प्रमुख औषधियों के नाम एवं उनके स्त्रोतों की सूची: (List of major drugs, types and their sources in Hindi)
औषधि किसे कहते है?
औषधि वह पदार्थ है जिन का निश्चित मात्रा शरीर मैं निश्चित प्रकार का असर दिखाता है। इनका प्रयोजन चिकित्सा में होता है। किसी भी पदार्थ को औषधि के रूप में प्रयोजन करके के लिए उस पदार्थ का गुण, मात्रा अनुसार का व्यवहार, शरीर पर विभिन्न मात्राओं में होने वाला प्रभाव आदि का जानकारी अपरिहार्य है। औषधियाँ रोगों के इलाज में काम आती हैं। प्रारंभ में औषधियाँ पेड़-पौधों, जीव जंतुओं से प्राप्त की जाती थीं, लेकिन जैसे-जैसे रसायन विज्ञान का विस्तार होता गया, नए-नए तत्वों की खोज हुई तथा उनसे नई-नई औषधियाँ कृत्रिम विधि से तैयार की गईं।
औषधियों के प्रकार (Kinds of drugs)
- अंत:स्रावी औषधियाँ (Endocrine drugs): ये औषधियाँ मानव शरीर मे प्राकृतिक हारमोनों के कम या ज्यादा उत्पादन को संतुलित करती हैं। उदाहरण- इंसुलिन का प्रयोग डायबिटीज (Diabetes) के इलाज के लिए किया जाता है।
- एंटी इंफेक्टिव औषधियाँ (Anti-infectives drugs): एंटी-इंफेक्टिव औषधियों को एंटी-बैक्टीरियल (anti-bacterial), एंटी वायरल (anti viral) अथवा एंटीफंगल (Antifungal) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। इनका वर्गीकरण रोगजनक सूक्ष्मजीवियों के प्रकार पर निर्भर करता है। ये औषधियाँ सूक्ष्मजीवियों की कार्यप्रणाली में हस्तक्षेप करके उन्हें समाप्त कर देती हैं जबकि मानव शरीर इनसे अप्रभावित रहता है।
- एंटीबायोटिक औषधियां (Antibiotics drug): एंटीबायोटिक्स औषधियाँ अत्यन्त छोटे सूक्ष्मजीवियों, मोल्ड्स, फन्जाई (fungi) आदि से बनाई जाती हैं। पेनिसिलिन (penicillin), ट्रेटासाइक्लिन (Tetracycline), सेफालोस्पोरिन्स (cephalosporins), स्ट्रेप्टोमाइसिन (Streptomycin), जेंटामाइसिन (Gentamicin) आदि प्रमुख एंटीबायोटिक औषधियाँ हैं।
- एंटी-वायरल औषधियाँ (Anti-viral drugs): ये औषधियाँ मेहमान कोशिकाओं में वायरस के प्रवेश को रोककर उसके जीवन चक्र को प्रभावित करती हैं। ये औषधियाँ अधिकांशता रोगों को दबाती ही हैं। एड्स संक्रमण (AIDS infection) के मामलों में अभी तक किसी भी प्रभावी औषधि का निर्माण संभव नहीं हो सका है।
- वैक्सीन (Vaccine): वैक्सीन का प्रयोग कनफेड़ा (Mumps), छोटी माता (Chickenpox), पोलियो (Polio) और इन्फ्लूएंजा (Flu) जैसे रोगों में, एंटी-वायरल औषधि के रूप में किया जाता है। वैक्सीनों का निर्माण जीवित अथवा मृत वायरसों से किया जाता है। प्रयोग के पूर्व इनका तनुकरण किया जाता है। वैक्सीन के शरीर में प्रवेश से मानव इम्यून प्रणाली का उद्दीपन होता है जिससे एंडीबॉडीज़ (Andibodies) का निर्माण होता है। ये एंटीबॉडीज़ शरीर को समान प्रकार के वायरस के संक्रमण से बचाती हैं।
- एंटी-फंगल औषधियाँ (Antifungal drugs): एंटी फंगल औषधियाँ कोशिका भित्ति में फेरबदल करके फंगल कोशिकाओं को चुनकर नष्ट कर देती हैं। कोशिका के जीव पदार्थ का स्राव हो जाता है और वह मृत हो जाती है।
- कार्डियोवैस्कुलर औषधियाँ (Cardiovascular drug): ये औषधियाँ हृदय और रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करती हैं। इनका वर्गीकरण उनकी क्रिया के आधार पर किया जाता है। एंटीहाइपरटेन्सिव औषधियां High blood pressure (hypertension) रक्त वाहिकाओं को फैलाकर रक्तचाप पैदा कर देती हैं। इस तरह से संवहन प्रणाली में हृदय से पंप करके भेजे गए रक्त की मात्रा कम हो जाती है। एंटीआरिदमिक औषधियाँ हृदय स्पंदनों को नियमित करके हृदयाघात से मानव शरीर को बचाती हैं।
रक्त को प्रभावित करने वाली औषधियाँ:
- एंटी-एनीमिक औषधियाँ (Antianemic drug): जिनमें कुछ विटामिन अथवा आयरन शामिल हैं, लाल रक्त कणिकाओं के निर्माण को बढ़ावा देती हैं।
- एंटीकोएगुलेंट औषधियाँ (Anticoagulants drugs): हेपारिन जैसी औषधियाँ रक्त जमने की प्रक्रिया को घटाकर रक्त संचरण को सुचारू करती हैं।
- थ्रॉम्बोलिटिक औषधियाँ (Thrombolysis drugs): ये औषधियाँ रक्त के थक्कों को घोल देती हैं, जिनसे रक्त वाहिकाओं को जाम होने का खतरा होता है। रक्त वाहिकाओं में blocked की वजह से हृदय व मस्तिष्क को रक्त व ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो पाती है।
- केंद्रीय स्नायु तंत्र (central nervous system) की औषधियाँ: ये वे औषधियाँ हैं जो मेरूदण्ड (spinal column) और मस्तिष्क को प्रभावित करती हैं। इनका प्रयोग तंत्रिकीय और मानसिक रोगों के इलाज में किया जाता है। उदाहरण के लिए एंटी-एपीलेप्टिक औषधियाँ Anti-epileptic drugs (AEDs) मष्तिष्क के अतिउत्तेजित क्षेत्रों की गतिविधियों को कम करके मिर्गी के दौरों को समाप्त कर देती हैं। एंटी-साइकोटिक औषधियाँ (anti-pcychotic drugs) सीजोफ्रेनिया (schizophrenia) जैसे मानसिक रोगों के इलाज में काम आती हैं। एंटी-डिप्रेसेंट मानसिक अवसाद की स्थिति को समाप्त करती हैं।
- एंटीकैंसर औषधियाँ (Anti-Cancer Drugs): ये औषधियाँ कुछ कैंसरों को अथवा उनकी तीव्र वृद्धि और फैलाव को रोकती हैं। ये औषधियाँ सभी कैंसरों के लिए कारगर नहीं होती हैं। पित्त की थैली, मस्तिष्क, लिवर अथवा हड्डी इत्यादि के कैंसरों के लिए अलग-अलग औषधियाँ होती हैं। ये औषधियाँ कुछ विशेष तंतुओं अथवा अंगों के लिए विशिष्ट होती हैं। एंटी कैंसर औषधियाँ विशेष कैंसर कोशिकाओं में हस्तक्षेप करके अपना कार्य अंजाम देती हैं।
प्रमुख औषधियों के नाम एवं उनके स्त्रोतों की सूची:
औषधि का नाम | स्त्रोत |
कुनैन (Quinine) | सिनकोना की छाल |
निकोटिन (Nicotine) | तम्बाकू |
कैफीन ( Alkaloid (एल्कलॉएड)) | चाय, कॉफी |
हेरोइन / मॉर्फिन / कोडीन | अफीम |
एस्पिरिन (Aspirin) | विलो |
कोकीन (Cocaine) | इरिथ्रोजायलोन कोक ( अकवन ) |
अब संबंधित प्रश्नों का अभ्यास करें और देखें कि आपने क्या सीखा?
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औषधियों के नाम प्रश्नोत्तर (FAQs):
टेमीफ्लू वायरस संक्रमण के लक्षणों को कम करने और संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद करता है। यह श्वसन इन्फ्लूएंजा के उपचार के लिए उपयोगी है, जिसमें उच्च जोखिम वाले समूह जैसे वृद्धावस्था, गर्भवती महिलाएं, बच्चे और अनुसूचित बीमारियों वाले व्यक्ति शामिल हैं।
चिकित्सा की वह शाखा जिसमें सिंथेटिक रासायनिक यौगिकों को शामिल किया जाता है, एलोपैथी है।
"बी.सी.जी." तपेदिक (टीबी) से बचाव के लिए (बीसीजी) नामक दवा का उपयोग किया जाता है। बीसीजी टीका रोग के प्रमुख प्रेरक एजेंट माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस के खिलाफ संवेदनशीलता विकसित करने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करने में मदद करता है।
पेरासिटामोल एक दर्द निवारक है और बुखार कम करने वाली दवा के रूप में कार्य करती है। पैरासिटामोल टैबलेट का उपयोग सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, गठिया, पीठ दर्द, शरीर दर्द और बुखार के इलाज के लिए किया जाता है।
1946 में, एंटीबायोटिक स्ट्रेप्टोमाइसिन के विकास ने टीबी के लिए प्रभावी उपचार और इलाज को वास्तविकता बना दिया। इस दवा की शुरुआत से पहले, एकमात्र उपचार (सैनेटोरिया को छोड़कर) सर्जरी था, "न्यूमोथोरैक्स तकनीक" जिसमें संक्रमित फेफड़े को फुलाकर उसे "आराम" देकर तपेदिक के घावों को ठीक करने की अनुमति दी जाती थी।