शीला दीक्षित का जीवन परिचय एवं उनसे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी
✅ Published on March 31st, 2021 in प्रसिद्ध व्यक्ति, राजनीति में प्रथम इस अध्याय के माध्यम से हम जानेंगे शीला दीक्षित (Sheila Dikshit) से जुड़े महत्वपूर्ण एवं रोचक तथ्य जैसे उनकी व्यक्तिगत जानकारी, शिक्षा तथा करियर, उपलब्धि तथा सम्मानित पुरस्कार और भी अन्य जानकारियाँ। इस विषय में दिए गए शीला दीक्षित से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों को एकत्रित किया गया है जिसे पढ़कर आपको प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में मदद मिलेगी। Sheila Dikshit Biography and Interesting Facts in Hindi.
शीला दीक्षित के बारे में संक्षिप्त जानकारी
नाम | शीला दीक्षित (Sheila Dikshit) |
जन्म की तारीख | 31 मार्च 1938 |
जन्म स्थान | कपूरथला, पंजाब, ब्रिटिश भारत |
निधन तिथि | 20 जुलाई 2019 |
पिता का नाम | संजय कपूर |
उपलब्धि | 1998 - दिल्ली की दूसरी महिला मुख्यमंत्री |
पेशा / देश | महिला / राजनीतिज्ञ / भारत |
शीला दीक्षित (Sheila Dikshit)
शीला दीक्षित एक भारतीय राजनेता थीं और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र में सबसे अधिक समय तक सेवा करने वाली मुख्यमंत्रियों में से एक थीं। वे दिल्ली की दूसरी महिला मुख्यमंत्री के साथ साथ देश की पहली ऐसी महिला मुख्यमंत्री थीं जिन्होंने लगातार तीन बार मुख्यमंत्री पद पर कार्य किया था।
शीला दीक्षित का निधन
शीला दीक्षित की मृत्यु 19 जुलाई 2019 को एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट में भर्ती कारया गया परंतु हृदयाघात होने के कारण 20 जुलाई 2019 को 81 साल की उम्र में उनकी मृत्यु हो गई। जिसके लिए दिल्ली सरकार ने उनकी मृत्यु पर दिल्ली में दो दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया था।
शीला दीक्षित की शिक्षा
इनकी प्रारम्भिक शिक्षा से लेकर माध्यमिक शिक्षा दिल्ली के कान्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल से प्राप्त की, जिसके बाद मास्टर्स ऑफ आर्ट्स में स्नातक की डिग्री उन्होनें दिल्ली के ही मिरांडा हाउस कालेज से हासिल की थी। शीला दीक्षित का विवाह पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल उमा शंकर दीक्षित के पुत्र विनोद दीक्षित से हुआ था। उस समय विनोद भारतीय प्रशासनिक सेवा में एक अधिकारी के रूप में कार्यरत थे। दीक्षित की दो संतानें हैं, एक पुत्र व एक पुत्री, पुत्र का नाम संदीप दीक्षित और पुत्री का नाम लतिका दीक्षित सैयद है।
शीला दीक्षित का करियर
शीला दीक्षित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से 1998 से 2013 तक दिल्ली की महिला मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत रहीं थीं। उन्होने 15 वर्षों तक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की मुख्यमंत्री का पद संभाला था। शीला दीक्षित ने पहली बार मुख्यमंत्री के पद के लिए 1998 में गोल मार्किट क्षेत्र से चुनाव जीता था। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी, कीर्ति आज़ाद को 5,667 वोटों से पराजित कर 70 में से 52 सीटें जीती थीं और तब वह पहली बार सुषमा स्वराज के बाद दूसरी महिला मुख्यमंत्री बनी थीं। उन्होंने दूसरी बार 2003 में विधानसभा चुनावों में गोल बाजार विधानसभा क्षेत्र से, भाजपा की प्रत्याशी पूनम आजाद को 12,935 वोटों से पराजित करके जीत हासिल की थी और यह उनका दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर दूसरा कार्यकाल था। उन्होंने तीसरी बार 2008 में दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा, जिसमें उन्होने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी विजय जौली को 13,982 वोटों से पराजित कर जीत हासिल की थी शीला दीक्षित की इस जीत से कांग्रेस सरकार को 70 में से 43 सीटें हासिल हुई थी। जिसके साथ दीक्षित ने निरंतर तीसरी बार जीत हासिल कर दिल्ली की मुख्यमंत्री पद पर बनी रहीं। जब 2013 में शीला दीक्षित ने दिल्ली विधानसभा में चुनाव लड़ा तब आम आदमी पार्टी के संस्थापक अरविंद केजरीवाल ने 25,864 वोटों से शीला दीक्षित को पराजित किया था। जिसके साथ ही उन्होंने 8 दिसंबर 2013 को मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया परंतु 28 दिसंबर 2013 तक अरविंद केजरीवाल द्वारा शपथ ग्रहण करने तक दिल्ली राज्य की कार्यवाहक मुख्यमंत्री बनी रही।
शीला दीक्षित ने 1984 और 1989 के बीच की अवधि के दौरान, उत्तर प्रदेश के कन्नौज संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व भी किया था। 1970 ई॰ में यंग वुमेन एसोसिएशन की अध्यक्ष बनी तब उन्होंने दिल्ली में दो बड़े छात्रावासों की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। 1978 ई॰ से 1984 ई॰ तक वह गार्मेंट्स एक्स्पोर्टर्स एसोसियेशन के कार्यपालक सचिव पद पर कार्यरत रहीं। शीला दीक्षित इंदिरा गाँधी स्मारक ट्रस्ट की सचिव भी थीं, इंदिरा गाँधी स्मारक ट्रस्ट शांति, निशस्त्रीकरण एवं विकास के लिये इंदिरा गाँधी पुरस्कार प्रदान करता है, इनके संरक्षण में ही, इस ट्रस्ट ने एक पर्यावरण केन्द्र भी खोला था। उन्हों ने 1984 ई॰ से 1989 ई॰ के मध्य पांच साल के लिए महिलाओं की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र आयोग समिति में भारत का प्रतिनिधित्व किया था।
शीला दीक्षित के पुरस्कार और सम्मान
दिल्ली वुमेन ऑफ द अचीवर्स अवार्ड को 2013 में उत्कृष्ट सार्वजनिक सेवा के लिए, लेडीज लीग द्वारा शीला दीक्षित को दिया गया था। शीला दीक्षित को 2010 में भारत-ईरान सोसायटी द्वारा दारा शिकोह पुरस्कार दिया गया था। 2010 में उन्हेंभारत-ईरान सोसायटी द्वारा दारा शिकोह पुरस्कार दिया गया। 2013 में उत्कृष्ट सार्वजनिक सेवा के लिए ऑल लेडीज लीग द्वारा दिल्ली वीमेन ऑफ द डिकेड अचीवर्स पुरस्कार दिया गया। 2008 में जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया द्वारा भारत के सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री होने का गौरव प्राप्त हुआ।
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