राष्ट्रीय महिला आयोग किसे कहते है?
राष्ट्रीय महिला आयोग भारतीय संसद द्वारा 1990 में पारित अधिनियम के तहत जनवरी 1992 में गठित एक संवैधानिक निकाय है। यह एक ऐसी इकाई है जो शिकायत या स्वतः संज्ञान के आधार पर महिलाओं के संवैधानिक हितों और उनके लिए कानूनी सुरक्षा उपायों को लागू कराती है। आयोग की पहली प्रमुख सुश्री जयंती पटनायक थीं। ललिता कुमारमंगलम का कार्यकाल पूरा होने के बाद 7 अगस्त 2021 को रेखा शर्मा को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है
राष्ट्रीय महिला आयोग के बारें में संक्षिप्त जानकारी:
स्थापना वर्ष | 1992 |
मुख्यालय | नई दिल्ली |
प्रथम राष्ट्रीय महिला आयोग अध्यक्ष | श्रीमति जयंती पटनायक |
वर्तमान राष्ट्रीय महिला आयोग अध्यक्ष 2023 | रेखा शर्मा |
प्रमुख उद्देश्य | भारत में महिलाओं के हितों की रक्षा करना और उन्हें बढ़ावा देना |
क्षेत्राधिकार | भारत सरकार |
राष्ट्रीय महिला आयोग का उद्देश्य:
राष्ट्रीय महिला आयोग का उद्देश्य भारत में महिलाओं के अधिकारों का प्रतिनिधित्व करने के लिए और उनके मुद्दों और चिंताओं के लिए एक आवाज प्रदान करना है। आयोग ने अपने अभियान में प्रमुखता के साथ दहेज, राजनीति, धर्म और नौकरियों में महिलाओं के लिए प्रतिनिधित्व तथा श्रम के लिए महिलाओं के शोषण को शामिल किया है, साथ ही महिलाओं के खिलाफ पुलिस दमन और गाली-गलौज को भी गंभीरता से लिया है।
बलात्कार पीड़ित महिलाओं के राहत और पुनर्वास के लिए बनने वाले कानून में राष्ट्रीय महिला आयोग की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। अप्रवासी भारतीय पतियों के जुल्मों और धोखे की शिकार या परित्यक्त महिलाओं को कानूनी सहारा देने के लिए आयोग की भूमिका भी अत्यंत सराहनीय रही है।
राष्ट्रीय महिला आयोग के कार्य एवं अधिकार:
आयोग के कार्यों में संविधान तथा अन्य कानूनों के अंतर्गत महिलाओं के लिए उपबंधित सुरक्षापायों की जांच और परीक्षा करना है। साथ ही उनके प्रभावकारी कार्यांवयन के उपायों पर सरकार को सिफारिश करना और संविधान तथा महिलाओं के प्रभावित करने वाले अन्य कानूनों के विद्यमान प्रावधानों की समीक्षा करना है। इसके अलावा संशोधनों की सिफारिश करना तथा ऐसे कानूनों में किसी प्रकार की कमी, अपर्याप्तता, अथवा कमी को दूर करने के लिए उपचारात्मक उपाय करना है।
शिकायतों पर विचार करने के साथ-साथ महिलाओं के अधिकारों के वंचन से संबंधित मामलों में अपनी ओर से ध्यान देना तथा उचित प्राधिकारियों के साथ मुद्दे उठाना शामिल है। भेदभाव और महिलाओं के प्रति अत्याचार के कारण उठने वाली विशिष्ट समस्याओं अथवा परिस्थितियों की सिफारिश करने के लिए अवरोधों की पहचान करना, महिलाओं के सामाजिक आर्थिक विकास के लिए योजना बनाने की प्रक्रिया में भागीदारी और सलाह देना तथा उसमें की गई प्रगति का मूल्यांकन करना इनके प्रमुख कार्य हैं।
साथ ही कारागार, रिमांड गृहों जहां महिलाओं को अभिरक्षा में रखा जाता है, आदि का निरीक्षण करना और जहां कहीं आवश्यक हो उपचारात्मक कार्रवाई किए जाने की मांग करना इनके अधिकारों में शामिल है। आयोग को संविधान तथा अन्य कानूनों के तहत महिलाओं के रक्षोपायों से संबंधित मामलों की जांच करने के लिए सिविल न्यायालय की शक्तियां प्रदान की गई हैं।
राष्ट्रीय महिला आयोग के अध्यक्षों की सूची (1992-2023):
अध्यक्ष का नाम | कार्यकाल का प्रारंभ | कार्यकाल की समाप्ति |
जयंती पटनायक | 03 फरवरी 1992 | 30 जनवरी 1995 |
वी मोहिनी गिरि | 21 जुलाई 1995 | 20 जुलाई 1998 |
विभा पार्थसारथी | 18 जनवरी 1999 | 17 जनवरी 2002 |
पूर्णिमा आडवाणी | 25 जनवरी 2002 | 24 जनवरी 2005 |
गिरिजा व्यास | 16 फरवरी 2005 | 15 फरवरी 2008 |
गिरिजा व्यास | 09 अप्रैल 2008 | 08 अप्रैल 2011 |
ममता शर्मा | 02 अगस्त 2011 | 01 अगस्त 2014 |
ललिता कुमारमंगलम | 17 सितंबर 2014 | 8 अगस्त 2018 |
रेखा शर्मा | 7 अगस्त‚ 2021 से | अब तक |
यह भी पढ़ें:
- संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष, कार्य एवं भूमिका 🔗
- भारत की प्रमुख जांच समितियाँ एवं आयोग के नाम 🔗
- भारतीय चुनाव आयोग का इतिहास, कार्य एवं मुख्य शक्तियाँ 🔗
- वित्त आयोग के अध्यक्ष एवं कार्य 🔗