का सोना चढ़ावे के रूप में दिया जाता है जो न केवल भारतीय अपितु लगभग 100 अलग देशो के साईं भक्त दान करते है।
- भारत के सबसे जाने-पहचाने उद्योगपति केशव आर. मुरुगेश ने शिरडी के साईं मंदिर को लगभग 110 करोड़ रुपयों का दान दिया था, ताकि उन रुपयों का उपयोग कर शिरडी में लगभग 14,000 आश्रम खोले जा सके।
- 2011 में आई एक रिपोर्ट के अनुसार शिरडी में साक्षरता दर 70% है, जबकि पूरे भारत की साक्षरता दर लगभग 59.5% है।
- शिरडी के साईं बाबा और मंदिर पर अनेक फिल्मे बन चुकी है, जिनमे शिरडी के साईं बाबा, शिरडी साईं बाबा, ईश्वर अवतार साईं बाबा और मालिक आदि प्रमुख है।