भारतीय इतिहास की प्रमुख युद्ध सन्धियाँ कब और किसके बीच हुई:
भारत और विश्व इतिहास में समय-समय पर कई युद्ध सन्धियाँ हुई हैं। भारत और विश्व रियासतों में आपस में ही कई इतिहास प्रसिद्ध युद्ध लड़े गए। इन देशी रियासतों की आपसी फूट भी इस हद तक बढ़ चुकी थी, कि अंग्रेज़ों ने उसका पूरा लाभ उठाया। राजपूतों, मराठों और मुसलमानों में भी कई सन्धियाँ हुईं। भारत के इतिहास में अधिकांश सन्धियों का लक्ष्य सिर्फ़ एक ही था, दिल्ली सल्तनत पर हुकूमत।
अंग्रेज़ों ने ही अपनी सूझबूझ और चालाकी व कूटनीति से दिल्ली की हुकूमत प्राप्त की थी, हालाँकि उन्हें भारत में अपने पाँव जमाने के लिए काफ़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा था, फिर भी उन्होंने भारतीयों की आपसी फूट का लाभ उठाते हुए इसे एक लम्बे समय तक ग़ुलाम बनाये रखा। आइये जानते है भारत और विश्व इतिहास में हुई प्रमुख युद्ध सन्धियों के नाम, किस-किस के बीच एवं कब हुई के बारे में:-
विश्व इतिहास में हुई प्रमुख युद्ध सन्धियाँ कब हुई की सूची:
सन्धि का नाम | किस-किस के बीच हुई | कब हुई |
अलीनगर की सन्धि | बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और ईस्ट इंडिया कम्पनी के बीच | 09 फरवरी, 1757 ई. |
इलाहाबाद की सन्धि | रॉबर्ट क्लाइव और बादशाह शाहआलम द्वितीय के बीच | 1765 ई. |
मसुलीपट्टम की सन्धि | - | 23 फरवरी, 1768 ई. |
बनारस की सन्धि प्रथम | अवध के नवाब शुजाउद्दौला तथा ईस्ट इंडिया कम्पनी के बीच | 1773 ई. |
बनारस की सन्धि द्वितीय | राजा चेतसिंह और ईस्ट इंडिया कम्पनी के बीच | 1775 ई. |
सूरत की सन्धि | राघोवा (रघुनाथराव) और अंग्रेज़ों के बीच | 1775 ई. |
पुरन्दर की सन्धि | मराठों तथा ईस्ट इंडिया कम्पनी के बीच | 1776 ई. |
बड़गाँव की सन्धि | ईस्ट इंडिया कम्पनी की सरकार की ओर से कर्नल करनाक और मराठों के बीच | 1779 ई. |
सालबाई की सन्धि | ईस्ट इण्डिया कम्पनी और महादजी शिन्दे के बीच | 1782 ई. |
बसई की सन्धि | मराठा पेशवा बाजीराव द्वितीय और अंग्रेज़ों के बीच | 31 दिसम्बर, 1802 ई. |
देवगाँव की सन्धि | रघुजी भोंसले और अंग्रेज़ों के बीच | 17 दिसम्बर, 1803 ई. |
सुर्जी अर्जुनगाँव की सन्धि | अंग्रेज़ों और दौलतराव शिन्दे के बीच | 1803 ई. |
अमृतसर की सन्धि | रणजीत सिंह और ईस्ट इंडिया कम्पनी के बीच | 25 अप्रैल, 1809 ई. |
पूना की सन्धि | पेशवा बाजीराव द्वितीय और अंग्रेज़ों के बीच | 1817 ई. |
उदयपुर की सन्धि | उदयपुर के राणा और अंग्रेज़ सरकार के बीच | 1818 ई. |
गंडमक की सन्धि | वाइसराय लॉर्ड लिटन और अफ़ग़ानिस्तान के अपदस्थ अमीर शेरअली के पुत्र याक़ूब ख़ाँ के बीच | 1879 ई. |
सुगौली सन्धि | ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी और नेपाल के बीच | 04 मार्च, 1816 ई. |
लाहौर की सन्धि | अंग्रेज़ों और सिक्खों के बीच | 09 मार्च, 1846 ई. |
वर्साय की सन्धि | जर्मनी और गठबन्धन देशों (ब्रिटेन, फ्रान्स, अमेरिका, रूस आदि) के बीच | 28 जून 1919 ई. |
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भारत की युद्ध संधियाँ प्रश्नोत्तर (FAQs):
तीसरे आंग्ल-मैसूर युद्ध को समाप्त करने के लिए टीपू सुल्तान ने अंग्रेजों के साथ श्रीरंगपटटनम् की सन्धि की थी। श्रीरंगपट्टनम की सन्धि मार्च 1792 ई. को हुई थी।
सिंधु जल संधि भारत और पाकिस्तान के बीच नदियों के पानी के बंटवारे के लिए एक संधि है। इस समझौते के अनुसार, तीन "पूर्वी" नदियों - ब्यास, रावी और सतलुज - का नियंत्रण भारत को दिया गया, और तीन "पश्चिमी" नदियों - सिंधु, चिनाब और झेलम - का नियंत्रण पाकिस्तान को दिया गया।
17 मई 1782 को मराठा साम्राज्य और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के प्रतिनिधियों द्वारा प्रथम आंग्ल-मराठा युद्ध को समाप्त करने के लिए लंबी बातचीत के बाद सिन्धिया ने पेशवा व अग्रेजों के मध्य सालबाई की संधि करवाई|
जब भारत और रूस के बीच मित्रता और सहयोग संधि पर हस्ताक्षर किए गए तो लियोनिद ब्रेझनेव रूसी नेता थे। लियोनिद ब्रेज़नेव सोवियत संघ की कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के पूर्व महासचिव थे और 1964 से 1982 में अपनी मृत्यु तक सोवियत संघ के प्रधान मंत्री थे।
व्यापक परीक्षण प्रतिबंध संधि (सीटीबीटी) शस्त्रागार के विकास के लिए परमाणु परीक्षणों पर प्रतिबंध से संबंधित है।