जीवाणु (बैक्टीरिया) से होने वाले रोग, लक्षण एवं प्रभावित अंगों की सूची: 

जीवाणु (बैक्टीरिया) किसे कहते है?

बैक्टीरिया जिन्हें हम हिंदी में जीवाणु कहते है, छोटे-छोटे एककोशिकीय जीव हैं, जो पूरी पृथ्वी पर हर जगह पाए जाते है। वे जीव जिन्हें मनुष्य नंगी आंखों से नही देख सकता तथा जिन्हें देखने के लिए सूक्ष्मदर्शी यंत्र की आवश्यकता पड़ता है, उन्हें सूक्ष्मजीव (माइक्रोऑर्गैनिज्म) कहते हैं। सूक्ष्मजीवों का संसार अत्यन्त विविधता से बह्रा हुआ है। सूक्ष्मजीवों के अन्तर्गत सभी जीवाणु (बैक्टीरिया) और आर्किया तथा लगभग सभी प्रोटोजोआ के अलावा कुछ कवक (फंगी), शैवाल (एल्गी), और चक्रधर (रॉटिफर) आदि जीव आते हैं। सूक्ष्मजीव सर्वव्यापी होते हैं।

यह मृदा, जल, वायु, हमारे शरीर के अंदर तथा अन्य प्रकार के प्राणियों तथा पादपों में पाए जाते हैं। जहाँ किसी प्रकार जीवन संभव नहीं है जैसे गीज़र के भीतर गहराई तक, (तापीय चिमनी) जहाँ ताप 100 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ा हुआ रहता है, मृदा में गहराई तक, बर्फ की पर्तों के कई मीटर नीचे तथा उच्च अम्लीय पर्यावरण जैसे स्थानों पर भी पाए जाते हैं।

बैक्टीरिया से होने वाले रोग, लक्षण एवं प्रभावित अंगों की सूची:

रोग का नाम रोगाणु का नाम प्रभावित अंग लक्षण
हैजा बिबियो कोलेरी पाचन तंत्र उल्टी व दस्त, शरीर में ऐंठन एवं डिहाइड्रेशन
टी. बी. माइक्रोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस फेफड़े खांसी, बुखार, छाती में दर्द, मुँह से रक्त आना
कुकुरखांसी वैसिलम परटूसिस फेफड़ा बार-बार खांसी का आना
न्यूमोनिया डिप्लोकोकस न्यूमोनियाई फेफड़े छाती में दर्द, सांस लेने में परेशानी
ब्रोंकाइटिस जीवाणु श्वसन तंत्र छाती में दर्द, सांस लेने में परेशानी
प्लूरिसी जीवाणु फेफड़े छाती में दर्द, बुखार, सांस लेने में परेशानी
प्लेग पास्चुरेला पेस्टिस लिम्फ गंथियां शरीर में दर्द एवं तेज बुखार, आँखों का लाल होना तथा गिल्टी का निकलना
डिप्थीरिया कोर्नी वैक्ट्रियम गला गलशोथ, श्वांस लेने में दिक्कत
कोढ़ माइक्रोबैक्टीरियम लेप्र तंत्रिका तंत्र अंगुलियों का कट-कट कर गिरना, शरीर पर दाग
टाइफायड टाइफी सालमोनेल आंत बुखार का तीव्र गति से चढऩा, पेट में दिक्कत और बदहजमी
टिटेनस क्लोस्टेडियम टिटोनाई मेरुरज्जु मांसपेशियों में संकुचन एवं शरीर का बेडौल होना
सुजाक नाइजेरिया गोनोरी प्रजनन अंग जेनिटल ट्रैक्ट में शोथ एवं घाव, मूत्र त्याग में परेशानी
सिफलिस ट्रिपोनेमा पैडेडम प्रजनन अंग जेनिटल ट्रैक्ट में शोथ एवं घाव, मूत्र त्याग में परेशानी
मेनिनजाइटिस ट्रिपोनेमा पैडेडम मस्तिष्क सरदर्द, बुखार, उल्टी एवं बेहोशी
इंफ्लूएंजा फिफर्स वैसिलस श्वसन तंत्र नाक से पानी आना, सिरदर्द, आँखों में दर्द
ट्रैकोमा बैक्टीरिया आँख सरदर्द, आँख दर्द
राइनाटिस एलजेनटस नाक नाक का बंद होना, सरदर्द
स्कारलेट ज्वर बैक्टीरिया श्वसन तंत्र बुखार

बैक्टीरिया से जुड़े महत्‍वपूर्ण तथ्यों की सूची:

  • बैक्टीरिया इस ग्रह पर हमसे बहुत पहले से हैं। उन्हें इस पृथ्वी पर जीवन का सबसे पुराना रूप माना जाता है।
  • आपकी काम की टेबल पर मौजूद बैक्टीरिया शौचालय की तुलना में 399 गुणा होते हैं।
  • बैक्टीरिया को पहली बार 1676 में डच माइक्रोस्कोपिस्ट एंटोनी वैन लीउवेनहोके ने अपने स्वयं के डिजाइन के एकल-लेंस माइक्रोस्कोप का उपयोग करके देखा था।
  • संपूर्ण पृथ्वी पर अनुमानतः लगभग15X1030 जीवाणु पाए जाते हैं।
  • जीवाणुओं का अध्ययन  बैक्टिरियोलोजी के अन्तर्गत किया जाता है
  • मानव शरीर में जितनी भी मानव कोशिकाएं है, उसकी लगभग 10 गुणा संख्या तो जीवाणु कोष की ही है।
  • जीवाणुओं का वर्गीकरण प्रोकैरियोट्स के रूप में होता है।
  • अपने साथी का चुंबन लेते समय आप बैक्टीरिया का आदान-प्रदान करते हैं।
  • आपके वज़न का लगभग 2 किलो बैक्टीरिया से बना है।
  • क्या आप जानते हैं कि आपके पेट के निचले हिस्से में सूक्ष्तजीवों की लगभग 1400 प्रजाजियाँ हैं?
  • आपके मोबाइल फोन पर भी बैक्टीरिया होते हैं। टाॅयलेट सीट की तुलना में, आपके फोन पर अधिक संख्या में बैक्टीरिया होते हैं।
  • माइक्रोस्‍कोप के आविष्कार के बाद ही मनुष्य बैक्टीरिया देख पाए हैं।
  • 2500 से अधिक प्रकार के बैक्टीरिया आपके बटुए में मौजूद हर नोट पर होते हैं।
  • आपके शरीर की गंध पसीने के कारण नहीं बल्कि बैक्टीरिया के कारण होती है।
  • बैक्टीरिया इस ग्रह के किसी भी भाग और किसी भी मौसम में जीवित रह सकते हैं।
  • बारिश होने पर, हवा में एक अजीब सी गंध होती है। यह एक प्रकार के बैक्टीरिया, एक्टीनोमाइसीट्स के कारण होती है।
  • क्या आप जानते हैं कि कुछ एंटीबैक्टीरियल दवाएं बैक्टीरिया की मदद से बनती हैं?
  • अप्रैल 2019 में, ईटीएच ज्यूरिख के वैज्ञानिकों ने पूरी तरह से एक कंप्यूटर द्वारा बनाए गए दुनिया के पहले जीवाणु जीनोम का निर्माण किया है, जिसका नाम कुलोबैक्टीरिया एथेंसिस -2.0 है।

जीवाणु से होने वाले रोग प्रश्नोत्तर (FAQs):

जीवाणुओं को सबसे पहले डच वैज्ञानिक एण्टनी वाँन ल्यूवोनहूक ने 1676 ई. में अपने द्वारा ही बनाए गए एकल लेंस सूक्ष्मदर्शी यंत्र से देखा, पर उस समय उसने इन्हें जंतुक समझा था। उसने रायल सोसाइटी को अपने अवलोकनों की पुष्टि के लिए कई पत्र लिखे।

जीवाणु (Bacteria) के निराकरण के लिए जिस प्रकाश-किरण का परखनली के अन्दर वैकृत प्रयोगशाला में प्रयोग किया जाता है, उसका नाम पराबैंगनी विकिरण है। पराबैंगनी किरण (पराबैंगनी लिखीं जाती हैं) एक प्रकार का विद्युत चुम्बकीय विकिरण हैं, जिनकी तरंग दैर्घ्य प्रत्यक्ष प्रकाश से छोटी हो एवं कोमल एक्स किरण से अधिक हो।

जीवाणु (Bacteria) के निराकरण के लिए जिस प्रकाश-किरण का परखनली के अन्दर वैकृत प्रयोगशाला में प्रयोग किया जाता है, उसका नाम पराबैंगनी विकिरण है। पराबैंगनी किरण (पराबैंगनी लिखीं जाती हैं) एक प्रकार का विद्युत चुम्बकीय विकिरण हैं, जिनकी तरंग दैर्घ्य प्रत्यक्ष प्रकाश से छोटी हो एवं कोमल एक्स किरण से अधिक हो।

रोगजनक जीवाणु प्रतिजन को निस्सारित करते हैं। प्रतिरक्षा विज्ञान में, प्रतिजन (antigen) किसी जीवधारी के शरीर में उपस्थित वे अणु हैं जो रोगों से लड़ने की क्षमता उत्पन्न करते हैं। दूसरे शब्दों में, कोई भी पदार्थ जो शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को प्रतिपिण्ड (एन्टीबॉडी) उत्पन्न करने में सहायक होता है, उसको प्रतिजन कहते हैं।

जीवाणु का आकार विषाणु से बड़ा होता है और इन्हें प्रकाशीय सूक्ष्मदर्शी द्वारा देखा जा सकता है। विषाणु का आकार जीवाणु से छोटा होता है। विषाणु को इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी द्वारा देखा जाता है।

जीवाणुओं को नष्ट करने के लिए साधारणतया क्लोरीन गैस का प्रयोग किया जाता है। क्लोरीन एक रासायनिक तत्व है, जिसकी परमाणु संख्या 17 तथा संकेत Cl है।

जीवाणु (बैक्टीरिया) की वृद्धि रूधिर कोशिका मापी (हीमोसाइटोमीटर) के द्वारा मापी जाती है। हेमोसाइटोमीटर (या हेमोसाइटोमीटर) एक गिनती-कक्ष उपकरण है जिसे मूल रूप से डिज़ाइन किया गया है और आमतौर पर रक्त कोशिकाओं की गिनती के लिए उपयोग किया जाता है।

तेल विखराव के शोधन के लिए आनुवंशिक हेरफेर द्वारा, प्राकृतिक आइसोलेटों से उत्पन्न नाइट्रोसोमोनास जीवाणु प्रभेद का प्रयोग किया जा सकता है। नाइट्रोसोमोनास ग्राम-नेगेटिव बैक्टीरिया का एक जीनस है, जो बीटाप्रोटोबैक्टीरिया से संबंधित है।

मृदा में धान की पैदावार को बढ़ाने वाला मुक्तजीवी जीवाणु एजोटोबैक्टर है। एज़ोटोबैक्टर आमतौर पर मोटाइल, अंडाकार या गोलाकार बैक्टीरिया का एक जीन्स है जो मोटी दीवार वाले सिस्ट बनाते हैं और बड़ी मात्रा में कैप्सुलर कीचड़ का उत्पादन कर सकते हैं।

राइजोबियम (Rhizobium) भूमि का जीवाणु (बैक्टिरिया) है जो नाइट्रोजन का यौगीकीकरण करता है। यह दलहनी फसल के लिए सर्वाधिक उपयुक्त जैविक उर्वरक ।एजोला नीले वायु शैवाल को ठीक करने वाले नाइट्रोजन के साथ मिलकर वायुमंडलीय नाइट्रोजन को ठीक करता है।

  Last update :  Thu 8 Sep 2022
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