आनंदीबाई जोशी का जीवन परिचय एवं उनसे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी
✅ Published on March 31st, 2021 in प्रसिद्ध व्यक्ति इस अध्याय के माध्यम से हम जानेंगे आनंदीबाई जोशी (Anandibai Joshi) से जुड़े महत्वपूर्ण एवं रोचक तथ्य जैसे उनकी व्यक्तिगत जानकारी, शिक्षा तथा करियर, उपलब्धि तथा सम्मानित पुरस्कार और भी अन्य जानकारियाँ। इस विषय में दिए गए आनंदीबाई जोशी से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों को एकत्रित किया गया है जिसे पढ़कर आपको प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में मदद मिलेगी। Anandibai Joshi Biography and Interesting Facts in Hindi.
आनंदीबाई जोशी के बारे में संक्षिप्त जानकारी
नाम | आनंदीबाई जोशी (Anandibai Joshi) |
वास्तविक नाम / उपनाम | आनंदीबाई गोपालराव जोशी / आनंदी गोपाल जोशी, आनंदीबाई गोपाळराव जोशी |
जन्म की तारीख | 31 मार्च 1865 |
जन्म स्थान | पुणे, (भारत) |
निधन तिथि | 26 फरवरी 1887 |
उपलब्धि | 1886 - डॉक्टरी की डिग्री प्राप्त वाली पहली भारतीय महिला |
पेशा / देश | महिला / चिकित्सक / भारत |
आनंदीबाई जोशी (Anandibai Joshi)
आनंदीबाई जोशी पहली भारतीय महिला थीं, जिन्होंने डॉक्टरी की डिग्री प्राप्त की थी। जिस दौर में महिलाओं की शिक्षा भी दूभर थी, उस समय विदेश जाकर डॉक्टरी की डिग्री हासिल करना उनके लिए एक मिसाल थी। आनंदी गोपाल जोशी का व्यक्तित्व महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत था।
आनंदीबाई जोशी का जन्म
आनंदीबाई जोशी का जन्म 31 मार्च 1865 को पुणे, महाराष्ट्र (भारत) में हुआ था। इनका पूरा नाम आनंदीबाई गोपालराव जोशी था। बचपन में इनके माता पिता इनहे यमुना के नाम से पुकारते थे। इनके पिता का नाम गणपतराव अमृतेश्वर जोशी था जो एक जमीदार का काम करते थे।
आनंदीबाई जोशी का निधन
1886 के अंत में, आनंदीबाई भारत लौट आई थी जहाँ उनका भव्य स्वागत हुआ। तभी इन्हें कोलापुर की रियासत ने उन्हें स्थानीय अल्बर्ट एडवर्ड अस्पताल की महिला वार्ड के चिकित्सक प्रभारी के रूप में नियुक्त किया था। परन्तु अगले वर्ष, 26 फरवरी 1887 को पुणे, बॉम्बे प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत में आनंदीबाई की 22 साल की उम्र में तपेदिक से मृत्यु हो गई।
आनंदीबाई जोशी की शिक्षा
चौदह वर्ष की आयु में, आनंदीबाई ने एक लड़के को जन्म दिया, लेकिन चिकित्सा देखभाल की कमी के कारण बच्चा कुल दस दिनों तक ही जीवित रहा। यह आनंदी के जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ और उन्हें एक चिकित्सक बनने के लिए प्रेरित किया। गोपालराव ने मिशनरी स्कूलों में दाखिला लेने और काम न करने की कोशिश करने के बाद, वे कलकत्ता चली गई। वहां उसने संस्कृत और अंग्रेजी पढ़ना और बोलना सीखा। उनके पति ने उन्हें दवा का अध्ययन करने के लिए प्रोत्साहित किया। 1880 में उन्होंने एक प्रसिद्ध अमेरिकी मिशनरी, रॉयल वाइल्डर को एक पत्र भेजा, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी की रुचि को देखते हुए संयुक्त राज्य अमेरिका में चिकित्सा का अध्ययन किया और अपने लिए अमेरिका में एक उपयुक्त पद की जानकारी ली। वाइल्डर ने अपने प्रिंसटन के मिशनरी रिव्यू में पत्राचार प्रकाशित किया।
आनंदीबाई जोशी का करियर
उनका परिवार एक रूढ़िवादी मराठी परिवार था, जो केवल संस्कृत पढ़ना जानता था। उनका विवाह मात्र नौ वर्ष की उम्र में ही उनसे 20 साल बड़े युवक गोपालराव से किया गया था। 14 साल की उम्र में आनंदीबाई पहली बार मां बनी, लेकिन संतान जीवित नहीं रह सकी क्योंकि उस समय उनको सही इलाज प्राप्त नहीं हो सका आनंदीबेन अपने सपनों को पूरा करने के मकसद से मेडिकल क्षेत्र में शिक्षा पाने के लिए अमेरिका चली गई और साल 1886 में 19 साल की उम्र में उन्होंने MD की डिग्री हासिल की।
आनंदीबाई जोशी के पुरस्कार और सम्मान
शुक्र ग्रह पर बहुत बड़े-बड़े गड्ढे हैं। इस ग्रह के तीन गड्ढों के नाम भारत की तीन प्रसिद्ध महिलाओं के नाम पर रखे गये हैं तथा जोशी क्रेटर (शुक्र ग्रह पर बना हुआ एक गड्ढा) यह नाम आनंदी गोपाल जोशी के नाम पर रखा गया है। इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च एंड डॉक्यूमेंटेशन इन सोशल साइंसेज (IRDS), लखनऊ का एक गैर-सरकारी संगठन है, जो भारत में चिकित्सा विज्ञान को आगे बढ़ाने के लिए उनके शुरुआती योगदान के सम्मान में मेडिसिन के लिए आनंदीबाई जोशी पुरस्कार प्रदान कर रहा है। इसके अलावा, महाराष्ट्र सरकार ने महिलाओं के स्वास्थ्य पर काम करने वाली युवा महिलाओं के लिए उनके नाम पर एक फैलोशिप की स्थापना की है। 31 मार्च 2018 को, Google ने उसकी 153 वीं जयंती को चिह्नित करने के लिए उसे Google Doodle के साथ सम्मानित किया।
भारत के अन्य प्रसिद्ध चिकित्सक
व्यक्ति | उपलब्धि |
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रीता फारिया की जीवनी | भारत की पहली मिस वर्ल्ड |
रखमाबाई राऊत की जीवनी | भारत की पहली महिला डॉक्टर |
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नीचे दिए गए प्रश्न और उत्तर प्रतियोगी परीक्षाओं को ध्यान में रख कर बनाए गए हैं। यह भाग हमें सुझाव देता है कि सरकारी नौकरी की परीक्षाओं में किस प्रकार के प्रश्न पूछे जा सकते हैं। यह प्रश्नोत्तरी एसएससी (SSC), यूपीएससी (UPSC), रेलवे (Railway), बैंकिंग (Banking) तथा अन्य परीक्षाओं में भी लाभदायक है।