उच्चतम न्यायालय की जानकारी:
राज्य स्तर पर सबसे कड़ी न्यायिक शक्ति देश में हाई कोर्ट यानी उच्च न्यायालय के पास होती है। देश में कुल 25 हाई कोर्ट हैं, जिनमें से सात में कई न्यायालय हैं। इनका क्षेत्राधिकार राज्य, केंद्र शासित प्रदेश या राज्यों के समूह पर होता है। सबसे पुराना हाई कोर्ट वर्ष 1862 में कलकत्ता में स्थापित हुआ था। हाई कोर्ट के तहत सिविल और आपराधिक निचली अदालतें और ट्रिब्यूनल कार्य करते हैं। परंतु सभी हाई कोर्ट भारत की सुप्रीम कोर्ट के तहत आते हैं।
भारतीय राज्यों के वर्तमान मुख्य न्यायधीशों की सूची:
न्यायालय का नाम | मुख्य न्यायाधीश | (सीजे / एसीजे के रूप में नियुक्ति की तिथि)-(सेवानिवृत्ति की तिथि) |
इलाहाबाद उच्च न्यायालय | प्रीतिंकर दिवाकर | (26 मार्च 2023 - 21 नवंबर 2023) |
आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय | धीरज सिंह ठाकुर | (28 जुलाई 2023 - 24 अप्रैल 2026) |
बॉम्बे हाई कोर्ट | देवेन्द्र कुमार उपाध्याय | (29 जुलाई 2023 -15 जून 2027) |
कलकत्ता उच्च न्यायालय | टी. एस. शिवगणनम | (31 मार्च 2023 - 15 सितंबर 2025) |
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय | रमेश सिन्हा | (29 मार्च 2023 - 4 सितंबर 2026) |
दिल्ली उच्च न्यायालय | सतीश चंद्र शर्मा | (28 जून 2022 - 29 नवंबर 2023) |
गौहाटी उच्च न्यायालय | संदीप मेहता | (15 फरवरी 2023 - 10 जनवरी 2025) |
गुजरात उच्च न्यायालय | सुनीता अग्रवाल | (23 जुलाई 2023 - 29 अप्रैल 2028) |
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय | एमएस रामचन्द्र राव | (30 मई 2023 - 6 अगस्त 2028) |
जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय | एन कोटेश्वर सिंह | (15 फरवरी 2023 - 28 फरवरी 2025) |
झारखंड उच्च न्यायालय | संजय कुमार मिश्रा | (20 फरवरी 2023 - 28 दिसंबर 2023) |
कर्नाटक उच्च न्यायालय | प्रसन्ना बी वरले | (15 अक्टूबर 2022 - 22 जून 2024) |
केरल उच्च न्यायालय | आशीष जीतेन्द्र देसाई | (22 जुलाई 2023 - 4 जुलाई 2024) |
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय | रवि मालिमथ | (14 अक्टूबर 2021 - 24 मई 2024) |
मद्रास उच्च न्यायालय | संजय वी. गंगापुरवाला | (28 मई 2023 - 23 मई 2024) |
मणिपुर उच्च न्यायालय | एम. वी. मुरलीधरन | (6 फरवरी 2023 – 15 अप्रैल 2024) |
मेघालय उच्च न्यायालय | संजीब बनर्जी | (24 नवंबर 2021 - 1 नवंबर 2023) |
उड़ीसा उच्च न्यायालय | सुभासिस तलपत्रा | (8 अगस्त 2023 - 3 अक्टूबर 2023) |
पटना उच्च न्यायालय | के विनोद चंद्रन | (29 मार्च 2023 - 24 अप्रैल 2025) |
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय | रविशंकर झां | (06-अक्टूबर-2019 - 13-अक्टूबर-2023) |
राजस्थान उच्च न्यायालय | ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह | (30 मई 2023 - 11 मार्च 2025) |
सिक्किम उच्च न्यायालय | विश्वनाथ सोमाद्दर | (12 अक्टूबर 2021 - 14 दिसंबर 2025) |
तेलंगाना उच्च न्यायालय | आलोक अराधे | (23 जुलाई 2023 - 12 अप्रैल 2026) |
त्रिपुरा उच्च न्यायालय | अपरेश कुमार सिंह | (17 अप्रैल 2023 - 6 जुलाई 2027) |
उत्तराखंड उच्च न्यायालय | विपिन सांघी | (28 जून 2022 - 26 अक्टूबर 2023) |
उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति:
उच्चतम न्यायालय के सभी न्यायाधीशों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा उच्चतम न्यायालय के परामर्शानुसार की जाती है। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश इस प्रसंग में राष्ट्रपति को परामर्श देने से पूर्व अनिवार्य रूप से चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों के समूह से परामर्श प्राप्त करते हैं तथा इस समूह से प्राप्त परामर्श के आधार पर राष्ट्रपति को परामर्श देते हैं।
अनुछेद 124 के अनुसार मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति करते समय राष्ट्रपति अपनी इच्छानुसार सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सलाह लेगा। वहीं अन्य जजों की नियुक्ति के समय उसे अनिवार्य रूप से मुख्य न्यायाधीश की सलाह माननी पड़ेगी। संविधान के अनुच्छेद 214 के अनुसार प्रत्येक राज्य के लिए एक उच्च न्यायालय का प्रावधान है। अनुच्छेद 231 के तहत संसद को यह अधिकार प्राप्त है कि वह दो या अधिक राज्यों के लिए उच्च न्यायालय की स्थापना कर सकता है। उच्च न्यायालय को अभिलेख न्यायालय अनुच्छेद 215 के अनुसार घोषित किया गया है।
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की योग्यताएँ:
- व्यक्ति भारत का नागरिक हो।
- कम से कम पांच साल के लिए उच्च न्यायालय का न्यायाधीश या दो या दो से अधिक न्यायालयों में लगातार कम से कम पांच वर्षों तक न्यायाधीश के रूप में कार्य कर चुका हो।
- किसी उच्च न्यायालय या न्यायालयों में लगातार दस वर्ष तक अधिवक्ता रह चुका हो।
- वह व्यक्ति राष्ट्रपति की राय में एक प्रतिष्ठित विधिवेत्ता होना चाहिए।
- उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश बनने हेतु किसी भी प्रदेश के उच्च न्यायालय में न्यायाधीश का पांच वर्ष का अनुभव होना अनिवार्य है और वह 62 वर्ष की आयु पूरी न किया हो।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों का कार्यकाल:
भारतीय सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष होती है। न्यायाधीशों को केवल (महाभियोग) दुर्व्यवहार या असमर्थता के सिद्ध होने पर संसद के दोनों सदनों द्वारा दो-तिहाई बहुमत से पारित प्रस्ताव के आधार पर ही राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है।
यह भी पढ़ें:
- भारत के मुख्य न्यायाधीश की सूची (वर्ष 1950 से 2023 तक) 🔗
- भारत के उच्च न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) की सूची 🔗
- कॉलेजियम प्रणाली- भारत में न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया 🔗
- भारत के उच्च न्यायालयों की सूची, स्थापित अधिनियम और न्यायक्षेत्र 🔗